क्या आरजेडी-कांग्रेस की सरकार बनने पर जेल से बाहर आएंगे पीएफआई के सदस्य? अमित शाह ने उठाया बड़ा सवाल
दरभंगा (बिहार), 29 अक्टूबर 2025 — बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र सियासी सरगर्मी अपने चरम पर है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दरभंगा में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन पर तीखा प्रहार किया। शाह ने सवाल उठाया कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो क्या पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के गिरफ्तार सदस्य जेल में रहेंगे या बाहर आ जाएंगे?
पीएफआई पर केंद्र सरकार की कार्रवाई
अमित शाह ने कहा कि एनडीए सरकार ने ही पीएफआई जैसे कट्टरपंथी संगठन पर प्रतिबंध लगाया और देशभर में इसके ठिकानों पर छापेमारी कर कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। उन्होंने याद दिलाया कि पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई के नेटवर्क का खुलासा एनआईए और पुलिस की कार्रवाई से हुआ था।
“यह वही एनडीए सरकार है जिसने देश की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाए। पर मैं बिहार की जनता से पूछना चाहता हूँ — क्या पीएफआई के लोग जेल में रहेंगे अगर आरजेडी-कांग्रेस सत्ता में आती है?” शाह ने जनता से प्रश्न किया।
महागठबंधन पर तीखा हमला
शाह ने अपने भाषण में महागठबंधन को ‘ठगबंधन’ बताते हुए कहा कि यह केवल परिवारवाद और भ्रष्टाचार की राजनीति करने वाला समूह है। उन्होंने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाला, बिटुमिन घोटाला और नौकरी के बदले ज़मीन जैसे मामलों से बिहार की छवि को धूमिल किया है, जबकि कांग्रेस पार्टी 12 लाख करोड़ रुपये के घोटालों में संलिप्त रही है।
“लालूजी अपने बेटे तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी राहुल गांधी को प्रधानमंत्री। जनता इनके इस वंशवाद को अब नहीं सहेगी,” शाह ने कहा।
बिहार के विकास कार्यों का ब्योरा
गृह मंत्री ने बिहार में केंद्र सरकार की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि एनडीए सरकार ने 8.52 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन उपलब्ध कराया है, मखाना बोर्ड की स्थापना की है, और 125 यूनिट मुफ़्त बिजली देने की योजना लागू की है।
उन्होंने कहा कि दरभंगा को मेट्रो रेल की सुविधा मिलने वाली है, एयरपोर्ट पहले से ही तैयार है और अब क्षेत्र में एम्स का निर्माण भी तेज़ी से हो रहा है।
“मिथिला में माता सीता के मंदिर का निर्माण जारी है। माता सीता के जीवन से जुड़े सभी स्थलों को राम सर्किट से जोड़ा जा रहा है,” शाह ने कहा।
मैथिली भाषा और सांस्कृतिक विरासत पर जोर
अमित शाह ने बताया कि केंद्र सरकार ने मैथिली भाषा को संवैधानिक दर्जा दिया है और संविधान का मैथिली अनुवाद भी प्रकाशित किया गया है। साथ ही, 500 करोड़ रुपये की लागत से मिथिला क्षेत्र में हस्तलिखित पांडुलिपियों के संरक्षण केंद्र का निर्माण हो रहा है।
“यह केंद्र न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजेगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को अपने गौरवशाली इतिहास से जोड़ेगा,” उन्होंने कहा।
जनसभा में उमड़ा जनसैलाब
दरभंगा की इस रैली में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। जनसमूह ने “जय श्री राम” और “भारत माता की जय” के नारों से पूरे मैदान को गूंजा दिया। शाह के भाषण के दौरान एनडीए के स्थानीय नेताओं ने भी केंद्र सरकार की नीतियों की सराहना की और बिहार के विकास में निरंतर योगदान का संकल्प दोहराया।
अमित शाह का यह बयान चुनावी माहौल को और गर्म कर गया है। उनके इस प्रश्न — “क्या पीएफआई के लोग जेल में रहेंगे अगर आरजेडी-कांग्रेस सत्ता में आए?” — ने राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ दी है। अब देखना यह होगा कि महागठबंधन इस सवाल का क्या जवाब देता है और जनता किस पर भरोसा जताती है।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।