Shardiya Navratri 2025 Day 4: मां कूष्मांडा की पूजा विधि, प्रिय भोग और शुभ रंग

Shardiya Navratri 2025 Day 4: Maa Kushmanda Puja Vidhi, Bhog, Mantra & Significance
Shardiya Navratri 2025 Day 4: Maa Kushmanda Puja Vidhi, Bhog, Mantra & Significance (Photo: Wiki)
सितम्बर 25, 2025

मां कूष्मांडा का महत्व (Significance of Maa Kushmanda):

Shardiya Navratri 2025 के चौथे दिन (Navratri Day 4) मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि अपने अद्भुत तेज और मुस्कान से मां ने सृष्टि की रचना की थी। इसीलिए उन्हें “आदि स्वरूप” और सृष्टि की जननी माना जाता है। मां कूष्मांडा की आराधना से साधक के जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है।

मां कूष्मांडा सिंह पर सवार रहती हैं और उनके आठ हाथ होते हैं, जिनमें कमल, गदा, धनुष, बाण, अमृत कलश, चक्र और जपमाला जैसे दिव्य अस्त्र-शस्त्र सुशोभित रहते हैं।


पूजा विधि (Maa Kushmanda Puja Vidhi):

  • सुबह स्नान कर हरे या नारंगी रंग के वस्त्र धारण करें।

  • पूजा स्थल को शुद्ध जल और गंगाजल से पवित्र करें।

  • कलश स्थापना कर मां कूष्मांडा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

  • धूप, दीप और अगरबत्ती जलाकर मां का आह्वान करें।

  • मां को कमल और गेंदे के फूल अर्पित करें।

  • भोग में मालपुआ या कद्दू से बने व्यंजन चढ़ाना विशेष शुभ माना जाता है।

  • पूजा के दौरान मां के आठ भुजाओं का ध्यान करके आरती और मंत्र जाप करें।


मां कूष्मांडा का प्रिय भोग (Day 4 Bhog):

मां कूष्मांडा को विशेष रूप से मालपुआ का भोग प्रिय है। साथ ही कद्दू से बने व्यंजन भी चढ़ाए जाते हैं। यह भोग जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।


पूजा मंत्र (Maa Kushmanda Puja Mantra):

भक्त पूजा करते समय यह मंत्र जप करें –

“सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥”

इस मंत्र के जाप से रोग और शोक दूर होते हैं तथा दीर्घायु और ऊर्जा प्राप्त होती है।

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Shardiya Navratri 2025 Day 4 पर ध्यान रखने योग्य बातें:

  • हरे या नारंगी रंग के वस्त्र पहनें।

  • मां को मालपुआ या कद्दू से बने व्यंजन का भोग लगाएं।

  • पूजा में कमल के फूल का विशेष महत्व है।

  • दिनभर संयम और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें।

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अस्वीकरण:

इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। यह सामग्री धर्मग्रंथों, पंचांग और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है। इसे अंतिम सत्य न मानें और अपने विवेक का उपयोग करें।


मां कूष्मांडा की आरती (Maa Kushmanda Aarti):

जय मां कूष्मांडा, जय अम्बे भवानी।
सूर्य समान तेज तुम्हारा, करती हो कल्याणी॥

अष्टभुजाधारी माता, कष्ट हरने वाली।
भक्तों के जीवन में भर दो, खुशियां मतवाली॥

मालपुए का भोग चढ़े, कृपा बरसाएं।
संकट हर लेती माता, सुख-शांति दिलाएं॥

जय मां कूष्मांडा, जय अम्बे भवानी।
सूर्य समान तेज तुम्हारा, करती हो कल्याणी॥

Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com