जरूर पढ़ें

Bhagalpur News: बच्चों के झगड़े से उत्पन्न खूनी संघर्ष, कजरैली में एक ही परिवार के तीन सदस्य गंभीर रूप से घाय

Children Dispute Blood Conflict
Children Dispute Blood Conflict - कजरैली में बच्चों के झगड़े से उत्पन्न खूनी संघर्ष, तीन गंभीर रूप से घायल (File Pic)
Updated:

कजरैली में बच्चों के विवाद से हुआ हिंसक संघर्ष

भागलपुर के कजरैली थाना क्षेत्र स्थित गोराचक्की गाँव में दिवाली के समय हुए बच्चों के मामूली विवाद ने भयावह रूप धारण कर लिया। यह विवाद अब इतनी हिंसक स्थिति में बदल गया कि एक ही परिवार के तीन सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में नीशु देवी, उनके पति दशरथ दास और परिवार का एक अन्य सदस्य शामिल हैं।

घटना के अनुसार, विवाद तब शुरू हुआ जब नीशु देवी के बच्चों और अन्य पक्ष के बच्चों के बीच सामान्य झगड़ा हुआ। किन्तु विवाद को देखते हुए कुछ बड़े लोगों ने इसे और अधिक हिंसक रूप दे दिया। नीतीश कुमार, नीशु देवी के पुत्र ने बताया कि “बड़ा आदमी बोला कि सब भिड़के मारो” और इसके बाद दो-तीन घरों के लोग एक साथ उनके परिवार पर टूट पड़े।

घायल परिवार के सदस्यों की स्थिति

मारपीट में गंभीर रूप से घायल नीशु देवी को तुरंत बेहतर इलाज के लिए जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आई हैं। दशरथ दास और अन्य परिवार सदस्य भी मामूली से गंभीर चोटों के साथ मायगंज अस्पताल में भर्ती हैं।

नीतीश कुमार ने बताया कि वे स्वयं दिल्ली से ट्रेन द्वारा गाँव पहुँचे और उन्होंने तुरंत घटना की सूचना कजरैली थाना को दी। थाने में उनकी माँ की शिकायत दर्ज करवाई गई और पुलिस ने उन्हें इंजरी कार्ड बनवाकर मायगंज अस्पताल में रेफर किया।

पुलिस कार्रवाई पर असंतोष

घटना के बाद पीड़ित पक्ष ने पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष जताया है। नीतीश ने आरोप लगाया कि घटना के बाद अब तक कोई भी पुलिस अधिकारी न तो अस्पताल आया और न ही गाँव में जांच-पड़ताल करने पहुँचा। उन्होंने कहा, “थाना अभी यहाँ पर आया नहीं है, न मेरे गाँव आया है पूछने के लिए क्या हुआ, पेशेंट को क्या हुआ।”

यह असंतोष यह दर्शाता है कि घटना की गंभीरता के बावजूद स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने समय पर कार्रवाई नहीं की। इससे पीड़ित परिवार को न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।

बच्चों के विवाद से सामाजिक चेतना की आवश्यकता

कजरैली जैसी घटनाएँ इस ओर संकेत करती हैं कि बच्चों के मामूली विवादों को हल करने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए सामाजिक और परिवारिक जागरूकता की अत्यधिक आवश्यकता है। अक्सर मामूली झगड़े ही हिंसा की बड़ी घटनाओं में परिवर्तित हो जाते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों के झगड़े में अभिभावकों की भूमिका निर्णायक होती है। यदि अभिभावक समय पर हस्तक्षेप करें और बच्चों को संयम सिखाएँ, तो इस प्रकार के विवादों को गंभीर हिंसा में परिवर्तित होने से रोका जा सकता है।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस की भूमिका

स्थानीय प्रशासन और पुलिस का यह कर्तव्य है कि वे ऐसे हिंसक घटनाओं के तुरंत बाद मामले की पूरी जांच करें और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाएँ। भागलपुर के कजरैली थाने को चाहिए कि वे अस्पताल और गाँव पहुँचकर स्थिति का निरीक्षण करें और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें।

नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि उन्हें आशा है कि पुलिस जल्द ही कार्रवाई करेगी और उनके परिवार को न्याय मिलेगा। वहीं, गाँव के अन्य लोग भी इस घटना से चिंतित हैं और चाहते हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जाए।

Rashtra Bharat
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा खेल, राजनीति, विश्व, मनोरंजन, धर्म और बिज़नेस की अपडेटेड हिंदी खबरें।

Aakash Srivastava

राष्ट्रभारत में लेखक एवं संपादक | राजनीतिक विश्लेषक | खेल और व्यवसाय की रिपोर्टिंग में विशेष रुचि | पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय से स्नातक।