दरभंगा के हसन चक में भीषण आग: चार सिलेंडर धमाकों से छह घर राख, 12 लाख का नुकसान
आकाश श्रीवास्तव, दरभंगा। बिहार के दरभंगा जिले के नगर थाना क्षेत्र स्थित हसन चक में शनिवार सुबह भयावह आग ने तांडव मचा दिया। राज हाई स्कूल के पास झोपड़ियों में लगी यह आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में आसपास के छह घर जलकर पूरी तरह खाक हो गए। आग के बीच लगातार हुए चार गैस सिलेंडरों के धमाकों ने स्थिति को और भयावह बना दिया।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग ने लिया विकराल रूप
स्थानीय लोगों के अनुसार, सुबह करीब 6 बजे बिजली के शॉर्ट सर्किट से आग लगी। उस समय अधिकांश लोग घरों में मौजूद थे। देखते ही देखते आग झोपड़ियों से निकलकर पास के घरों तक पहुंच गई।
कुछ ही देर में रसोई में रखे एलपीजी सिलेंडर एक के बाद एक फटने लगे। धमाकों की आवाज से पूरा इलाका दहल उठा और लोग अपने घरों से निकलकर खुले मैदानों की ओर भागे।
छह घर जलकर राख, लाखों की संपत्ति नष्ट
आग की चपेट में आने से छह घर पूरी तरह जलकर राख हो गए। इनमें कपड़े, बर्तन, फर्नीचर, नकद राशि और जरूरी दस्तावेज तक सब कुछ जल गया।
प्राथमिक अनुमान के अनुसार, लगभग 12 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति नष्ट हो चुकी है।
पीड़ित परिवारों में मातम का माहौल है। अधिकांश झोपड़ियां मजदूर तबके की थीं, जिनके पास अब सिर छुपाने तक की जगह नहीं बची।
दमकल विभाग ने घंटों की मशक्कत के बाद बुझाई आग
आग लगने की सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं।
फैज़ आलम, अग्निशमन अधिकारी ने बताया, “आग काफी तेजी से फैल रही थी क्योंकि झोपड़ियां लकड़ी और पुआल की बनी थीं। हमें आग पर काबू पाने में लगभग दो घंटे लगे। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।”
आग बुझाने के दौरान दमकल कर्मियों को कई बार सिलेंडर ब्लास्ट का खतरा झेलना पड़ा।
स्थानीय विधायक पहुंचे, दिया हरसंभव मदद का आश्वासन
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय विधायक संजय सरावगी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर सांत्वना दी और प्रशासन से त्वरित सहायता की मांग की।
विधायक ने कहा, “यह एक बड़ी त्रासदी है। जिन परिवारों का सब कुछ जल गया है, उनके पुनर्वास और राहत के लिए जिला प्रशासन को तुरंत कदम उठाने चाहिए।”
पीड़ित परिवारों की दर्दभरी दास्तान
मधुबाला देवी, जो इस हादसे की पीड़ित हैं, रोते हुए बोलीं,
“हमारा सब कुछ जल गया… बस जो तन पर था वही बचा है। घर, बर्तन, कपड़ा सब राख हो गया। बच्चे डर के मारे रातभर नहीं सोए।”
स्थानीय लोगों ने बताया कि आग लगने के बाद आसपास के युवाओं ने ही सबसे पहले राहत कार्य शुरू किया। कई लोगों ने बाल्टी और पाइप से पानी डालकर आग को फैलने से रोका, वरना नुकसान और भी बड़ा हो सकता था।
प्रशासन ने शुरू किया राहत कार्य
घटना के बाद नगर थाना पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। क्षति का आकलन करने के लिए राजस्व विभाग को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
अस्थायी राहत के तौर पर पीड़ित परिवारों को खाने-पीने की वस्तुएं और अस्थायी तंबू उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के निर्देश
अग्निशमन विभाग ने लोगों से अपील की है कि झोपड़ियों में बिजली के तार और सिलेंडर एक साथ न रखें, और किसी भी छोटी चिंगारी या शॉर्ट सर्किट की तुरंत सूचना दें।
फैज़ आलम ने कहा, “आग लगने के ज्यादातर मामले लापरवाही से होते हैं। अगर लोग थोड़ी सावधानी बरतें तो ऐसे हादसों को टाला जा सकता है।”
दरभंगा के हसन चक की यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। हालांकि किसी की जान नहीं गई, लेकिन जिन परिवारों ने अपनी मेहनत की कमाई को राख में बदलते देखा, उनके लिए यह सदमे से कम नहीं।