खलीफाबाग चौक पर तनाव, लोग बने तमाशबीन
भागलपुर के व्यस्त खलीफाबाग चौक स्थित मारवाड़ी पाठशाला के पास दो पक्षों के बीच अचानक विवाद भड़क गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, किसी मामूली बात को लेकर दोनों गुटों में कहासुनी शुरू हुई, जो धीरे-धीरे हिंसक झड़प में बदल गई।
कुछ ही मिनटों में दोनों ओर से लात-घूसे और डंडे चलने लगे, जिससे सड़क पर अफरातफरी मच गई।
मौके पर बड़ी संख्या में लोग तमाशबीन बनकर खड़े रहे, लेकिन किसी ने बीच-बचाव करने की हिम्मत नहीं दिखाई। इस दौरान कई दुकानें भी एहतियातन बंद कर दी गईं।
कई लोग हुए घायल, पुलिस ने किया हालात पर काबू
घटना की सूचना मिलते ही जोगसर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह दोनों पक्षों को अलग किया।
पुलिस ने मारपीट कर रहे दर्जनभर लोगों को हिरासत में लेकर थाने भेज दिया।
घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और इलाके में एहतियातन पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना दोबारा न हो सके।
मारपीट के कारणों पर रहस्य बरकरार
घटना के बाद से लोगों के बीच कई तरह की चर्चाएँ चल रही हैं, लेकिन अब तक मारपीट की वास्तविक वजह सामने नहीं आई है।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि यह विवाद किसी आपसी कहासुनी या पुराने झगड़े को लेकर हुआ हो सकता है।
थाना प्रभारी ने बताया कि “मामले की जांच की जा रही है। सभी पक्षों से पूछताछ की जा रही है और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
स्थानीय लोगों में दहशत, प्रशासन सतर्क
घटना के बाद खलीफाबाग चौक और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल बना हुआ है।
लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि इतनी भीड़भाड़ वाले इलाके में बीच सड़क पर ऐसी घटना हो गई और लोग तमाशबीन बने रहे।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।

शहर में कानून व्यवस्था पर उठे सवाल
भागलपुर शहर में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को देखते हुए नागरिकों ने प्रशासन से कड़ी निगरानी और सख्त कदमों की मांग की है।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि खलीफाबाग चौक जैसी व्यस्त जगह पर मारपीट की घटना पुलिस की गश्ती व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है।
एक दुकानदार ने कहा, “हर शाम यहां भीड़ रहती है। पुलिस अगर समय पर गश्त करती रहती तो मामला इतना नहीं बढ़ता।”

जांच के बाद ही सामने आएगा सच
फिलहाल जोगसर थाना पुलिस ने दोनों पक्षों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
प्रशासन ने कहा है कि जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि विवाद किस कारण से भड़का।
हालांकि, घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि भागलपुर जैसे शहर में भीड़ की मानसिकता और सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है।