Leh, Ladakh: Union Territory के Leh शहर में BJP Office के बाहर बुधवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ। यह प्रदर्शन Leh Apex Body (LAB) द्वारा बुलाए गए shutdown के दौरान हुआ, जिसमें केंद्र सरकार से कई लंबित मांगों पर “result-oriented” talks तुरंत शुरू करने की मांग की गई थी। इन मांगों में सबसे प्रमुख हैं Statehood और Sixth Schedule का दर्जा।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, LAB के समर्थक, जो धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का amalgamation हैं, BJP कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए। उनका विरोध केंद्र सरकार द्वारा Ladakh के प्रतिनिधियों के साथ लंबित मांगों पर talks फिर से शुरू न करने को लेकर था। प्रदर्शन स्थल पर Statehood और Sixth Schedule status की मांग मुख्य रही।
वेब स्टोरी:
स्थानीय लोगों ने The Hindu को बताया कि जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की, तो हिंसा भड़क उठी। BJP कार्यालय के बाहर stone pelting की खबरें सामने आईं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को disperse करने के लिए teargas shells का इस्तेमाल किया। पुलिस और LAB के समर्थकों के बीच clashes में कई vehicles को आग के हवाले कर दिया गया। फिलहाल पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि हिंसा की शुरुआत कैसे हुई।
Ladakh में तनाव मंगलवार (23 सितंबर) से बढ़ रहा था। इसके पीछे दो प्रदर्शनकारी हैं, जो 10 सितंबर से hunger strike पर थे और साथ में प्रसिद्ध climate activist Sonam Wangchuck भी शामिल थे। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
Sonam Wangchuck, जो Statehood और Sixth Schedule के लिए agitation का नेतृत्व कर रहे हैं, ने हाल ही में Ministry of Home Affairs (MHA) की घोषणा को ठुकरा दिया। MHA ने बताया था कि High-Powered Committee (HPC) Ladakh के प्रतिनिधियों से October 6, New Delhi में बैठक करेगा। Wangchuck ने इसे पर्याप्त नहीं माना और तुरंत result-oriented talks की मांग दोहराई। उन्होंने चेतावनी दी कि लोग impatient हो रहे हैं और मामले हाथ से बाहर जा सकते हैं।
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इसी बीच, Kargil Democratic Alliance (KDA) ने LAB और उनकी मांगों के समर्थन में Thursday, 25 सितंबर को shutdown का आह्वान किया। प्रदर्शन और agitation इस समय उभरकर आए हैं, जब अगले महीने Ladakh Autonomous Hill Development Council (LAHDC) elections होने हैं।
संसदीय इतिहास में देखा जाए तो BJP ने 2020 के LAHDC elections में जीत हासिल की थी। Ladakh को 2019 में Union Territory के रूप में carving out किया गया था, पहले यह J&K State का हिस्सा था। हालांकि, केंद्र और Ladakh के बीच लंबित मांगों पर talks का ठहराव, स्थानीय नेताओं और नागरिकों में असंतोष बढ़ा रहा है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार ने जल्द ही result-oriented negotiations शुरू नहीं किए, तो agitation और protests और तीव्र हो सकते हैं। प्रदर्शनकारी स्थानीय प्रशासन से जल्द निर्णय और Statehood तथा Sixth Schedule status की गारंटी की उम्मीद कर रहे हैं।
Leh में हुई इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि स्थानीय जनता अपने अधिकारों और पहचान के लिए कितनी संवेदनशील है। आने वाले सप्ताह में इस मुद्दे पर राजनीतिक बहस और मीडिया कवरेज तेज होने की संभावना है।