बिहार चुनावी संग्राम में सम्राट चौधरी का तीखा हमला
बिहार में चुनावी माहौल चरम पर है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अरवल में एनडीए प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा की।
इस सभा में उन्होंने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर तीखा प्रहार किया।

लालू यादव को बताया डरपोक नेता
सभा के दौरान सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू यादव में इतनी हिम्मत नहीं है कि बिना सुरक्षा अरवल से गुजर जाएं।
उन्होंने कहा कि जिनके शासन में बिहार अंधकार में डूबा था, वे आज सुशासन पर सवाल उठा रहे हैं।
सम्राट ने व्यंग्य करते हुए कहा, “लालू यादव की राजनीति केवल जातिवाद और परिवारवाद तक सीमित है, जनता अब विकास चाहती है।”
नीतीश सरकार के कामों का किया बखान
सम्राट चौधरी ने अपने भाषण में नीतीश कुमार की सरकार को सुशासन की सरकार बताया।
उन्होंने कहा कि एनडीए ने बिहार में कानून व्यवस्था को मजबूत किया, सड़कें और शिक्षा व्यवस्था सुधारी।
उन्होंने जनता से अपील की कि वे बिहार में जारी विकास की गति को रोकने न दें।
अरवल से उठी एनडीए के पक्ष में आवाज
जनसभा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
भीड़ ने ‘सम्राट चौधरी जिंदाबाद’ और ‘नीतीश कुमार जिंदाबाद’ के नारे लगाए।
सम्राट ने कहा कि जनता अब ‘जंगलराज’ नहीं बल्कि स्थिर सरकार चाहती है।
लालू राज की याद दिलाई
अपने भाषण में सम्राट चौधरी ने 1990 के दशक का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय बिहार में अपराध और भय का वातावरण था।
उन्होंने कहा कि लोग शाम होते ही घरों में बंद हो जाते थे।
“आज बिहार में उद्योग आ रहे हैं, रोजगार बढ़ा है, और लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं,” सम्राट ने कहा।
विपक्ष पर व्यंग्य
सम्राट चौधरी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे विकास के मुद्दे से भटकाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने हर वर्ग के लिए योजनाएं चलाईं।
“लालू यादव को अब जनता जवाब देगी,” उन्होंने जोड़ा।
जनता के विश्वास पर भरोसा
सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की जनता अब ठोस परिणाम चाहती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बिहार को आगे बढ़ा रही हैं।
उन्होंने एनडीए प्रत्याशी को विजयी बनाने की अपील की।
राजनीतिक माहौल गर्माया
अरवल की इस सभा ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।
लालू यादव पर सम्राट चौधरी के तीखे बयान के बाद राजद समर्थक भी सक्रिय हो गए हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला एनडीए की रणनीति का हिस्सा है, जिससे विपक्षी वोट बैंक को चुनौती मिले।