Rehan Vadra Engagement: राजनीति के गलियारों में अक्सर सत्ता, रणनीति और बयानबाज़ी की चर्चा होती है, लेकिन कभी-कभी वहीं से ऐसी खबर सामने आती है, जो निजी जीवन, भावनाओं और रिश्तों की अहमियत को सामने लाती है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के बेटे रेहान वाड्रा की सगाई भी ऐसी ही एक खबर है, जिसने राजनीतिक सुर्खियों से अलग एक मानवीय और निजी पक्ष को उजागर किया है।
25 वर्षीय रेहान वाड्रा ने अपनी लंबे समय से साथी रही अवीवा बेग को अंगूठी पहनाकर शादी के लिए प्रपोज किया, जिसे अवीवा ने स्वीकार कर लिया। इस तरह दोनों ने अपने रिश्ते को एक नए और स्थायी पड़ाव पर पहुंचा दिया। यह सगाई किसी भव्य राजनीतिक आयोजन से ज्यादा एक शांत, निजी और भावनात्मक क्षण के रूप में सामने आई है।
सात साल का रिश्ता, अब सगाई तक पहुंचा
रेहान वाड्रा और अवीवा बेग पिछले करीब सात वर्षों से एक-दूसरे को जानते और समझते रहे हैं। यह रिश्ता वक्त के साथ मजबूत होता गया और दोनों परिवारों की सहमति के बाद अब सगाई में बदल गया। वाड्रा परिवार की ओर से इस रिश्ते को पहले ही स्वीकार कर लिया गया था, जिससे यह साफ है कि यह फैसला किसी जल्दबाज़ी में नहीं, बल्कि आपसी समझ और भरोसे के साथ लिया गया है।
राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद रेहान ने अपने निजी जीवन को हमेशा सादगी और गरिमा के साथ जिया है। उनकी सगाई भी इसी सोच को दर्शाती है, जहां रिश्तों को प्रचार से ज्यादा सम्मान दिया गया।
दिल्ली से ताल्लुक रखती हैं अवीवा बेग
रेहान की मंगेतर अवीवा बेग दिल्ली की रहने वाली हैं और उनका परिवार वाड्रा परिवार का करीबी माना जाता है। दोनों परिवारों के बीच पहले से अच्छे संबंध रहे हैं, जिससे इस रिश्ते को सहज स्वीकृति मिली।
अवीवा खुद को केवल किसी राजनीतिक परिवार से जुड़ी पहचान तक सीमित नहीं रखतीं। उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम प्रोफाइल में खुद को फोटोग्राफर और प्रोड्यूसर बताया है, जो यह संकेत देता है कि उनकी रुचियां भी रचनात्मक और स्वतंत्र सोच से जुड़ी हुई हैं।
राजनीति से अलग पहचान बनाने की कोशिश
रेहान वाड्रा का नाम भले ही एक बड़े राजनीतिक परिवार से जुड़ा हो, लेकिन उन्होंने अब तक राजनीति से दूरी बनाए रखी है। उन्होंने अपनी पहचान एक वर्चुअल आर्टिस्ट और फोटोग्राफर के रूप में बनाई है। यह चुनाव अपने आप में यह दर्शाता है कि वे पारिवारिक विरासत के दबाव से अलग, अपने पैशन के सहारे आगे बढ़ना चाहते हैं।
बचपन से फोटोग्राफी का शौक
रेहान को फोटोग्राफी का शौक बेहद कम उम्र से रहा है। महज 10 साल की उम्र से ही उन्होंने दुनिया के अलग-अलग कोनों की तस्वीरें लेना शुरू कर दिया था। उनकी फोटोग्राफी में प्रकृति, वन्यजीव और मानवीय भावनाओं की झलक देखने को मिलती है।
वे कमर्शियल फोटोग्राफी के साथ-साथ वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी में भी रुचि रखते हैं। उनकी तस्वीरें केवल दृश्य नहीं, बल्कि एक कहानी कहती नजर आती हैं।
चोट के बाद भी नहीं छोड़ा जुनून
2017 में स्कूल क्रिकेट मैच के दौरान रेहान की आंख में गंभीर चोट लग गई थी। यह किसी भी युवा कलाकार के लिए एक बड़ा झटका हो सकता था, खासकर तब जब उसका करियर दृश्य कला से जुड़ा हो। लेकिन इस घटना ने रेहान को तोड़ा नहीं।
उन्होंने न सिर्फ अपने जुनून को जारी रखा, बल्कि पहले से ज्यादा समर्पण के साथ फोटोग्राफी को अपनाया। यह जज्बा उनके व्यक्तित्व की दृढ़ता को दर्शाता है।
प्रदर्शनियों से मिली पहचान
रेहान वाड्रा कई कला प्रदर्शनियों में हिस्सा ले चुके हैं। वर्ष 2021 में नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में आयोजित ‘डार्क परसेप्शन’ नामक सोलो प्रदर्शनी से उन्होंने औपचारिक रूप से कला जगत में अपनी पहचान बनाई।
यह प्रदर्शनी सिर्फ उनके काम का प्रदर्शन नहीं थी, बल्कि यह दिखाती थी कि वे अपनी कला के जरिए दुनिया को अलग नजरिए से देखने की कोशिश कर रहे हैं।
मां और नाना से मिली प्रेरणा
रेहान खुद यह स्वीकार करते रहे हैं कि उनकी मां प्रियंका गांधी वाड्रा ने उन्हें बचपन से ही फोटोग्राफी के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा उनके नाना और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भी फोटोग्राफी का शौक था।
इस तरह देखा जाए तो रेहान अपने परिवार की रचनात्मक विरासत को एक नए रूप में आगे बढ़ा रहे हैं। राजनीति के बीच कला की यह परंपरा उन्हें अलग पहचान देती है।