Bihar Chunav: पश्चिम चंपारण में मतदाता जागरूकता की एक नई पहल
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिम चंपारण जिले में मतदाता जागरूकता अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए एक अनोखी पहल की गई है। 11 नवम्बर को होने वाले चुनाव में ज्यादा से ज्यादा लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से यह अभियान शुरू किया गया। यह पहल केवल प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि जनता को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपनी भूमिका समझाने की एक कोशिश है।
मानव श्रृंखला बनाकर मतदाता जागरूकता का संदेश
आज, बेतिया के स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में जिले के स्कूलों के बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बच्चों ने हाथों में तख्तियां और पोस्टर लेकर लोगों से अपील की कि वे 11 नवम्बर को मतदान जरूर करें। इसके साथ ही, मतदान के महत्व को समझाने के लिए नुक्कड़ नाटक का आयोजन भी किया गया, जिसमें गांव के युवा और बच्चों ने मिलकर वोटिंग के महत्व को सजीव रूप में प्रस्तुत किया। “मतदान हमारा अधिकार है, इसका प्रयोग ज़रूर करें”— इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए नुक्कड़ नाटक का मंचन बेहद प्रभावी साबित हुआ।
मतदान की शपथ और प्रतीकात्मक बैलून अभियान
इस कार्यक्रम में जिला अधिकारी और चुनाव पर्यवेक्षक भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंतर्गत, जिलाधिकारी के नेतृत्व में बैलून छोड़ने की एक विशेष शुरुआत की गई। इन बैलूनों पर पश्चिम चंपारण का नक्शा चित्रित किया गया, जो जिले के सभी नागरिकों को इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित कर रहा था। बैलून के आसमान में उड़ने के साथ-साथ लोगों ने “वोट देने जाना है, अपना फर्ज निभाना है” की शपथ भी ली।
मतदान के प्रति जागरूकता और आगामी चुनाव
Bihar Chunav: वर्तमान में यह देखा जा रहा है कि जिले के प्रत्येक नागरिक में मतदान के प्रति जागरूकता का स्तर बढ़ रहा है। प्रशासन का यह प्रयास पूरी तरह से जनभागीदारी और सशक्त लोकतंत्र की दिशा में एक कदम है। इस पहल के तहत, ना केवल बच्चों और युवाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया गया है, बल्कि सभी वर्गों के लोगों को मतदान का अधिकार और दायित्व भी बताया गया है। जिला प्रशासन की इस पहल को जहां एक ओर लोगों द्वारा सराहा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इसे एक मॉडल के रूप में अन्य जिलों में लागू करने की बात भी की जा रही है।
11 नवम्बर को मतदान: जनता का महत्वपूर्ण दायित्व
अब यह देखना बाकी है कि क्या पश्चिम चंपारण के लोग 11 नवम्बर को बड़ी संख्या में अपने मतदान का अधिकार प्रयोग करते हैं। क्या इस जागरूकता अभियान के कारण मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी होगी? यह सवाल चुनाव परिणाम के साथ स्पष्ट होगा, लेकिन जो बात साफ है, वह यह कि प्रशासन और नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से लोकतांत्रिक अधिकारों की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है।