Nitish Kumar: भोजपुर में जीविका दीदियों का नीतीश समर्थन गीत वायरल
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भोजपुर जिले से एक दिलचस्प वीडियो सामने आया है, जिसमें जीविका दीदियों का एक समूह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजनाओं की प्रशंसा करते हुए गीत गाता नजर आ रहा है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इसे लेकर पूरे बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
चुनावी माहौल में जीविका दीदियों की सक्रियता
विधानसभा चुनाव के दौरान हर राजनीतिक दल अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ऐसे समय में भोजपुर की जीविका दीदियों का यह गीत जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
गीत में कहा जा रहा है— “युग युग जीयस नीतीश चाचा, जीविका के भाग जागल हो, हो लालना…”
यह गीत दरअसल भोजपुर क्षेत्र में प्रचलित पारंपरिक गीत है, जिसे सामान्यतः किसी परिवार में बच्चे के जन्म पर गाया जाता है। इस बार यह गीत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में सुनाई दे रहा है।
नीतीश सरकार की योजनाओं का प्रचार या स्वस्फूर्त समर्थन?
वीडियो में जीविका दीदियाँ “दस हजार वाली योजना” की प्रशंसा करती दिख रही हैं, जो नीतीश सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में शुरू की गई थी। यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रचार किसी राजनीतिक आयोजन का हिस्सा था या इन महिलाओं का स्वस्फूर्त उत्साह।
फिर भी, इस वीडियो ने बिहार में महिला सशक्तिकरण और उनके बढ़ते चुनावी प्रभाव की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
सोशल मीडिया पर बढ़ती चर्चा
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर आया, लोगों ने इसे बड़ी संख्या में साझा करना शुरू कर दिया। कुछ लोग इसे नीतीश कुमार की लोकप्रियता का उदाहरण बता रहे हैं, तो कुछ इसे चुनावी रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं।
हालांकि इस वीडियो की सत्यता की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, परंतु यह निश्चय ही बिहार की बदलती चुनावी तस्वीर को दर्शाता है, जिसमें महिलाओं की भूमिका अब केवल दर्शक की नहीं, बल्कि निर्णायक बनती जा रही है।
महिला मतदाताओं की बढ़ती भूमिका
Nitish Kumar: बिहार में इस बार महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत पहले की तुलना में काफी बढ़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में जीविका समूहों के माध्यम से महिलाएँ आर्थिक और सामाजिक रूप से अधिक जागरूक हो रही हैं।
इनकी यह सक्रियता न केवल चुनावी परिदृश्य को प्रभावित कर रही है, बल्कि राजनीतिक दलों को भी अपनी रणनीति महिलाओं के केंद्र में रखनी पड़ रही है।
ग्रामीण संस्कृति और राजनीति का संगम
भोजपुर का यह गीत एक उदाहरण है कि कैसे स्थानीय लोक संस्कृति राजनीतिक संदेशों को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम बन सकती है। लोकगीतों में जनता की भावनाएँ, आस्था और सामाजिक चेतना छिपी होती है।
इस प्रकार, जीविका दीदियों का यह वायरल वीडियो न केवल एक चुनावी घटना है, बल्कि बिहार के बदलते सामाजिक ताने-बाने का प्रतीक भी है।
भोजपुर में जीविका दीदियों का यह वीडियो बिहार की राजनीति में महिला शक्ति की उभरती तस्वीर प्रस्तुत करता है। चाहे यह गीत प्रचार का हिस्सा हो या स्वाभाविक अभिव्यक्ति—इसने यह साबित कर दिया है कि अब बिहार की महिलाएँ केवल योजनाओं की लाभार्थी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की सशक्त भागीदार बन चुकी हैं।