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Smart Meter अपडेट के नाम पर चिकित्सक से ठगी, खाते से उड़ाए 15 हजार रुपये

Smart Meter Fraud in Aurangabad
Smart Meter Fraud in Aurangabad: स्मार्ट मीटर अपडेट के नाम पर डॉक्टर से ठगी, खाते से उड़ाए 15 हजार रुपये
अक्टूबर 21, 2025

स्मार्ट मीटर अपडेट के नाम पर चिकित्सक से ठगी, खाते से उड़ाए 15 हजार रुपये

औरंगाबाद। साइबर ठगों का गिरोह अब तकनीकी अपडेट के बहाने भोले-भाले नागरिकों को शिकार बना रहा है। इसी क्रम में जिले के एक चिकित्सक के साथ 15 हजार रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। ठगों ने खुद को बिजली विभाग का अधिकारी बताकर स्मार्ट मीटर अपडेट करने का झांसा दिया और डॉक्टर से मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रक्रिया पूरी करने को कहा। जैसे ही डॉक्टर ने निर्देशानुसार कदम उठाए, उनके बैंक खाते से राशि गायब हो गई।


साइबर अपराधियों का नया हथकंडा: स्मार्ट मीटर अपडेट का बहाना

साइबर अपराधी अब तकनीकी शब्दावली और सरकारी योजनाओं के नाम का उपयोग करके नागरिकों को ठगने लगे हैं। इस बार उन्होंने “स्मार्ट मीटर अपडेट” का बहाना बनाकर शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. सोहराब आलम को निशाना बनाया।
डॉ. आलम अपने निजी क्लीनिक में मरीजों का इलाज कर रहे थे, तभी उन्हें मोबाइल नंबर 7439669059 से एक कॉल प्राप्त हुआ। कॉल करने वाले ने खुद को बिजली विभाग का अधिकारी बताया और कहा कि उनके स्मार्ट मीटर का रिचार्ज समाप्त हो चुका है, इसे तुरंत अपडेट कराना आवश्यक है।


वीडियो कॉल के जरिए दिखाया फर्जी स्टेटस, फिर भेजा धोखाधड़ी वाला लिंक

ठगों ने चिकित्सक का विश्वास जीतने के लिए वीडियो कॉल भी किया और स्मार्ट मीटर का स्टेटस चेक करने का झांसा दिया। उन्होंने कहा कि मीटर को ऑनलाइन अपडेट करने के लिए “सुविधा ऐप” का इस्तेमाल करना होगा।
कुछ ही देर बाद ठगों ने एक लिंक भेजा और कहा कि उस पर क्लिक करके प्रक्रिया पूरी की जाए। डॉक्टर ने जैसे ही लिंक खोला, उनके खाते से ₹15,000 की राशि स्वचालित रूप से डेबिट हो गई।


शिकायत दर्ज, जांच में जुटी साइबर थाना पुलिस

घटना के तुरंत बाद डॉ. आलम ने औरंगाबाद साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।
साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि ठगों ने फर्जी ऐप और लिंक का उपयोग किया है। ठगों की लोकेशन का पता लगाने का प्रयास जारी है।


विद्युत विभाग ने दी चेतावनी: ऐसे कॉल्स से रहें सावधान

विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता पंकज कुमार गुप्ता ने कहा कि विभाग की ओर से किसी भी उपभोक्ता को मीटर अपडेट या भुगतान के लिए फोन या लिंक नहीं भेजा जाता। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि यदि इस प्रकार का कॉल आए तो तुरंत 1912 या स्थानीय बिजली कार्यालय से संपर्क करें।


पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएँ

यह पहली बार नहीं है जब ठगों ने “स्मार्ट मीटर अपडेट” के नाम पर ठगी की है। पिछले कुछ महीनों में बिहार, झारखंड, और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इसी प्रकार की घटनाएँ रिपोर्ट हुई हैं।
कई मामलों में ठगों ने लोगों से बैंक डिटेल्स या ओटीपी लेकर हजारों रुपये निकाल लिए। पुलिस और बिजली विभाग बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और न ही बैंक संबंधी जानकारी साझा करें।


सावधानी ही सुरक्षा है

साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, ठग लोगों के मोबाइल नंबर और बिजली बिल की जानकारी विभिन्न ऑनलाइन स्रोतों से एकत्र करते हैं। वे सरकारी भाषा और शब्दावली का उपयोग कर लोगों का विश्वास जीतते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि उपभोक्ता यदि थोड़ी सावधानी बरतें — जैसे कि बिजली विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप का ही उपयोग करें, तो इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सकता है।

यह घटना इस बात का प्रमाण है कि साइबर अपराधी अब हर नए सरकारी कदम या तकनीकी अपडेट को ठगी का नया माध्यम बना रहे हैं। जनता को चाहिए कि ऐसे किसी भी कॉल या लिंक पर विश्वास न करें, बल्कि आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।
पुलिस और विभागीय चेतावनी के बावजूद लोग यदि असावधानी बरतते हैं, तो वे स्वयं को नुकसान के जोखिम में डालते हैं।

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