अरवल, डिजिटल डेस्क।
जिले के रामपुर चौरम थाना क्षेत्र अंतर्गत अलावलचक गांव में एक दर्दनाक हादसा हुआ। उत्पाद विभाग की गाड़ी की चपेट में आकर 10 वर्षीय कार्तिक तिवारी की मौके पर ही मौत हो गई। कार्तिक मृतक शिवानंद तिवारी का पुत्र था।
हादसे का विवरण
जानकारी के अनुसार कार्तिक अपने दो दोस्तों कन्हैया तिवारी और रोशन तिवारी के साथ महपुर बारा गांव में मूर्ति विसर्जन देखने गया था। घर लौटते समय, उत्पाद विभाग की तेज रफ्तार गाड़ी, जो उस समय छापेमारी के लिए जा रही थी, ने बच्चों को सड़क किनारे कुचल दिया। इस हादसे में कार्तिक की तुरंत मौत हो गई, जबकि उसके दोनों साथी मामूली रूप से घायल हुए।
ग्रामीणों ने गाड़ी को थोड़ी दूरी पर पकड़ लिया, लेकिन सवार पुलिसकर्मी और चालक फरार हो गए। परिजनों का आरोप है कि उत्पाद विभाग की गाड़ियों को प्राइवेट ड्राइवर चलाते हैं, जो लापरवाही से वाहन दौड़ाते हैं और इसी कारण आए दिन ऐसी घटनाएं होती हैं।

ग्रामीणों का आक्रोश
हादसे के बाद परिजनों और ग्रामीणों में गुस्सा भड़क गया। उन्होंने सड़क जाम कर विरोध जताया और उचित कार्रवाई की मांग की। मौके पर पहुंची पुलिस से परिजनों की नोकझोंक भी हुई। काफी देर समझाने-बुझाने के बाद पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अरवल सदर अस्पताल भेज सकी।
प्रशासन और विभाग की प्रतिक्रिया
इस मामले में उत्पाद विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से बचते दिखे। वहीं, डीएम कुमार गौरव ने घटना की पुष्टि की और प्रभावित परिवार को न्याय दिलाने के लिए कार्रवाई का भरोसा दिया।
प्रशासन ने यह भी संकेत दिया कि वाहन चालकों की जवाबदेही तय करना और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करवाना प्राथमिकता होगी। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि अगर लापरवाही पर कार्रवाई नहीं हुई, तो भविष्य में ऐसे हादसों को रोक पाना मुश्किल होगा।
सड़क सुरक्षा और विभागीय जिम्मेदारी
यह घटना यह उजागर करती है कि सरकारी वाहनों की तेज रफ्तार और लापरवाही सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि प्राइवेट ड्राइवर और विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करना जरूरी है। केवल दुर्घटना के बाद कार्रवाई करने से समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो सकता।
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम और प्रशिक्षित चालक आवश्यक हैं। विभागीय गाड़ियों की निगरानी और सड़क पर तेज गति पर रोक लगाना जरूरी है।
अरवल में कार्तिक तिवारी की मौत न केवल परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि यह सरकारी वाहनों की लापरवाही और प्रशासनिक सतर्कता की कमी को भी उजागर करता है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।