केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पाग विवाद पर माफी पत्र
दरभंगा। बिहार की राजनीति में हाल ही में उठे पाग विवाद ने एक बार फिर से सुर्खियों में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम ला दिया है। अलीनगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मिथिला के पाग को लेकर उनकी टिप्पणियों पर काफी चर्चा हुई थी। शनिवार को दिल्ली मोड स्थित एक होटल में मीडिया से मुखातिब होते हुए प्रधान ने इस विवाद को सुलझाने और मिथिलांचल के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए माफी मांगी।
प्रधान ने कहा, “मेरी नादानी और नासमझी के कारण जो असुविधा हुई, उसके लिए मैं मिथिलांचल के सभी लोगों से क्षमा प्रार्थी हूँ। मिथिला की परंपरा और पाग का सम्मान हर किसी को करना चाहिए।”
भाजपा में नई सदस्यताओं का आयोजन
प्रधान के मीडिया संवाद के दौरान भाजपा ने कई बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल किया। वीआइपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बद्री कुमार पूर्वे और राजद के अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. कुमार गौरव ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
प्रधान ने कहा कि इन नए शामिल नेताओं के आने से एनडीए को आगामी चुनावों में भारी बहुमत मिलेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कदम राज्य की राजनीति में भाजपा की स्थिति को और मजबूत करेगा।
कर्पुरी ठाकुर का बिहार में योगदान
प्रधान ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं जननायक कर्पुरी ठाकुर के योगदान को याद करते हुए कहा, “बिहार के एकमात्र जननायक भारत रत्न कर्पुरी ठाकुर जी हैं। उनका लोकहितकारी दृष्टिकोण और न्यायप्रिय नीतियाँ आज भी बिहारवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। जो भी उनकी नकल करने का प्रयास करेगा, जनता उसे स्वीकार नहीं करेगी।”
प्रधान के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे बिहार की राजनीतिक संस्कृति और मिथिला की परंपराओं के सम्मान को महत्व देते हैं।
मिथिलांचल में पाग का सांस्कृतिक महत्व
पाग केवल एक पारंपरिक पोशाक नहीं, बल्कि मिथिला की सांस्कृतिक पहचान और गरिमा का प्रतीक है। यह न केवल सम्मान का प्रतीक है, बल्कि सामुदायिक एकता और मिथिलांचल की परंपराओं का संरक्षक भी है। धर्मेंद्र प्रधान द्वारा पाग के सम्मान का आह्वान राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नेता जब स्थानीय परंपराओं और सांस्कृतिक प्रतीकों का सम्मान करते हैं, तो उससे जनता के साथ उनका संबंध और भी मजबूत होता है। मिथिलांचल में यह कदम भाजपा की सामाजिक छवि को सुधारने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
राजनीतिक विश्लेषक की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार की राजनीति में भावनात्मक जुड़ाव और सांस्कृतिक संवेदनशीलता बहुत मायने रखती है। पाग विवाद जैसे मुद्दों पर नेताओं की प्रतिक्रियाएँ स्थानीय जनता की भावनाओं को सीधे प्रभावित करती हैं। धर्मेंद्र प्रधान की माफी और पाग सम्मान का आह्वान चुनावी दृष्टि से भी रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि नए नेताओं का भाजपा में शामिल होना और एनडीए को चुनाव में लाभ पहुँचाने का प्रयास दोनों ही राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
दरभंगा और मिथिलांचल की राजनीति में पाग विवाद ने जो हलचल मचाई, वह अब धीरे-धीरे शांत होती दिखाई दे रही है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की माफी और सांस्कृतिक सम्मान के संदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि नेताओं को अपनी भाषा और व्यवहार में संवेदनशील रहने की आवश्यकता है। बिहार की राजनीति में यह कदम भाजपा की सामाजिक छवि को मजबूती देने वाला प्रतीत हो रहा है।