भागलपुर में महागठबंधन तनाव: राजद प्रत्याशी ने पप्पू यादव को दी चेतावनी
भागलपुर। महागठबंधन में लगातार उठते विरोधाभासों के बीच, कहलगांव विधानसभा क्षेत्र में राजद और कांग्रेस के बीच टिकट विवाद तेज हो गया है। हाल ही में, राजद प्रत्याशी रजनीश यादव ने पप्पू यादव को चेतावनी दी है, कहा कि चाहे कितने भी बड़े नेता क्यों न हों, उनके पिता पर कोई आरोप लगाए तो वह छोड़ेंगे नहीं।
रजनीश यादव ने बताया कि महागठबंधन में कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार प्रवीण कुशवाहा को मैदान में उतारा है। इससे पहले पप्पू यादव ने प्रवीण कुशवाहा को मिठाई खिलाकर बधाई दी थी और झारखंड सरकार के श्रम एवं उद्योग मंत्री संजय यादव पर बालू माफिया होने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की थी।
रजनीश यादव ने कहा, “यदि कोई मेरे पिता पर आरोप लगाएगा, तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं। हमारे पिता पर कोई मर्डर का केस नहीं है, लेकिन उनके ऊपर दर्ज मामले सभी जानते हैं। यह चुनौती किसी व्यक्तिगत नेता से नहीं है, बल्कि बेरोजगारी और कहलगांव के पिछड़ेपन से है।”
महागठबंधन में टिकट विवाद
राजद और कांग्रेस के बीच टिकट वितरण को लेकर कहलगांव में हाई-वोल्टेज ड्रामा चल रहा है। एनडीए और महागठबंधन ने पहले सबा जफर और साबिर अली जैसे उम्मीदवारों पर विचार किया, लेकिन अब प्रवीण कुशवाहा कांग्रेस के उम्मीदवार बन चुके हैं।
रजनीश यादव ने यह भी कहा कि गठबंधन का ख्याल रखा जाना चाहिए था। उन्होंने कांग्रेस को याद दिलाया कि 2014 में मोदी लहर के दौरान राजद ने भागलपुर लोकसभा सीट जीती थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन के धर्म का पालन करते हुए इसे कांग्रेस को सौंपा गया।
विकास मुद्दों पर ध्यान
रजनीश यादव ने चुनाव में अपने एजेंडे पर भी जोर दिया। उनका कहना है कि मुख्य मुद्दे हैं:
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एनटीपीसी के CSR फंड का सही उपयोग
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कहलगांव में विकास और पिछड़ेपन की समस्याओं का समाधान
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स्थानीय जनता तक सरकारी योजनाओं और संसाधनों की पहुंच
उन्होंने कहा कि शुरुआती समय में और मुद्दों को जनता के बीच लाया जाएगा और मेनिफेस्टो तैयार कर उसे लागू किया जाएगा।
जनता और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
रजनीश यादव ने सोशल मीडिया पर उन लोगों को भी जवाब दिया जिन्होंने उन्हें बाहरी उम्मीदवार बताया। उन्होंने कहा कि जनता ने अपने समर्थन और प्यार से उनकी ताकत दिखाई है।
उन्होंने यह भी जोर दिया कि महागठबंधन के सभी उम्मीदवार मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के समर्थन में काम कर रहे हैं और उनका उद्देश्य सीट जीतकर मुख्यमंत्री के हाथ को मजबूत करना है।