लालू परिवार को दोषी ठहराया गया
भागलपुर। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने ‘लैंड फॉर जॉब’ मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को दोषी करार दिया है। इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कोर्ट ने यह निर्णय ऐसे समय में सुनाया है, जब बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं।
भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने भागलपुर स्थित एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहा, “आज एक बार फिर लालू प्रसाद यादव ने बिहार को कलंकित करने का काम किया है। जो व्यक्ति सरकारी संपत्ति में हेराफेरी करता है और नौकरी के नाम पर घोटाला करता है, वही आज फिर से सत्ता का सपना देख रहा है।”
सार्वजनिक संपत्ति और भ्रष्टाचार का मामला
‘लैंड फॉर जॉब’ मामला उन आरोपों से जुड़ा है, जिनमें सरकारी भूमि को निजी रूप से खरीदने और नौकरी दिलाने के नाम पर जनता के अधिकार का हनन करने का आरोप था। कोर्ट ने विस्तृत जांच और सबूतों के आधार पर लालू परिवार को दोषी ठहराया।
लाल सिंह आर्य ने कहा, “इस मामले ने यह साफ कर दिया है कि लालू परिवार के लिए सत्ता सबसे ऊपर है। वे न संविधान का सम्मान करते हैं, न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों का पालन करते हैं। ऐसे लोग बिहार की राजनीति के लिए खतरा हैं।”
भाजपा का तीखा प्रहार और राजनीतिक संदेश
भाजपा नेता ने केवल लालू परिवार तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी तीखा प्रहार किया। आर्य ने कहा कि राजद अब ममता बनर्जी के गठबंधन में है, जबकि पश्चिम बंगाल में एक दलित नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ, लेकिन इस पर न तो लालू यादव ने और न ही तेजस्वी यादव ने कोई प्रतिक्रिया दी।
आर्य ने इसे गठबंधन राजनीति का प्रत्यक्ष उदाहरण बताया और कहा, “लालू-तेजस्वी के लिए दलितों की सुरक्षा या सम्मान कम और सत्ता में बने रहना ज्यादा महत्वपूर्ण है।”

नारी सम्मान के खिलाफ बयान पर निंदा
लाल सिंह आर्य ने ममता बनर्जी के एक बयान की भी निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि “औरत को रात में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।” आर्य ने इसे “नारी सम्मान के खिलाफ और ओछी मानसिकता का बयान” करार दिया और कहा कि ऐसे विचार समाज में महिला सुरक्षा और स्वतंत्रता के लिए खतरा हैं।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
विश्लेषकों का कहना है कि इस फैसले से बिहार की राजनीतिक तस्वीर बदल सकती है। चुनावी माहौल में यह मामला राजद और भाजपा के बीच प्रत्यक्ष संघर्ष को और तेज करेगा। जनता में भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता बढ़ेगी और न्याय व्यवस्था की भूमिका पर भी ध्यान जाएगा।
इस फैसले के बाद राजद की प्रतिक्रिया और आगामी चुनावी रणनीति पर नजरें टिकी हुई हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि लालू परिवार के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है और पार्टी को जनता के विश्वास को बहाल करने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे।