Congress Leader Praveen Singh Kushwaha ने उठाए भ्रष्टाचार व खाद संकट के सवाल — बिहार सरकार को आड़े हाथों लिया
भागलपुर। बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल है। Congress Leader Praveen Singh Kushwaha ने भागलपुर स्थित कांग्रेस भवन में प्रेस वार्ता कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार के खिलाफ तीखे बयान दिये। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ रहा है, किसानों को खाद नहीं मिल रही, और प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह चरमराया हुआ है।
कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार बार-बार यह दावा करते हैं कि बिहार से भ्रष्टाचार मिट गया है, लेकिन हकीकत में ऐसा कोई सुधार नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि “आम जनता को सरकारी दफ्तरों में काम कराने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है। भ्रष्ट लोग आज भी बेखौफ हैं।”
Also Read:
पटना पुलिस कस्टडी डेथ: सुलतानगंज में पुलिस की पिटाई से युवक की मौत, परिवार ने लगाए गंभीर आरोप
उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की “भ्रष्टाचार मुक्त सरकार” की बात खोखली साबित हो रही है। यदि प्रशासन सच में पारदर्शी हो, तो बिहार जैसे राज्य में किसानों की स्थिति इतनी बदतर न होती।
कुशवाहा ने विशेष रूप से खाद संकट की ओर ध्यान दिलाया। उनके अनुसार, किसानों को अपेक्षित मात्रा में यूरिया, डीएपी आदि खाद उपलब्ध नहीं हो रही है। “खाद की कालाबाजारी खुली हो रही है और सरकार कुछ नहीं कर रही,” उन्होंने कहा। किसानों को अपने खेत की तैयारी में दिक्कत हो रही है।
उन्होंने सरकार की उस नई प्रक्रिया की भी आलोचना की, जिसमें कहा गया कि भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति को जप्त किया जाएगा। कुशवाहा ने कहा, “ये सिर्फ दिखावा है। इस प्रक्रिया का लाभ कभी बड़े नेताओं तक नहीं पहुँचता।”
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह डांवाडोल हो चुकी है। जनता अवैध वसूली, गलत व्यवहार, भ्रष्ट अधिकारी, अपराध जैसी समस्याओं से त्रस्त है, लेकिन सरकार केवल बयानबाजी में लगी है।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इन मुद्दों को लेकर सड़क और सदन दोनों जगह संघर्ष करेगी। “यह जनता की लड़ाई है और हम इसे आगे ले जाएंगे। बिहार को जवाबदेह सरकार चाहिए, नहीं कि दिखावटी घोषणाएँ।”
वेब स्टोरी:
कुशवाहा ने प्रेस वार्ता समाप्त करते हुए स्पष्ट किया कि सरकारों को वादों से नहीं, कर्मों से जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा:
“बिहार में भ्रष्टाचार की जड़ें आज भी गहरी हैं। किसानों को खाद नहीं मिल रही है, जनता महंगाई और अपराध से त्रस्त है, और सरकार झूठे वादों और खोखली घोषणाओं पर भरोसा कर रही है।”
उनके इस बयान ने राज्य की सियासी जुगलबंदी में एक नई लपट जलाई है। विश्लेषकों का मानना है कि 2025 की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस तरह के आरोपों और संवेदनशील मुद्दों को चुनावी रणभूमि में उपयोग कर सकती है।