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Shashi Tharoor: थरूर के ‘वंशवाद’ पर लेख से छिड़ी बहस — कांग्रेस बोली, “त्याग और सेवा में गांधी परिवार का कोई सानी नहीं”

Shashi Tharoor Nepo Kid Statement: कांग्रेस ने कहा, गांधी परिवार का त्याग और समर्पण बेमिसाल
Shashi Tharoor Nepo Kid Statement: कांग्रेस ने कहा, गांधी परिवार का त्याग और समर्पण बेमिसाल
नवम्बर 4, 2025

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के हालिया लेख ने भारतीय राजनीति में ‘वंशवाद बनाम योग्यता’ की पुरानी बहस को फिर से जगा दिया है। थरूर के विचारों को बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल किया, जबकि कांग्रेस नेताओं ने गांधी परिवार के योगदान, त्याग और समर्पण को देश की राजनीति में सबसे ऊंचा बताया।


थरूर के लेख से सियासी बहस तेज

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने अंतरराष्ट्रीय मंच प्रोजेक्ट सिंडिकेट पर एक लेख लिखा, जिसमें उन्होंने राजनीतिक वंशवाद के खतरे और उसकी भूमिका पर चिंता जताई।
थरूर ने लिखा कि, “वंशवादी राजनीति शासन की गुणवत्ता को कमजोर करती है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर नकारात्मक असर डालती है।”

इस लेख को भाजपा ने हाथोंहाथ लेते हुए कांग्रेस पर हमला बोल दिया। भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी को “नेपो किड” और बिहार के नेता तेजस्वी यादव को “छोटा नेपो किड” कहकर राजनीतिक व्यंग्य किया।


कांग्रेस का जवाब: “त्याग, समर्पण और योग्यता की मिसाल है गांधी परिवार”

थरूर के बयान के बाद कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं ने अपनी राय रखी।
कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा —
“वंशवाद केवल राजनीति तक सीमित नहीं है। यह हर क्षेत्र में है। डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनता है, व्यापारी का बेटा बिजनेस संभालता है, तो राजनेता का बेटा राजनीति में क्यों नहीं आ सकता? यह कोई अपराध नहीं है।”

उदित राज ने आगे कहा, “यदि बीजेपी वंशवाद पर सवाल उठाती है, तो पहले उन्हें अपने घर में देखना चाहिए। नायडू, पवार, ममता बनर्जी, मायावती, यहां तक कि अमित शाह के बेटे तक, सभी उदाहरण हैं।”


प्रमोद तिवारी ने कहा — “गांधी परिवार ने दी सर्वोच्च कुर्बानियां”

राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि भारत के इतिहास में कोई भी परिवार गांधी परिवार जितना समर्पित नहीं रहा।
उन्होंने कहा, “पंडित नेहरू इस देश के सबसे योग्य प्रधानमंत्री थे। इंदिरा गांधी ने अपने प्राणों की आहुति दी, राजीव गांधी ने भी देश के लिए बलिदान दिया। ऐसा त्याग, ऐसी सेवा भाजपा या किसी अन्य दल में नहीं मिलती।”

तिवारी ने यह भी कहा कि गांधी परिवार को सिर्फ वंशवाद के नजरिए से देखना राजनीतिक दृष्टि से अनुचित है, क्योंकि उन्होंने सिर्फ सत्ता नहीं संभाली, बल्कि ‘राष्ट्र निर्माण’ में योगदान दिया


राशिद अल्वी बोले — “लोकतंत्र में जनता करती है फैसला”

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि लोकतंत्र में जनता को अधिकार है कि वह किसे चुनना चाहती है।
उन्होंने कहा, “अगर किसी के पिता सांसद थे, तो इसका मतलब यह नहीं कि बेटा चुनाव नहीं लड़ सकता। जनता फैसला करेगी कि कौन योग्य है। यह लोकतंत्र की खूबसूरती है।”

अल्वी ने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को केवल राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है ताकि विपक्ष की छवि कमजोर की जा सके।


भाजपा का पलटवार

वहीं भाजपा ने इसे कांग्रेस की “दोहरे मापदंड की राजनीति” बताया।
भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि जब कांग्रेस के नेता खुद वंशवाद को ‘समस्या’ मानते हैं, तो फिर राहुल गांधी जैसे नेताओं को पार्टी का चेहरा बनाना विरोधाभासी है।
भाजपा ने कहा कि गांधी परिवार की राजनीति अब “लोकतंत्र नहीं, पारिवारिक साम्राज्य” में बदल चुकी है।


निष्कर्ष: वंशवाद की बहस फिर चर्चा में

थरूर के लेख ने भारतीय राजनीति की एक पुरानी और संवेदनशील बहस को फिर से केंद्र में ला दिया है — क्या वंशवाद योग्यता को कमजोर करता है या लोकतंत्र का हिस्सा है?
जहां भाजपा इसे अवसर के रूप में देख रही है, वहीं कांग्रेस गांधी परिवार के योगदान को अपनी राजनीतिक और नैतिक पूंजी के रूप में प्रस्तुत कर रही है।
यह बहस न केवल आने वाले चुनावी विमर्श को प्रभावित करेगी, बल्कि राजनीति में नैतिकता बनाम परंपरा के बीच नई रेखा भी खींचेगी।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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