इरादा प्रतिश्रुति का — Rahul Gandhi ने बिहार के Darbhanga में आयोजित एक जनसभा में पूरे जोश के साथ कहा कि Mahagathbandhan उनकी अगुवाई में राज्य में एक ऐसी सरकार बनाएगा जो गरीब, दलित-अति पिछड़ा वर्ग और बहुचर्चित वंचित श्रेणियों की समस्याओं को केंद्र में रखेगा। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि बिहार की जनता अब इंतजार नहीं करेगी, बल्कि बदलाव की दिशा में कदम उठाएगी।
मुख्य प्रस्तावना
राहुल गांधी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार वह राज्य है, जहाँ अभी तक सामाजिक-आर्थिक न्याय पूरी तरह नहीं पहुंचा है। उन्होंने वादा किया कि महागठबंधन की सरकार ऐसे कदम उठाएगी जिससे शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्र में पिछड़े वर्गों की उपयोगिता बढ़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ वादे नहीं, बल्कि काम-काज में असर दिखाना होगा।
प्रतीकात्मक उदाहरण और संदेश
उन्होंने सभा में उदाहरण देते हुए कहा कि “मैं जब आप में से युवाओं से मिलता हूँ, तो पाता हूँ कि वो दिल्ली-बेंगलुरु-मुंबई में काम कर रहे हैं, अपना भविष्य उज्जवल बनाने के लिए जाना पड़ा है। अगर वो वहाँ कर सकते हैं, तो यहाँ अपने राज्य में क्यों नहीं?” उन्होंने यह मांग भी दोहराई कि बिहार में ‘मेड इन बिहार’ उद्योग हों, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले।
पिछड़ापन, न्याय और समावेशन
राहुल गांधी ने विशेष जोर इस बात पर दिया कि पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, दलित-वंचित — ये समाज के वो हिस्से हैं जिन्हें अब तक अवसर और न्याय-दोनों का अभाव रहा है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार इन वर्गों को पीछे नहीं छोड़ेगी। उन्होंने इस दिशा में सामाजिक न्याय को प्राथमिकता बताया।
सरकार-दल का आरोप-प्रत्यारोप
राहुल गांधी ने केन्द्र-राज्य की वर्तमान सरकार पर आरोप लगाए कि वह बड़े उद्योगों-म पंजिकृत वर्गों को लाभ पहुंचा रही है, जबकि आम जनता-गरीब को अवसर नहीं मिल रहा है।इसके विपरीत, वर्तमान शासन पक्ष का दावा है कि विकास पर जोर है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह विकास सामाजिक न्याय के पक्ष में पर्याप्त नहीं है।
चुनावी संदर्भ एवं प्रतिद्वंद्विता
यह सभा उस समय हुई है जब बिहार में विधानसभा चुनाव की घड़ी करीब है, और महागठबंधन तथा Bharatiya Janata Party-साझेदार गठबंधन के बीच सियासी टकराव तेज है।राहुल गांधी ने यह भी कहा कि बिहार की सरकार का स्वरूप सिर्फ एक-दोन वर्ग के लिए नहीं, बल्कि सभी वर्गों, सभी समुदायों के लिए होगा।
गरीबों-वंचितों के लिए रोडमैप
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कुछ ऐसे संकेत दिए हैं:
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शिक्षा प्रणाली में सुधार और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोका जाना।
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बिहार में उद्योग-उद्यम को बढ़ावा देना ताकि स्थानीय युवाओं को काम मिले।
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सामाजिक सुरक्षा व दलित-अति पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए योजनाएँ बने।
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बिहार की पहचान और गौरव को पुनर्स्थापित करना, इसे केवल ‘शिक्षित प्रवासी राज्य’ नहीं बल्कि विकास-आधारित राज्य बनाना।
दरभंगा की सभा में राहुल गांधी ने साफ संदेश दिया कि महागठबंधन-सरकार बनी तो यह सिर्फ सत्ता-शक्ति का अखाड़ा नहीं होगा, बल्कि गरीब, दलित, अति पिछड़ों का सरकार होगा। उन्होंने कहा कि बिहार अब इंतजार नहीं करेगी, बल्कि बदलाव मांग रही है। आगे का रास्ता चुनावी चुनौती व सामाजिक-आर्थिक समीकरणों से पटा है, और इस बार माहौल यह संकेत दे रहा है कि सिर्फ विकास-वादा ही नहीं, उसकी सच्ची गति-क्रिया भी मतदाता चाहते हैं।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।