Kajraili Thana Illegal Money Collection: निजी चालक की अवैध वसूली का वीडियो
भागलपुर जिले के कजरैली थाना से एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें Kajraili Thana Illegal Money Collection का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में कजरैली थाना का निजी चालक मिथलेश कुमार बालू लदे जुगाड़ गाड़ी के चालक से खुलेआम पैसे वसूलते दिख रहे हैं।
विडियो में साफ देखा जा सकता है कि दो पुलिसकर्मी—राजेन्द्र और एक अन्य—गश्त पर मौजूद हैं, बावजूद इसके निजी चालक का यह काम लगातार जारी है। यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि थाना स्तर पर अवैध वसूली का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
Also Read:
अमित शाह का विश्वास: NDA ने बिहार को ‘जंगल राज’ से निकाला, लोग फिर से विकास की राजनीति चुनेंगे
भले ही पुलिस मुख्यालय और जिला प्रशासन समय-समय पर कार्रवाई करते रहें, लेकिन स्थानीय स्तर पर कानून का उल्लंघन जारी है। Kajraili Thana Illegal Money Collection का यह वायरल वीडियो दर्शाता है कि अवैध वसूली के मामलों में स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल हो सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामले कानून व्यवस्था और आम जनता के विश्वास के लिए खतरनाक हैं। जिला प्रशासन को तुरंत जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अवैध बालू खनन और परिवहन पर पहले से ही कई नियंत्रण हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार की यह घटनाएं चिंता का विषय हैं।
जिला पुलिस मुख्यालय ने फिलहाल वीडियो की सत्यता पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। सूत्रों का कहना है कि जांच के बाद निजी चालक और संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर लोग इस मामले पर गहरी नाराजगी जता रहे हैं और पुलिस प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि ऐसे मामलों में तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाएं। नागरिक संगठन भी प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि जिले में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
वेब स्टोरी:
चैनल ने इस वीडियो की पुष्टि नहीं की है, लेकिन तेजी से वायरल होने से स्पष्ट हो गया है कि जनता की निगाहें अब प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं। Kajraili Thana Illegal Money Collection इस मामले में यह दिखाता है कि अवैध गतिविधियों में शामिल लोग खुलेआम कार्य कर रहे हैं, जबकि कानून लागू करने वाले मौन हैं।
यह घटना प्रशासन के लिए चेतावनी है कि अगर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो जिले में कानून और व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जनता और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है कि ऐसे मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।