भागलपुर विधानसभा में राजनीतिक हलचल
भागलपुर विधानसभा सीट पर नामांकन के आखिरी दिन एक नाटकीय घटनाक्रम ने पूरे शहर की राजनीति में हलचल पैदा कर दी। दीपावली के मौसम में जैसे पटाखे फूटते हैं, वैसे ही यहाँ राजनीतिक बवंडर छा गया। राजद के टिकट पर नामांकन करने जा रहे प्रत्याशी अपनी ही रैली से गायब हो गए। इस राजनीतिक उलटफेर ने कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा के लिए राहत की सांस दिलाई।
महागठबंधन के भीतर खींचतान
सुबह से ही माहौल में हलचल थी। नगर निगम के डिप्टी मेयर सलाहउद्दीन अहसन के समर्थक बड़ी संख्या में मुस्लिम कालेज परिसर में जुटे। उनका नामांकन जुलूस वेरायटी चौक तक पहुंचा, लेकिन घटनाक्रम ने अप्रत्याशित मोड़ ले लिया। दोपहर करीब 1.35 बजे, सलाहउद्दीन की गाड़ी का रुख नगर निगम कार्यालय की ओर मोड़ दिया गया। समर्थकों में अफरा-तफरी मच गई।
राजद और कांग्रेस की रणनीति
नगर निगम पहुंचते ही पहले से मौजूद राजद और महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने सलाहउद्दीन से बातचीत शुरू की। इसमें शिशुपाल भारती और बाबुल खान जैसे नेता भी शामिल थे। इसी बीच झारखंड के मंत्री संजय यादव तीन गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे। उनका मकसद स्पष्ट था – सलाहउद्दीन को नामांकन से रोकना और कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा के पक्ष में स्थिति साफ करना।
संजय यादव का हस्तक्षेप
राजद के शीर्ष नेतृत्व ने विशेष रूप से संजय यादव को भागलपुर भेजा था। लगभग आधे घंटे की अंदरखाने बैठक के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई। संजय यादव ने सलाहउद्दीन को मनाया और उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन करने का निर्देश दिया। इसके बाद सलाहउद्दीन मंत्री के काफिले में मायागंज स्थित अपने आवास पहुंचे और सार्वजनिक रूप से अजीत शर्मा का समर्थन किया।
सुपरिणाम: मुस्लिम वोट का संतुलन
सलाहउद्दीन अहसन के नामांकन को रोकने की रणनीति पिछले चार दिन से चल रही थी। उनके नजदीकी और साथी पहले प्रयास कर चुके थे, लेकिन सफल नहीं हुए। संजय यादव के हस्तक्षेप ने पूरी स्थिति बदल दी। इस घटना से साफ हो गया कि इस बार का चुनाव महागठबंधन के भीतर रणनीति और सामंजस्य की परीक्षा है।
कांग्रेस प्रत्याशी की प्रतिक्रिया
कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा ने कहा, “सलाहउद्दीन राजद के पदाधिकारी और डिप्टी मेयर हैं। हम सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे। सभी ने बैठक में मिलकर चुनाव रणनीति तय की। मंत्री संजय यादव और सलाहउद्दीन भी बैठक में उपस्थित थे। उपर से आदेश था कि हम सभी एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे।”
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि बिहार चुनाव 2025 में महागठबंधन के भीतर मत विभाजन और रणनीति की अहम भूमिका होगी। मुस्लिम वोटों का संतुलन और गठबंधन के अंदरूनी समीकरण इस बार निर्णायक साबित हो सकते हैं। भागलपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस की यह चाल RJD पर सीधे प्रभाव डालती है।
भागलपुर चुनाव 2025 में हुए इस नाटकीय घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया कि सही समय पर सही रणनीति और कुशल नेतृत्व से राजनीतिक परिदृश्य बदल सकता है। कांग्रेस के लिए यह अवसर तो था ही, साथ ही महागठबंधन के लिए भी यह चेतावनी बन गया कि गठबंधन में सामंजस्य ही जीत की कुंजी है।