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Bihar Chunav: आपकी आकांक्षाएँ हमारी प्रतिज्ञाएँ होंगी, प्रधानमंत्री जी ने छपरा में मतदानकर्ताओं से किया संवाद

Your Aspirations Our Resolutions PM Modi Nitish Chapra
Your Aspirations Our Resolutions PM Modi Nitish Chapra – बिहार में जनता को भरोसा और विकास (file photo)
अक्टूबर 30, 2025

चुनावी सभा से संदेश: भविष्य का भरोसा और कार्य की प्रतिबद्धता

राजनीति के इस महाकुंभ में, नरेंद्र मोदी तथा नीतीश कुमार ने छपरा (बिहार) की सभा में उपस्थित हजारों समर्थकों को आश्वस्त किया कि “आपकी आकांक्षाएँ हमारी प्रतिज्ञाएँ होंगी”। चुनावी तेज तर्रार माहौल में इस आश्वासन को उन्होंने एक मूलभूत संवाद की तरह पेश किया जहाँ वादा और विश्वास का संगम दिखा।

सभा की पृष्ठभूमि

बिहार में आगामी विधानसभा-निर्वाचन को ध्यान में रखते हुए पार्टी अध्यक्षों व प्रधानमंत्री ने छपरा में विशाल जनसभा को संबोधित किया। मोदी जी ने इसे विकास-यात्रा का हिस्सा बताया और कहा कि यहाँ की भाषा, यहाँ की संस्कृति तथा यहाँ के युवाओं-महिलाओं की उम्मीदें देश-विकास के मूल हैं।


प्रमुख आश्वासन और रणनीति

सभा में मोदी जी ने कहा कि वर्ष-वर्षों में बिहार में जो सामाजिक-आर्थिक चुनौतियाँ रही हैं, उन पर हल निकालना एनडीए की प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार, महिलाओं को सशक्तिकरण तथा ग्रामीण क्षेत्रों को आधारभूत-सुविधाएँ उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
नीतीश कुमार ने अपना स्थान वहीं से रखते हुए कहा कि राज्य में परिवर्तन की गति को और तेज किया जाएगा, और विकास-परिप्रेक्ष्य को जन-आवश्यकताओं से जोड़ा जाएगा।


विकास-विचार का केंद्र: परिवर्तन नहीं बल्कि निरंतरता

 विकास-प्रत्यय का नया अध्याय

प्रधानमंत्री ने छपरा रैली में यह स्पष्ट किया कि केवल वोट मांगना ही लक्ष्य नहीं है, बल्कि लंबे समय तक टिकने वाला विकास-परिवर्तन लाना उनकी सोच है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि छपरा एवं आसपास के इलाकों में सड़क-संपर्क, बिजली-व्यवस्था, शिक्षा-संस्थान और महिला-स्वयं-सहायता समूहों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
नीतीश कुमार ने भी कहा कि राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार मिलकर योजनाओं को जल्द से लागू करेंगे और बंद पड़ी योजनाओं को पुनरारंभ करेंगे।

युवाओं को अवसर

मोदी जी ने सभा में युवाओं से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित किया: “आप जो उम्मीदें लेकर बैठे हैं, हमें उनका एहसास है। आपके सपनों को साकार करना हमारी जिम्मेदारी है।” उन्होंने कहा कि नई पौड़ी की युवाओं को डिजिटल शिक्षा, कौशल-विकास तथा स्वरोजगार के लिए बेहतर मंच मिलेगा।

महिलाओं का सशक्तिकरण

महिलाओं को विशेष रूप से संबोधित करते हुए मंत्री-मंडलीय व आतंरिक योजनाओं के लाभों का उल्लेख हुआ। सभा में यह संकेत मिला कि महिला-स्वास्थ्य-योजनाओं के साथ-साथ महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने पर जोर दिया जाएगा।

ग्रामीण क्षेत्रों की विशेष समझ

छपरा व आसपास के ग्रामीण भागों को विकास-योजनाओं में पिछड़ने वाला क्षेत्र माना गया है। इसमें प्रधान व मुख्य मंत्री ने कहा कि कृषि, बुनियादी सुविधाएँ, गाँव-से-शहर कनेक्टिविटी और सामाजिक-सुरक्षा से जुड़े प्रोजेक्ट पर काम तेज होगा।


राजनीतिक अनुमान तथा जनभावना

इस सभा का एक महत्वपूर्ण भाग था विरोधी दलों के विरुद्ध निशाना। प्रधानमंत्री ने यह कहा कि पिछले दशकों में बिहार ने रोडमैप-वादा तो सुनें लेकिन परिणाम कम पाए। अब यह समय है कार्य-परिणाम का। इस प्रकार उन्होंने मतदाताओं को यह संदेश दिया कि “काँटे चुनने का मामला नहीं, परिवर्तन चुनने का मामला है”।
वहीं विपक्षी दलों द्वारा इसे चुनाव-प्रवर्तन का भाग कहा जा रहा है—कि यह रैली केवल वोट बैंक सक्रिय करने की कोशिश है। पर भाजपा तथा जनता-सभा को संबोधित नेताओं ने इसे विकास-संवाद का रूप दे दिया है।


आशीर्वाद से अपेक्षा तक का सफर

छपरा से उठे इस संवाद ने स्पष्ट किया है कि केन्द्र-राज्य सरकार जनता से सिर्फ वादे नहीं कर रही, बल्कि प्रतिज्ञा कर रही है। “आपकी आकांक्षाएँ हमारी प्रतिज्ञाएँ होंगी” यह वाक्य सत्ता-प्रवासी नेताओं ने इतनी सहजता से कहा कि जनता उसमें संभावनाएँ देख रही है।
अब समय आ गया है कि यह प्रतिज्ञाएँ वास्तविकता में बदलें—यह चुनावी समीकरण नहीं, बल्कि बिहार के राजनीतिक-सामाजिक विकास का संकेत बन जाए। आगामी दिनों में यह देखना होगा कि कितनी गति से इस रैली के वादों को क्रियाशील बनाया जाता है और जनता की अपेक्षाओं को कितना सच में पूरा किया जाता है।


यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।


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