बाराचट्टी में जनसंपर्क के दौरान हम प्रत्याशी ज्योति मांझी पर हमला
गया जिले के बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान के दौरान बुधवार को एक बड़ी राजनीतिक घटना घटी। हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) प्रत्याशी तथा वर्तमान विधायक ज्योति मांझी पर रोड शो के दौरान अज्ञात युवकों द्वारा पथराव किया गया। इस हमले में उनके सिर में चोट आई है, जिसके बाद इलाके में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
हमले की घटना कैसे घटी
जानकारी के अनुसार, बाराचट्टी के सुलेबट्टा मोड़ के समीप ज्योति मांझी अपने समर्थकों के साथ रोड शो कर रही थीं। तभी अचानक बाइक पर सवार दो अज्ञात युवक आए और उन पर पत्थर फेंक दिया। पत्थर सीधे उनके सिर में जाकर लगा, जिससे वह मौके पर ही घायल हो गईं। घटना के तुरंत बाद सुरक्षा कर्मियों और कार्यकर्ताओं ने उन्हें वाहन में बैठाया और बाराचट्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया।

इलाज के बाद क्या कहा प्रत्याशी ने
इलाज के बाद ज्योति मांझी ने भावुक होते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ उन पर नहीं, बल्कि लोकतंत्र की मर्यादा पर है। उन्होंने कहा, “मैं जनता के आशीर्वाद से जनसंपर्क करने निकली थी, लेकिन इस तरह का हमला यह दर्शाता है कि विपक्ष हमारी बढ़ती लोकप्रियता से घबराया हुआ है।”
इससे पहले भी हो चुके हैं हमले
यह पहली बार नहीं है जब ज्योति मांझी पर हमला हुआ हो। इससे पूर्व भी दो अलग-अलग घटनाओं में उनके प्रचार वाहनों को निशाना बनाया गया था। पहली घटना मगध विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के खरांटी गांव में हुई थी, जहाँ उनके प्रचार वाहन के पोस्टर अज्ञात युवकों द्वारा फाड़े गए थे। दूसरी घटना मोहनपुर थाना क्षेत्र के डेमा गांव में घटी, जहाँ बाइक सवार युवकों ने उनके जनसंपर्क कार्यक्रम में घुसकर “ज्योति मांझी मुर्दाबाद” और “राजद ज़िंदाबाद” के नारे लगाए थे।
पुलिस ने क्या कहा
घटना की सूचना मिलते ही बाराचट्टी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा है कि आसपास के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके। थाना प्रभारी ने बताया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि शांति बनी रहे।
राजनीतिक गलियारों में मचा हड़कंप
हमले की खबर फैलते ही राजनीतिक माहौल गरमा गया है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि “ज्योति मांझी मेरी समधन हैं और उन पर हुआ यह हमला निंदनीय है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिंसा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।”
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और तनाव भी बढ़ रहा है। यह हमला उसी बढ़ते तनाव का परिणाम माना जा रहा है।
जनता में आक्रोश और प्रशासन से मांग
घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश देखने को मिला। कई कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि जनता के प्रतिनिधि ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
बाराचट्टी की यह घटना केवल एक उम्मीदवार पर हमला नहीं, बल्कि चुनावी राजनीति की गिरती मर्यादा की ओर संकेत करती है। जनता अब यह सवाल कर रही है कि क्या लोकतंत्र में संवाद की जगह हिंसा ले रही है?