आस्था और लोकतंत्र का संगम: भागलपुर में छठ घाटों पर प्रशासन की पहल
लोक आस्था का महापर्व छठ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और नागरिक जिम्मेदारी का प्रतीक भी बन चुका है। भागलपुर में इस वर्ष छठ पर्व के अवसर पर जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल करते हुए मतदाता जागरूकता को इससे जोड़ा।

जिलाधिकारी ने किया छठ घाटों का निरीक्षण
भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी, नगर आयुक्त शुभम कुमार सहित प्रशासनिक टीम ने शहर के विभिन्न गंगा घाटों का भ्रमण किया। अधिकारी वोटर अवेयरनेस के संदेशों के साथ घाटों पर पहुंचे और श्रद्धालुओं से अपील की कि वे 11 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें।
डॉ. चौधरी ने घाटों पर मौजूद लोगों से संवाद करते हुए कहा, “लोकतंत्र के इस महापर्व में प्रत्येक नागरिक की भागीदारी जरूरी है। जिस तरह छठ पर्व में आस्था दिखाई जाती है, उसी समर्पण के साथ मतदान भी होना चाहिए।”
सुरक्षा और स्वच्छता पर प्रशासन की सख्त नजर
प्रशासन ने सभी घाटों पर सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर विशेष प्रबंध किए। पुलिस बल की तैनाती, प्रकाश व्यवस्था, मेडिकल टीम और एनडीआरएफ के जवानों की मौजूदगी ने श्रद्धालुओं को सुरक्षित माहौल दिया।
जिलाधिकारी ने घाटों के वेरीकेटिंग, साफ-सफाई और व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भीड़ वाले इलाकों में लगातार निगरानी रखी जाए और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।
छठ घाटों पर मतदाता जागरूकता का अनोखा तरीका
इस वर्ष जिला प्रशासन ने ‘मतदान भी महापर्व है’ थीम पर पोस्टर, बैनर और घोषणाओं के माध्यम से लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया।
संगीत के बीच गूंजते संदेश – “पहले मतदान, फिर जलार्पण” – लोगों के बीच चर्चा का विषय रहे।
छठ घाटों पर प्रशासनिक टीम ने महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों से संवाद किया। कई लोगों ने कहा कि वे इस पहल से प्रेरित होकर अपने परिवार के सभी सदस्यों को मतदान के लिए प्रेरित करेंगे।
धार्मिक और सामाजिक एकता की मिसाल
छठ पर्व बिहार और पूर्वांचल की संस्कृति में गहराई से जुड़ा है। इस पर्व में साफ-सफाई, अनुशासन और सामूहिक भागीदारी का जो स्वरूप दिखता है, वही लोकतंत्र की भावना को मजबूत करता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि “आस्था और लोकतंत्र का यह संगम बिहार की पहचान है। जिस तरह श्रद्धालु छठ में समर्पित रहते हैं, उसी तरह वोटिंग में भी समर्पण दिखाना जरूरी है।”
भविष्य के लिए संदेश
भागलपुर जिला प्रशासन की इस पहल ने यह संदेश दिया कि धार्मिक आयोजन केवल परंपरा नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का अवसर भी हैं।
आने वाले वर्षों में इस मॉडल को अन्य जिलों में भी लागू करने की संभावना जताई जा रही है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
शहर के कई श्रद्धालुओं ने कहा कि प्रशासन का यह प्रयास सराहनीय है।
गंगा घाट पर पूजा के लिए आई रेखा देवी ने कहा, “हम हर साल छठ करते हैं, लेकिन इस बार प्रशासन ने जो मतदान का संदेश दिया, वह दिल को छू गया।”
वहीं युवा वर्ग ने कहा कि वे सोशल मीडिया पर भी इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे।
जिलाधिकारी का संदेश
डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा, “भागलपुर जिला प्रशासन हर नागरिक से आग्रह करता है कि 11 नवंबर को मतदान केंद्र तक जाएं और लोकतंत्र के इस पर्व को सफल बनाएं।”
उन्होंने छठ पर्व पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्वच्छता और अनुशासन का पालन करें और मतदान दिवस को भी उत्सव की तरह मनाएं।