प्रथम चरण में मतदान की गति
27.65 प्रतिशत, यह संख्या है बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में सुबह 11 बजे तक दर्ज की गई भागीदारी की. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार इस चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार 1,21 विधानसभा क्षेत्रों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
मतदान सुबह 7 बजे से आरम्भ हुआ था और यह शाम तक जारी रहेगा। पहले चरण में करीब 3.75 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
मतदान का प्रारंभिक चित्र
पहली सुबह से ही मतदान केंद्रों पर हल्की हल्की कतारें बनना शुरू हो गई थीं। हालांकि सुबह के आंकड़े अपेक्षाकृत धीमे दिखे। पर विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ेगा, मतदान की गति में वृद्धि संभव है।
इसके बावजूद यह ध्यान देने योग्य है कि राज्य के कुछ शहरी क्षेत्रों में मतदान अभी भी अपेक्षा से कम है। ग्रामीण-विकासशील क्षेत्रों में जोड़दार भागीदारी देखने को मिल रही है।
दलों की प्रतिक्रिया और ताप-मान
विपक्षी दलों ने मतदान के प्रारंभिक घंटों में कुछ आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार कई क्षेत्रों में बिजली कटौती हुई, जिससे मतदान धीमा हुआ। आयोग ने इन आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि सभी बूथों पर प्रक्रिया समान और स्वच्छ ढंग से चल रही है। ※ विशिष्ट स्रोत में इस बिंदु का उल्लेख है।
मुख्य राजनीतिक दलों के कई वरिष्ठ नेता अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह-सुबह मतदाताओं के बीच नजर आए। इस तरह से मतदान केंद्रों पर उनका सक्रिय दृष्टिगोचर होना चयन प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला तत्व बन गया है।
क्षेत्र-विशेष विश्लेषण
पहले चरण के 121 क्षेत्रों में से कुछ ऐसे हैं जहाँ मतदान की अधिक संभावना जताई जा रही थी—विशेषतः ग्रामीण केंद्रों में। उदाहरण के लिए, मुजफ्फरपुर, दरभंगा जैसे जिलों में पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर मतदान रुझान देखने को मिले हैं।
इसके विपरीत, शहरी क्षेत्रों में जैसे पटना के दर्जनों विधानसभा क्षेत्रों में मतदान अपेक्षा से कम दिख रहा है। नागरिक-शहरी जीवन की व्यस्तता, संसाधनों की कमी, और मतदान केन्द्रों तक पहुँच की चुनौतियाँ इसकी एक वजह मानी जा रही हैं।
आगे क्या देखने को मिलेगा
इस प्रथम चरण के मतदान परिणाम आने के बाद राजनीतिक दलों की रणनीतियाँ अगले चरणों के लिए और सघन होंगी। मतदान दर लगातार बढ़ती दिख रही है — यह संकेत हो सकता है कि मतदाता अब अधिक सक्रिय हो रहे हैं। यदि यही रुझान बरकरार रहा तो अंतिम मतदान आंकड़े पिछले चुनावों के मुकाबले बेहतर हो सकते हैं।
साथ ही यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता-उम्र वर्ग, नए मतदाता, युवाओं का सहभाग और बूथ-स्तर पर उम्मीदवारों की भागीदारी इन कांग्रेसों को किस दिशा में ले जाती है।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।