नागपुर, 02 सितंबर 2025 — Nagpur NSUI Protest News: नागपुर के संविधान चौक ने मंगलवार को देश की लोकतांत्रिक चेतना का सशक्त प्रदर्शन देखा। NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) ने कथित वोट चोरी और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के खिलाफ ज़ोरदार आंदोलन किया। इस प्रदर्शन ने न केवल युवाओं की आवाज़ बुलंद की, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी उठाए।
नेतृत्व और व्यापक भागीदारी
Nagpur NSUI Protest News: इस आंदोलन का नेतृत्व NSUI के राष्ट्रीय सचिव एवं महाराष्ट्र प्रभारी अक्षय यादव क्रांतिवीर, प्रदेश अध्यक्ष मा. सागर साळुंके, अभिषेक वर्धन सिंह और आमिर शेख नुरी ने किया। उनके नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने संविधान चौक पर एकत्रित होकर नारेबाजी की।
प्रदर्शन स्थल पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि लोकतंत्र की आत्मा को बचाने के लिए यह संघर्ष केवल शुरुआत है।
Nagpur NSUI Protest News: लोकतंत्र और चुनावी पारदर्शिता पर सवाल
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया। नारे लगे — “लोकतंत्र बचाओ, वोट चोरी बंद करो।”
यह विरोध आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, लेकिन इसका संदेश बेहद स्पष्ट था — अगर चुनावी प्रणाली पर से जनता का भरोसा उठ गया, तो लोकतंत्र का भविष्य खतरे में है।
प्रमुख युवा नेताओं की मौजूदगी
आंदोलन के दौरान कई सक्रिय युवा नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे, जिनमें प्रणय सिंह ठाकुर, नागेश गिरहे, सौरभ काळमेघ, इम्रान शेख, लोकेश फुलझले, विभोर आंबटकर, प्रणय कुंभाळकर, विज्ञासागर त्रिपाठी, आयुष गेछोड़े, आयुष गोरले, लकी पारोचे और साहिल मोहोड़ शामिल थे।
उनकी उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि यह आंदोलन केवल शीर्ष नेताओं तक सीमित नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी मजबूत है।
लोकतंत्र बचाने का संकल्प | Nagpur NSUI Protest News
Nagpur NSUI Protest News: इस Nagpur NSUI Protest News में सबसे अहम बात यह रही कि संगठन ने साफ कहा — अगर चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं लाई गई तो यह संघर्ष और तेज़ किया जाएगा।
NSUI ने यह चेतावनी भी दी कि युवाओं की आवाज़ को दबाना आसान नहीं होगा और आने वाले समय में यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर और व्यापक हो सकता है।
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निष्कर्ष: युवाओं की आवाज़ को अनदेखा करना मुश्किल
संविधान चौक का यह दृश्य एक स्पष्ट संकेत था कि भारतीय युवाओं में लोकतंत्र के प्रति गहरी प्रतिबद्धता है। यह आंदोलन न केवल नागपुर का स्थानीय मुद्दा रहा, बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी थी कि लोकतंत्र की रक्षा अब केवल एक नारा नहीं, बल्कि युवाओं का संकल्प है।