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औरंगाबाद में नवनिर्मित ‘जजेज कॉलोनी’ एवं ‘लॉयर्स हॉल’ का भव्य उद्घाटन, न्यायिक व्यवस्था में होगा गुणात्मक सुधार

Aurangabad Judges Colony
Aurangabad Judges Colony – पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पवनकुमार भीमप्पा बजंथरी ने किया वर्चुअल उद्घाटन, न्यायिक व्यवस्था में सुधार की दिशा में बड़ा कदम।
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न्याय व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम

बिहार राज्य के औरंगाबाद ज़िले में न्यायिक ढांचे को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया। मंगलवार की शाम नवनिर्मित “जजेज कॉलोनी” तथा “लॉयर्स हॉल” का भव्य उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पवनकुमार भीमप्पा बजंथरी द्वारा किया गया। यह उद्घाटन समारोह न्यायिक परिसर में आयोजित हुआ, जहाँ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार वन की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।

मुख्य न्यायाधीश ने उद्घाटन अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि औरंगाबाद न्यायिक मंडल अब एक नई दिशा में अग्रसर हुआ है। उन्होंने कहा कि आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित जजेज कॉलोनी तथा लॉयर्स हॉल न्यायिक व्यवस्था में पारदर्शिता, सुविधा और कार्यक्षमता को बढ़ावा देंगे।


आधुनिक सुविधाओं से लैस नवनिर्मित भवन

कार्यक्रम के दौरान यह बताया गया कि जजेज कॉलोनी में दस नवीन चार बीएचके (4BHK) फ्लैट बनाए गए हैं, जो प्रत्येक दृष्टि से अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण हैं। इनमें पर्याप्त स्थान, सुसज्जित बैठक कक्ष, वातानुकूलित कक्ष, आधुनिक रसोईघर, स्वच्छ पेयजल प्रणाली एवं हरित परिवेश की विशेष व्यवस्था की गई है।

वहीं, लॉयर्स हॉल का निर्माण अधिवक्ताओं की दीर्घकालीन मांग को पूर्ण करने के उद्देश्य से किया गया है। इसमें विशाल वाचनालय, डिजिटल संसाधनों से युक्त सभा कक्ष, स्वच्छ शौचालय, और विश्राम स्थल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। यह परिसर न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं के बीच समन्वय को सुदृढ़ करेगा।


अधिवक्ताओं की वर्षों पुरानी मांग हुई पूर्ण

इस अवसर पर प्रधान जिला जज राजकुमार वन ने कहा कि अधिवक्ताओं की यह मांग वर्षों से लंबित थी। उन्होंने बताया कि अब लॉयर्स हॉल के निर्माण से वकीलों को अध्ययन, विचार-विमर्श एवं वकालती कार्यों की तैयारी हेतु एक सुसज्जित स्थल प्राप्त हुआ है।

उन्होंने कहा, “अब अधिवक्ता समुदाय को अपने कार्यक्षेत्र में अत्याधुनिक संसाधनों की उपलब्धता होगी, जिससे न्यायिक कार्यवाही में गति और गुणवत्ता दोनों में वृद्धि होगी।”

Aurangabad Judges Colony
Aurangabad Judges Colony

न्यायपालिका की गरिमा में वृद्धि

मुख्य न्यायाधीश पवनकुमार भीमप्पा बजंथरी ने अपने संबोधन में कहा कि न्यायिक सेवा केवल एक पेशा नहीं, बल्कि समाज के प्रति दायित्व है। उन्होंने कहा कि नई जजेज कॉलोनी न्यायाधीशों के लिए सुरक्षित, शांतिपूर्ण एवं गरिमामय आवास प्रदान करेगी, जिससे वे अपने कार्य में और अधिक एकाग्रता के साथ न्याय प्रदान कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि बिहार न्यायपालिका का उद्देश्य केवल फैसले सुनाना नहीं, बल्कि जनता के विश्वास को सुदृढ़ करना है। औरंगाबाद में इस नवनिर्माण कार्य से निश्चित ही न्यायिक क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।


पर्यावरण अनुकूल निर्माण और ऊर्जा संरक्षण पर बल

निर्माण कार्य में पर्यावरणीय मानकों का विशेष ध्यान रखा गया है। जजेज कॉलोनी के परिसर में वर्षा जल संचयन प्रणाली, सौर ऊर्जा पैनल एवं हरित उद्यान की स्थापना की गई है। यह परिसर राज्य में ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।


स्थानीय प्रशासन और न्यायिक विभाग का संयुक्त प्रयास

इस परियोजना को साकार करने में राज्य भवन निर्माण विभाग, न्याय विभाग और स्थानीय प्रशासन का सराहनीय योगदान रहा। निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया गया, जिससे यह परियोजना राज्य के लिए एक अनुकरणीय उपलब्धि बन गई।

प्रधान जिला जज ने सभी संबंधित अधिकारियों एवं अभियंताओं को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह सफलता टीमवर्क और समर्पण का उत्कृष्ट उदाहरण है।


न्यायिक प्रगति का प्रतीक

औरंगाबाद में जजेज कॉलोनी तथा लॉयर्स हॉल का निर्माण न केवल न्यायिक ढांचे को सुदृढ़ बनाएगा, बल्कि यह न्यायिक सेवाओं में गुणवत्ता, गरिमा और दक्षता के नए आयाम जोड़ेगा। यह पहल बिहार की न्यायपालिका की प्रगतिशील सोच और जनसरोकार के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।


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Aakash Srivastava

Writer & Editor at RashtraBharat.com | Political Analyst | Exploring Sports & Business. Patna University Graduate.