छठ खरना 2025: महाप्रसाद और विधि
खरना पूजा छठ महापर्व का दूसरा दिन है। इस दिन व्रती सूर्यास्त के बाद निर्जला व्रत से पूर्व महाप्रसाद तैयार करते हैं। खरना का प्रसाद व्रती के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसमें अशुद्ध या तामसिक तत्व का प्रयोग नहीं किया जाता।
खरना में क्या बनता है?
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गुड़ की खीर (रसियाव): यह मुख्य प्रसाद है, जो चावल, दूध और गुड़ से बनाई जाती है।
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रोटी: गेहूं के आटे की रोटी, जिसमें देसी घी लगाया जाता है।
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अन्य प्रसाद सामग्री: केला और शुद्ध जल।
खरना का यह प्रसाद सूर्य देव और छठी मैया को प्रथम भोग के रूप में अर्पित किया जाता है।
प्रसाद बनाने में आम की लकड़ी का महत्व
छठ पूजा में सिर्फ आम की लकड़ी का उपयोग चूल्हा जलाने के लिए किया जाता है। कारण:
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आम का वृक्ष हिंदू धर्म में देववृक्ष माना जाता है।
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जलने पर यह वातावरण को सुगंधित करता है और कोई दुर्गंध या प्रदूषण नहीं फैलाता।
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छठ पूजा के सभी चरण — खरना से लेकर संध्या और उषा अर्घ्य — आम की लकड़ी पर ही पूरी विधि से संपन्न होते हैं।
महत्त्व
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खरना प्रसाद स्वास्थ्य और ऊर्जा के प्रतीक हैं।
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इसे सूर्य देव और छठी मैया को अर्पित करने से व्रती को आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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यह व्रत व्रती के शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है।