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Bengal SIR: बंगाल में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सियासी जंग, ममता बनर्जी ने कहा “जान दे दूंगी, अधिकार नहीं छिनने दूंगी”

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Bengal SIR: ममता बनर्जी का आक्रोश—“वैध मतदाता का नाम कटा तो दिल्ली में बड़ा आंदोलन होगा”
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) की शुरुआत के साथ ही राजनीतिक टकराव तेज हो गया है। ममता बनर्जी ने विरोध मार्च निकालते हुए चेतावनी दी कि एक भी वैध मतदाता का नाम कटने पर दिल्ली में आंदोलन होगा, जबकि भाजपा ने इसे घुसपैठियों के खिलाफ जरूरी कदम बताया।
नवम्बर 4, 2025

मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर बंगाल में सियासी तूफान

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की शुरुआत के पहले ही दिन राज्य की राजनीति में जबरदस्त उथल-पुथल मच गई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने एसआईआर के खिलाफ विशाल विरोध मार्च निकालकर केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखे हमले बोले।

तृणमूल का विरोध मार्च और ममता का नेतृत्व

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के साथ कोलकाता के ऐतिहासिक रेड रोड से लेकर जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी तक चार किलोमीटर लंबा पैदल मार्च किया। यह प्रदर्शन मतदाता सूची पुनरीक्षण के कथित दुरुपयोग के विरोध में था।
इस दौरान हजारों तृणमूल समर्थक हाथों में तख्तियां और बैनर लिए शामिल हुए। ममता ने डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर मार्च की शुरुआत की और संविधान की प्रति हाथ में थामी।

“जान दे दूंगी, लेकिन अधिकार नहीं छिनने दूंगी”

सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने भाजपा और चुनाव आयोग पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की मिलीभगत से भाजपा लोगों के मताधिकार को छीनना चाहती है। ममता ने कहा—“मैं जान दे दूंगी, लेकिन किसी का भी अधिकार नहीं छिनने दूंगी। एक भी वैध मतदाता का नाम कटा तो हम दिल्ली की सड़कों पर उतरेंगे।”
उन्होंने चेतावनी दी कि तृणमूल सड़क से लेकर अदालत तक हर स्तर पर संघर्ष करेगी।

भाजपा का पलटवार और समर्थन रैली

उधर, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा ने एसआईआर के समर्थन में रैली निकाली। अधिकारी ने कहा कि यह पुनरीक्षण “घुसपैठियों को पहचानने और उन्हें बाहर निकालने का” प्रयास है। उन्होंने तृणमूल पर भय का माहौल बनाने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।

हिंसक झड़पों के आरोप और सियासी तनातनी

हुगली जिले के सिंगुर में भाजपा की सभा पर हमले का आरोप तृणमूल पर लगा है। भाजपा ने दावा किया कि उसके कार्यकर्ताओं पर हमला कर कई लोगों को घायल किया गया, जबकि तृणमूल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया।
राजनीतिक तनाव अब कोलकाता से जिलों तक फैल चुका है।

अभिषेक बनर्जी की चेतावनी

तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि “एक भी वैध मतदाता का नाम कटा तो बंगाल अपनी ताकत पूरे देश को दिखा देगा।” उन्होंने दावा किया कि एसआईआर के डर से सात दिनों में सात लोगों ने आत्महत्या कर ली है।
अभिषेक ने जनता से अपील की कि वे दिल्ली में बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहें।

ममता बनर्जी के तीखे सवाल

ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा—“अगर मतदाता सूची में फर्जी नाम हैं, तो इतने वर्षों से आप किस सूची से चुनाव जीतते आ रहे हैं? अगर सूची झूठी है, तो आपकी सत्ता भी झूठी है।”
उन्होंने नोटबंदी का उदाहरण देते हुए कहा कि “मोदी हर साल कुछ नया दिखावा करते हैं, लेकिन जनता को केवल मुश्किलें मिलती हैं।”

“बंगाल डरता नहीं है”

ममता ने कहा कि बंगाल की जनता किसी धमकी से नहीं डरती। “आज़ादी की लड़ाई में सबसे ज्यादा बलिदान बंगाल ने दिया है, आज भी हम अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ेंगे।”

भाजपा का आरोप – भय फैलाकर राजनीति

विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पलटवार करते हुए कहा कि “ममता बनर्जी लोगों में भय फैलाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती हैं।” उन्होंने एसआईआर के कारण हुई आत्महत्याओं के लिए ममता को जिम्मेदार ठहराया।

बंगाल की राजनीति एक बार फिर सियासी सरगर्मी से तप गई है। एक ओर तृणमूल कांग्रेस मतदाता अधिकारों की रक्षा की बात कर रही है, वहीं भाजपा इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बता रही है। एसआईआर पर यह संघर्ष आने वाले चुनावों की दिशा तय कर सकता है।

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