Tirupati Temple: तिरुपति मंदिर में भक्ति के नाम पर भ्रष्टाचार का खुलासा
आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में लड्डू प्रसाद को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। जांच एजेंसियों ने पाया है कि वर्ष 2019 से 2024 तक मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में नकली घी का उपयोग किया गया, जिसकी कुल मात्रा 68 लाख किलोग्राम और कीमत लगभग 250 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह खुलासा न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को झकझोरने वाला है, बल्कि मंदिर प्रशासन की पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
मंदिर प्रशासन के शीर्ष अधिकारी से पूछताछ
जांच एजेंसी ने मंगलवार को तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के पूर्व प्रमुख ए.वी. धर्म रेड्डी से लंबी पूछताछ की। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने पाया कि लड्डू प्रसाद में उपयोग होने वाले घी में मिलावट कर दी गई थी। धर्म रेड्डी, जो उस दौरान टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी के पद पर थे, को तिरुपति स्थित एसआईटी कार्यालय में बयान देने के लिए बुलाया गया।
68 लाख किलो नकली घी का खेल
रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच टीटीडी को करीब 250 करोड़ रुपये मूल्य का 68 लाख किलोग्राम नकली घी सप्लाई किया गया। आश्चर्यजनक रूप से, यह आपूर्ति उत्तराखंड स्थित एक डेयरी से हुई जिसने दूध या मक्खन का उत्पादन किए बिना इतनी बड़ी मात्रा में घी भेज दिया। जांच में सामने आया कि यह “घी” वास्तव में ताड़ के तेल, पाम कर्नेल ऑयल और एसिटिक एसिड एस्टर जैसे औद्योगिक रसायनों से बनाया गया था ताकि लैब परीक्षणों में शुद्ध घी जैसा दिखाया जा सके।
भ्रष्टाचार की परतें खुलती जा रहीं हैं
जानकारी के अनुसार, यह मिलावट उस समय हुई जब ए.वी. धर्म रेड्डी मंदिर के ईओ थे। वहीं, पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी के करीबी और उनके निजी सहायक रहे चिन्ना अप्पन्ना की गिरफ्तारी के बाद मामले ने नया मोड़ लिया है। अप्पन्ना पर आरोप है कि उन्होंने अयोग्य डेयरी कंपनियों को ठेके दिलाने और निविदा प्रक्रिया में हेराफेरी करने में बड़ी भूमिका निभाई।
एसआईटी की अगली कार्रवाई और संभावित गिरफ्तारी
सूत्रों के अनुसार, एसआईटी जल्द ही तिरुपति देवस्थानम के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी को भी नोटिस भेज सकती है। जांच एजेंसी का उद्देश्य पूरी सप्लाई चेन की भूमिका को समझना है—किसने नकली घी की खरीद को मंजूरी दी, गुणवत्ता नियंत्रण में किसने लापरवाही की, और किन अधिकारियों ने इस पवित्र प्रसाद की पवित्रता से समझौता किया।
आस्था पर गिरी अविश्वास की छाया
Tirupati Temple: तिरुपति लड्डू, जिसे भक्त “भगवान वेंकटेश्वर” का प्रसाद मानते हैं, दुनिया भर में श्रद्धालुओं के लिए पवित्र प्रतीक है। ऐसे में नकली घी से बने लड्डू का खुलासा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला है। मंदिर में प्रतिदिन लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं और लड्डू को प्रसाद स्वरूप घर ले जाते हैं। इस घोटाले ने भक्तों के विश्वास को गहरा आघात पहुंचाया है।
शासन और प्रशासन के लिए नैतिक चुनौती
इस पूरे मामले ने मंदिर प्रशासन और राज्य सरकार की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े किए हैं। जहां एक ओर यह मामला भक्ति और आस्था से जुड़ा है, वहीं दूसरी ओर यह प्रशासनिक भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है। अब जनता की निगाहें न्यायिक प्रक्रिया पर हैं कि क्या दोषियों को सख्त सजा मिलेगी या मामला फिर किसी फाइल में दब जाएगा।