बिहार चुनाव 2025: लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में ‘बैलट बिटिया’ की पहल
औरंगाबाद जिले में 11 नवंबर 2025 को होने वाले मतदान से पहले लोकतांत्रिक जागरूकता का माहौल चरम पर है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीएम श्रीकांत शास्त्री के नेतृत्व में चलाए जा रहे स्वीप (SVEEP) कार्यक्रम ने ‘बैलट बिटिया’ के माध्यम से मतदाताओं तक सीधा संदेश पहुंचाया है — “मेरा वोट, मेरा अधिकार।”
यह पहल सिर्फ एक जागरूकता अभियान नहीं, बल्कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में नागरिक सहभागिता का प्रतीक बन गई है।
‘बैलट बिटिया’: जागरूकता की नई पहचान
‘बैलट बिटिया’ नामक इस अभियान में स्टीकर, बैज और नारे लोगों के बीच संवाद का माध्यम बने। गांवों से लेकर शहरों तक घर-घर जाकर विकास मित्रों, आंगनवाड़ी सेविकाओं, जीविका दीदियों और टोला सेवकों ने नागरिकों को मतदान के महत्व के बारे में बताया।
सड़क किनारे और दीवारों पर लगाए गए ‘बैलट बिटिया’ स्टीकर लोगों को हर दिन यह याद दिला रहे हैं कि लोकतंत्र तभी जीवित रहता है जब हर नागरिक अपनी भागीदारी निभाए।
घर-घर पहुंचा संदेश: “मेरा वोट, मेरा अधिकार”
बिहार चुनाव 2025: अभियान के दौरान मतदाताओं से सीधा संवाद स्थापित किया गया। विकास मित्रों और सेविकाओं ने घर-घर जाकर लोगों को मतदान की तिथि, प्रक्रिया और इसके महत्व के बारे में जानकारी दी। ग्रामीण इलाकों में महिलाओं और युवाओं ने “मेरा वोट, मेरा अधिकार” का नारा बुलंद कर लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।
इस अभियान की विशेषता यह रही कि यह न केवल जानकारी देने का माध्यम बना, बल्कि इसमें भावनात्मक जुड़ाव और सामाजिक जागरूकता का तत्व भी शामिल रहा।
बिहार चुनाव 2025: महिला शक्ति और युवाओं की अग्रणी भूमिका
‘बैलट बिटिया’ अभियान में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी सबसे अधिक रही। आंगनवाड़ी सेविकाओं और जीविका दीदियों ने महिलाओं को यह संदेश दिया कि उनका वोट समाज की दिशा तय कर सकता है।
वहीं युवा वर्ग ने इस पहल को डिजिटल प्लेटफार्मों और स्थानीय आयोजनों के माध्यम से और व्यापक बनाया। इससे नई पीढ़ी में लोकतंत्र के प्रति विश्वास और जिम्मेदारी का भाव मजबूत हुआ।
प्रशासन का प्रयास: हर नागरिक तक पहुंचे संदेश
जिला निर्वाचन कार्यालय, औरंगाबाद ने इस अभियान को इस तरह से तैयार किया कि यह समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। विशेष रूप से प्रथम मतदाताओं, महिलाओं और वंचित समुदायों पर फोकस करते हुए टीमों ने घर-घर जाकर संपर्क साधा।
डीएम श्रीकांत शास्त्री के अनुसार, “स्वीप कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी मतदाता मतदान से वंचित न रहे। ‘बैलट बिटिया’ उसी दिशा में एक सशक्त कदम है।”
लोकतंत्र की भावना को सशक्त बनाती पहल
बिहार चुनाव 2025: ‘बैलट बिटिया’ अभियान ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि मतदान केवल अधिकार नहीं, बल्कि एक नागरिक जिम्मेदारी भी है। औरंगाबाद जिले में इस पहल से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चुनाव को लेकर उत्साह और भरोसा बढ़ा है।
मतदान केंद्रों पर अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में यह अभियान एक प्रेरक मिसाल बन चुका है।
‘बैलट बिटिया’ ने औरंगाबाद जिले में लोकतंत्र के प्रति नई चेतना जगाई है। इस अभियान ने नागरिकों को यह समझाया कि उनका एक वोट न केवल सरकार बनाता है, बल्कि समाज की दिशा तय करता है। महिलाओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी ने इस पहल को जन-आंदोलन का स्वरूप दिया है, जिससे बिहार चुनाव 2025 में अधिकतम मतदान की उम्मीद प्रबल हुई है।