भारतीय कृषि निर्यात को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में नई सफलता
नई दिल्ली, 17 नवंबर 2025: भारत के कृषि क्षेत्र के लिए एक शुभ खबर आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा की गई नई घोषणा से भारत के लगभग 1 अरब डॉलर मूल्य के कृषि निर्यात को बड़ी राहत मिलने वाली है। ट्रम्प प्रशासन ने लगभग 200 खाद्य पदार्थों पर लगाई गई टैरिफ में कटौती की है। इसका मुख्य कारण अमेरिकी बाजार में बढ़ती खाद्य कीमतों से जनता में असंतोष है। यह निर्णय भारत के साथ-साथ अन्य सभी व्यापारिक साझेदारों के लिए भी लागू होगा।
भारत के कृषि निर्यात को मिलने वाली छूट
भारतीय कृषि पण्यों को मिली बड़ी राहत
टैरिफ छूट की व्यापक जानकारी
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के महानिदेशक अजय भादू ने सोमवार को कहा कि भारत के कृषि निर्यात में से लगभग 1 अरब डॉलर की छूट मिलेगी। वर्तमान वित्तीय वर्ष (एफवाई25) में भारत के कुल कृषि निर्यात का मूल्य 2.5 अरब डॉलर है। इसमें से अब लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी टैरिफ से मुक्त हो जाएगा। यह भारतीय कृषि निर्यातकों के लिए एक बड़ी जीत साबित होगी।
मसालों को सबसे अधिक लाभ
भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत के मसालों को इस नीति में सबसे अधिक लाभ मिलेगा। मसालों का निर्यात मूल्य 358.66 मिलियन डॉलर है, जो अमेरिकी टैरिफ से छूट पा गया है। भारत विश्व के प्रमुख मसाला निर्यातकों में से एक है। अमेरिका के बाजार में भारतीय मसालों की विशेष मांग रहती है। इस छूट से भारत के मसालों की कीमतें अमेरिका में कम हो जाएंगी, जिससे निर्यात बढ़ने की संभावना है।
चाय और कॉफी पर सकारात्मक प्रभाव
चाय और कॉफी भी इस नीति से लाभान्वित होने वाली प्रमुख वस्तुएं हैं। इन दोनों पर टैरिफ छूट का मूल्य 82.54 मिलियन डॉलर निर्धारित किया गया है। भारतीय चाय और कॉफी का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उच्च गुणवत्ता के लिए नाम है। इस छूट से अमेरिकी उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर भारतीय चाय और कॉफी मिलेगी। भारतीय निर्यातकों का राजस्व भी बढ़ेगा।
प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में विशेष लाभ
प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का विशाल लाभ
भारत के लगभग 50 प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों को इस नीति में विशेष छूट मिली है। इन उत्पादों का कुल निर्यात मूल्य 491.31 मिलियन डॉलर है। इसमें कॉफी और चाय के अर्क, कोको-आधारित वस्तुएं, फलों के रस, गूदा, आम की तैयारियां और सब्जी मोम शामिल हैं। ये सभी उत्पाद अमेरिकी बाजार में विशेष मांग रखते हैं।
फल और सूखे मेवे
फलों और मेवों की श्रेणी में 48 प्रकार की वस्तुएं इस छूट के अंतर्गत आती हैं। इनमें नारियल, अमरूद, आम, काजू, केला, सुपारी और अनानास जैसी वस्तुएं शामिल हैं। इन वस्तुओं का निर्यात मूल्य 54.58 मिलियन डॉलर है। भारत के ये उष्णकटिबंधीय फल अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए बेहद आकर्षक होते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण वस्तुएं
इस नीति में सब्जियों और खाद्य जड़ों की 26 वस्तुएं, कुछ आवश्यक तेल, मांस और गोमांस से संबंधित उत्पाद भी शामिल हैं। ये सभी वस्तुएं पहले 50 प्रतिशत टैरिफ के अधीन थीं। अब इन पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा।
ट्रम्प की नीति के पीछे का कारण
अमेरिकी राजनीति का प्रभाव
राष्ट्रपति ट्रम्प ने यह निर्णय अमेरिकी जनता में बढ़ती असंतोष को दूर करने के लिए लिया है। पिछले हफ्ते वर्जीनिया और न्यू जर्सी में हुए चुनावों में ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। महंगाई इन चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा रहा। अमेरिकी जनता खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों से परेशान थी। इसलिए ट्रम्प प्रशासन को यह कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ा।
घरेलू उत्पादन की क्षमता
अमेरिकी प्रशासन का तर्क है कि ये खाद्य पदार्थ अमेरिका में पर्याप्त मात्रा में उत्पादित नहीं हो सकते। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय बाजार से इन्हें आयात करना आवश्यक है। ऐसी स्थिति में टैरिफ छूट अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए सस्ते विकल्प प्रदान करती है।
भारत के लिए व्यापारिक लाभ
समान अवसर का माध्यम
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि यह नीति सभी व्यापारिक साझेदारों पर लागू होती है। लेकिन इससे भारतीय निर्यातकों के लिए एक समान खेल का मैदान तैयार होता है। भारत अपनी प्रतिस्पर्धी कीमतों और उच्च गुणवत्ता के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक मजबूत स्थिति रखता है।
कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी संभावनाएं
यह छूट भारत के कृषि क्षेत्र को लगभग एक-पांचवां हिस्सा प्रभावित करती है। भारत के कुल 5.7 अरब डॉलर के कृषि निर्यात का लगभग 18 प्रतिशत हिस्सा इस नई नीति के अंतर्गत आता है। यह एक महत्वपूर्ण विकास है जो भारतीय निर्यातकों को प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में आगे बढ़ने में मदद देगा।
नीति लागू होने का समय
पूर्वव्यापी प्रभाव से मिली सुविधा
ट्रम्प प्रशासन ने यह नीति 13 नवंबर 2025 की मध्यरात्रि से पूर्वव्यापी रूप से लागू कर दी है। इसका मतलब है कि पिछली तारीखों में भेजे गए माल पर भी यह छूट लागू होगी। भारतीय निर्यातकों को पहले से भेजे गए माल पर भी छूट का लाभ मिल सकता है।
वैश्विक व्यापार के संदर्भ में महत्व
व्यापार नीति में सकारात्मक परिवर्तन
यह निर्णय वैश्विक व्यापार में एक सकारात्मक संकेत है। इससे पता चलता है कि अमेरिकी प्रशासन अत्यधिक संरक्षणवादी नीतियों से कुछ हद तक पीछे हट सकता है। जब जनता की आवश्यकताएं मजबूत होती हैं, तो राजनीतिक फैसले भी बदल जाते हैं। भारत जैसे विकासशील देशों के लिए यह अवसर है कि वे अपनी कृषि निर्यात क्षमता को और मजबूत करें।
ट्रम्प प्रशासन की नई नीति से भारत के लिए एक बड़ा व्यापारिक अवसर खुल गया है। 1 अरब डॉलर मूल्य के कृषि निर्यात को टैरिफ से मुक्त करना भारतीय निर्यातकों के लिए एक बड़ी जीत है। मसाले, चाय, कॉफी और अन्य कृषि पदार्थों पर लगी यह छूट भारतीय किसानों और व्यवसायियों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बना देगी। भारतीय सरकार और कृषि क्षेत्र को चाहिए कि वे इस अवसर का सर्वोच्च लाभ उठाएं। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्यात गुणवत्ता में कोई कमी न आए। इस सकारात्मक कदम से न केवल भारतीय कृषि क्षेत्र को लाभ मिलेगा, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी सस्ते दामों पर गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ मिलेंगे।
ये न्यूज IANS एजेंसी के इनपुट के साथ प्रकाशित हो गई है।