Special Intensive Revision (SIR): मतदाता सूची में नाम सत्यापन अनिवार्य, जानें पूरी प्रक्रिया और दस्तावेज

Special Intensive Revision (SIR): देशभर में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू, जानें कैसे करें नाम सत्यापन, कौन से दस्तावेज जरूरी और ऑनलाइन फॉर्म भरने की पूरी प्रक्रिया
Special Intensive Revision (SIR): देशभर में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू, जानें कैसे करें नाम सत्यापन, कौन से दस्तावेज जरूरी और ऑनलाइन फॉर्म भरने की पूरी प्रक्रिया (File Photo: West Bengal SIR)
SIR: चुनाव आयोग ने देशभर में विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू किया है। हर मतदाता को नाम सत्यापन अनिवार्य है। बूथ स्तरीय अधिकारी घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित करेंगे। मतदाता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से फॉर्म भर सकते हैं। उद्देश्य त्रुटि रहित मतदाता सूची तैयार करना है।Retry
नवम्बर 19, 2025

चुनाव आयोग ने देशभर में विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा की है। इस अभियान के तहत प्रत्येक पात्र मतदाता को अपने नाम का सत्यापन कराना अनिवार्य है। बूथ स्तरीय अधिकारी घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित करेंगे। मतदाता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से फॉर्म भर सकते हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य त्रुटि रहित और अद्यतन मतदाता सूची तैयार करना है।

विशेष गहन पुनरीक्षण क्या है और क्यों जरूरी

विशेष गहन पुनरीक्षण चुनाव आयोग द्वारा संचालित एक व्यापक अभियान है जिसका उद्देश्य मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित करना है। इस प्रक्रिया में घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन किया जाता है। चुनाव आयोग के अनुसार, इस अभियान का मुख्य लक्ष्य एक पूर्णतः त्रुटि रहित मतदाता सूची तैयार करना है जिसमें प्रत्येक पात्र नागरिक का नाम सही ढंग से दर्ज हो और कोई भी अपात्र व्यक्ति या किसी का नाम दोबारा शामिल न हो।

बिहार से शुरू हुई यह प्रक्रिया अब पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और देश के सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की जा रही है। विशेष रूप से पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए वहां यह प्रक्रिया प्राथमिकता के साथ चल रही है।

भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में जहां रोजगार और अन्य कारणों से प्रवास और पुनर्वास अक्सर होता रहता है, प्रत्येक चुनाव से पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण अत्यंत आवश्यक हो जाता है। पिछले कुछ वर्षों में इस प्रथा का लगातार या पूरी तरह से पालन नहीं किया गया, जिसके कारण अनेक योग्य मतदाताओं को चुनाव के दिन निराशा का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके नाम मतदाता सूची से गायब थे।

इसके साथ ही मृत व्यक्तियों के नाम समय पर नहीं हटाए जाने से कई बार अनियमितताएं हुईं और इससे मतदान प्रतिशत तथा कुछ मामलों में चुनाव परिणाम भी प्रभावित हुए। पिछला व्यापक संशोधन लगभग दो दशक पहले किया गया था। तब से मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई है और तेजी से बढ़ते शहरी विस्तार के साथ बड़े पैमाने पर आंतरिक प्रवास भी हुआ है।

गणना प्रपत्र का वितरण और संग्रहण प्रक्रिया

चुनाव आयोग ने पिछले विशेष गहन पुनरीक्षण और उसके बाद के अपडेट के आधार पर एक गणना प्रपत्र तैयार किया है। ये प्रपत्र बूथ स्तरीय अधिकारी द्वारा प्रत्येक मतदाता के घर पर वितरित किए जाएंगे। वितरण के दौरान प्रत्येक पात्र मतदाता को अपना मतदाता पहचान पत्र बूथ स्तरीय अधिकारी को दिखाना होगा। इसके बाद उन्हें गणना प्रपत्र मिलेगा और अपना मोबाइल नंबर बताते हुए पावती में हस्ताक्षर करने होंगे।

फॉर्म सौंपने से पहले बूथ स्तरीय अधिकारी चुनाव आयोग के मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके इसे स्कैन करेगा। इस एप्लिकेशन में क्षेत्र के सभी पात्र मतदाताओं की सूची होती है। स्कैन सफल होने पर एप नीले रंग में चमकता है जो दर्शाता है कि फॉर्म सफलतापूर्वक सौंप दिया गया है। एप वितरित किए गए फॉर्म की तिथि, समय और संख्या स्वचालित रूप से दर्ज कर लेता है।

मतदाताओं के पास अपना विवरण भरने के लिए सात से दस दिन का समय होगा। प्रत्येक मतदाता को अपने आधार नंबर, मोबाइल नंबर और माता-पिता या पति-पत्नी का नाम देना होगा। वितरण पूरा होने के बाद बूथ स्तरीय अधिकारी पुनः प्रत्येक घर जाकर भरे हुए गणना प्रपत्र एकत्र करेगा।

फॉर्म भरने और जमा करने की विधि

संग्रह के दौरान बूथ स्तरीय अधिकारी प्रत्येक भरे हुए फॉर्म को मोबाइल एप के माध्यम से स्कैन करेगा। स्कैन करने पर एप तुरंत मतदाता की जानकारी को कैप्चर कर लेता है और उसे उनके मतदाता पहचान पत्र से जोड़ देता है। अपडेट सफल होने का संकेत तब मिलता है जब एप हरे रंग में चमकता है। यह पुष्टि करता है कि मतदाता उस क्षेत्र में रहता है और मास्टर इलेक्टोरल डेटाबेस में डेटा सफलतापूर्वक अपडेट हो गया है।

यह डिजिटल प्रक्रिया स्वच्छ और सटीक मतदाता सूची सुनिश्चित करती है। इससे दोहराव को समाप्त करने और धांधली या प्रतिरूपण को रोकने में मदद मिलती है। जिन मतदाताओं ने अपना गणना प्रपत्र जमा कर दिया है उन्हें यह सत्यापित कर लेना चाहिए कि उनका नाम सूची में है। यदि उनका नाम सही दिखाई देता है तो उनकी नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

जिन मतदाताओं का नाम सूची में नहीं है उन्हें सुधार या नाम शामिल करने का दावा करने के लिए आवश्यक सहायक दस्तावेजों के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी से संपर्क करना होगा। निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी ऐसे मामलों की जांच करेगा और उचित कार्रवाई करेगा। इस चरण को सुनवाई और सत्यापन अवधि कहा जाता है।

बूथ स्तरीय अधिकारी की जिम्मेदारियां

प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम बारह सौ मतदाता होंगे और इसका संचालन एक बूथ स्तरीय अधिकारी द्वारा किया जाएगा। बूथ स्तरीय अधिकारी की मुख्य जिम्मेदारियों में प्रत्येक मतदाता को विशिष्ट गणना प्रपत्र वितरित करना, मतदाता को अपने या अपने रिश्तेदार के नाम के साथ मिलान करने में मदद करना और नाम, जन्म तिथि और स्थान, पता, पिता या अभिभावक का नाम आदि सभी विवरणों का सत्यापन करना शामिल है।

इसके अलावा नए मतदाताओं को शामिल करने के लिए प्रपत्र छह और घोषणा पत्र एकत्र करना, मतदाता को गणना प्रपत्र भरने में मदद करना, प्रत्येक मतदाता के घर कम से कम तीन बार जाना, मृत या स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं और एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत मतदाताओं की पहचान करना भी बूथ स्तरीय अधिकारी की जिम्मेदारी है।

बूथ स्तरीय अधिकारी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तरीय एजेंटों के साथ मिलकर भी काम करेगा। बूथ स्तरीय एजेंट मतदाताओं से भरे हुए गणना प्रपत्र भी इकट्ठा कर सकते हैं, प्रतिदिन पचास गणना प्रपत्र तक प्रमाणित कर सकते हैं और बूथ स्तरीय अधिकारी को जमा कर सकते हैं।

निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी के कार्य

निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी की मुख्य भूमिका गणना प्रपत्र को अपडेट करने के लिए बूथ स्तरीय अधिकारी के साथ समन्वय करना, मतदाता सूची का मसौदा तैयार करना, दावे और आपत्तियां प्राप्त करना और उन पर निर्णय लेना तथा अंतिम मतदाता सूची तैयार करना और प्रकाशित करना है।

निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी उन मतदाताओं को नोटिस जारी करेगा जिनका मिलान पिछले विशेष गहन पुनरीक्षण से नहीं हो पाया। मतदाताओं की पात्रता सुनिश्चित करने के लिए सांकेतिक दस्तावेजों का सत्यापन करना, पिछले विशेष गहन पुनरीक्षण से पहले मतदाताओं के ठिकाने का पता लगाने के लिए सुनवाई आयोजित करना और दस्तावेजों के सत्यापन के अनुसार मतदाता सूची को प्रतिदिन अपडेट करना भी निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी की जिम्मेदारी है।

आवश्यक दस्तावेज और सत्यापन प्रक्रिया

गणना चरण के दौरान गणना प्रपत्र के अलावा किसी अन्य दस्तावेज को एकत्रित करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि सत्यापन के लिए मतदाताओं को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार रखने की सलाह दी जाती है। मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए आधार दस्तावेज दो हजार दो से दो हजार चार की सूची है।

जिन मतदाताओं के नाम पुरानी सूची में हैं उनके लिए सत्यापन प्रक्रिया अपेक्षाकृत आसान होगी। मतदाताओं को अपना मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड और अन्य पहचान दस्तावेज जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या राशन कार्ड तैयार रखने चाहिए। निवास प्रमाण के लिए बिजली बिल, टेलीफोन बिल या बैंक पासबुक भी उपयोगी हो सकते हैं।

यदि परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो गई है तो उनके नाम को मतदाता सूची से हटवाने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे विश्वसनीय प्रमाण निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी या बूथ स्तरीय अधिकारी को प्रस्तुत करने होंगे। यह सुनिश्चित करना नागरिकों की जिम्मेदारी है कि मतदाता सूची में केवल योग्य और जीवित मतदाताओं के नाम ही शामिल हों।

ऑनलाइन गणना प्रपत्र भरने की सुविधा

मतदाताओं की सुविधा के लिए ऑनलाइन गणना प्रपत्र भरने की व्यवस्था भी की गई है। सबसे पहले चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट खोलनी होगी। वेबसाइट पर सर्विस का विकल्प मिलेगा जहां विशेष गहन पुनरीक्षण दो हजार छब्बीस का विकल्प दिखाई देगा। यहां दो विकल्प उपलब्ध होंगे, पहला गणना प्रपत्र भरें और दूसरा अंतिम विशेष गहन पुनरीक्षण में अपना नाम खोजें।

मतदाताओं को फॉर्म प्राप्त करने के लिए अपना मतदाता पहचान पत्र नंबर, पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी दर्ज करना होगा। ऑनलाइन फॉर्म और हार्ड कॉपी गणना प्रपत्र दोनों में फॉर्म के पहले भाग में मतदाता के बारे में पहले से ही मुद्रित जानकारी होगी। मतदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे वर्तमान मतदाता पहचान पत्र से विवरण सत्यापित कर लें।

एक बार सत्यापन हो जाने के बाद मतदाता को फॉर्म के शेष भाग भरने होंगे और जमा करने से पहले ई हस्ताक्षर करना होगा। मतदाताओं की कोई भी समस्या या शिकायत इस वेबसाइट के माध्यम से प्रस्तुत की जा सकती है। यह डिजिटल सुविधा उन मतदाताओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो किसी कारणवश बूथ स्तरीय अधिकारी से व्यक्तिगत रूप से नहीं मिल पाते हैं।

मतदाता सूची के प्रकाशन और सत्यापन की प्रक्रिया

मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ ही अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और शामिल न किए गए दोहरे नामों की सूची मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट और सार्वजनिक कार्यालयों में उपलब्ध होगी। मतदाताओं को सलाह दी गई है कि वे अपने विवरण अवश्य सत्यापित कर लें। यदि कोई दावा या आपत्ति हो तो उसे निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी या बूथ स्तरीय एजेंट के पास दर्ज कराया जाना चाहिए।

यह प्रक्रिया पारदर्शिता सुनिश्चित करती है और प्रत्येक नागरिक को अपनी मतदाता सूची में नाम की उपस्थिति और सटीकता की जांच करने का अवसर देती है। जिन मतदाताओं को अपने नाम में कोई त्रुटि दिखाई देती है या जिनका नाम सूची से गायब है वे निर्धारित समय सीमा के भीतर सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं।

विशेष गहन पुनरीक्षण की यह व्यापक प्रक्रिया लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक पात्र नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके और किसी अयोग्य व्यक्ति को यह अधिकार न मिले। मतदाताओं से अपेक्षा है कि वे इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें और एक त्रुटि रहित मतदाता सूची तैयार करने में योगदान दें।


Rashtra Bharat
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा खेल, राजनीति, विश्व, मनोरंजन, धर्म और बिज़नेस की अपडेटेड हिंदी खबरें।

Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com