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टिकारी विधानसभा में जनसंपर्क के दौरान फायरिंग व पत्थरबाजी, हम प्रत्याशी अनिल कुमार घायल, क्षेत्र में मचा अफरा-तफरी

HAM Candidate Anil Kumar Shot
HAM Candidate Anil Kumar Shot – गया जिले के टिकारी में जनसंपर्क के दौरान फायरिंग और पत्थरबाजी की बड़ी घटना
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जनसंपर्क के दौरान अचानक मचा हड़कंप

गया जिले के टिकारी विधानसभा क्षेत्र में बुधवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब जनसंपर्क अभियान के दौरान हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) के प्रत्याशी अनिल कुमार के काफिले पर अज्ञात लोगों ने फायरिंग और पत्थरबाजी कर दी। यह घटना टिकारी प्रखंड के दिघौरा गांव में हुई। अचानक हुए इस हमले में प्रत्याशी अनिल कुमार के सिर में चोट आई, जबकि कई समर्थक गंभीर रूप से घायल हो गए।

घटना के बाद मौके पर भारी संख्या में लोग एकत्र हो गए और स्थिति को नियंत्रण में लाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। घायल प्रत्याशी और उनके समर्थकों को तत्काल टिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया।


चुनावी जनसंपर्क अभियान के दौरान हुआ हमला

जानकारी के अनुसार, बुधवार को टिकारी विधानसभा क्षेत्र में हम पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की एक चुनावी सभा मऊ में आयोजित थी। सभा समाप्त होने के बाद प्रत्याशी अनिल कुमार अपने समर्थकों के साथ जनसंपर्क अभियान के तहत दिघौरा गांव पहुंचे थे। इसी दौरान गांव के समीप पहुंचते ही कुछ असामाजिक तत्वों ने उनके काफिले को रोक लिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ लोगों ने अचानक ईंट-पत्थर फेंकना शुरू कर दिया, और उसके बाद हवा में कई राउंड फायरिंग भी की गई। सुरक्षाकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए वाहनों को पीछे हटाया और प्रत्याशी को सुरक्षित बाहर निकाला।


घटना के बाद पूरे क्षेत्र में फैली दहशत

इस हमले की खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। टिकारी और आस-पास के गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं चुनावी माहौल को बिगाड़ने की कोशिश हैं। वहीं, कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम बताया।

दिघौरा गांव के कई लोगों ने बताया कि जनसंपर्क के दौरान प्रत्याशी की लोकप्रियता बढ़ रही थी, जिससे कुछ विरोधी गुट असहज महसूस कर रहे थे। उनका आरोप है कि इसी कारण पूर्व नियोजित साजिश के तहत हमला कराया गया।


पुलिस ने किया घटनास्थल का निरीक्षण, जांच जारी

घटना की सूचना मिलते ही टिकारी थानाध्यक्ष अपने दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और हालात को नियंत्रित किया। पुलिस ने कई संदिग्धों से पूछताछ शुरू कर दी है तथा घटनास्थल से खाली कारतूस के खोखे भी बरामद किए हैं।

गया एसपी ने बताया कि यह मामला गंभीर है और फोरेंसिक जांच टीम को भी घटनास्थल पर बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि दोषियों की पहचान जल्द कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। साथ ही चुनाव आयोग को भी पूरी घटना की जानकारी दे दी गई है।


राजनीतिक हलचल और प्रतिक्रियाएँ

इस हमले की निंदा करते हुए हम पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि चुनावी प्रक्रिया शांतिपूर्ण बनी रहे।

वहीं, विपक्षी दलों ने भी इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की है और कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठते हैं।
जनता के बीच यह चर्चा तेज है कि अगर प्रत्याशियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं है, तो आम मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग कैसे निडर होकर कर सकेगा।


जनता में बढ़ी असुरक्षा की भावना

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि चुनावी मौसम में हिंसा की घटनाएँ आम हो गई हैं, जो लोकतंत्र के लिए बेहद चिंताजनक है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि टिकारी विधानसभा क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए ताकि आगे ऐसी कोई घटना न हो।

टिकारी में हुई यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि क्या हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा सुरक्षित हाथों में है? चुनाव के इस दौर में जब प्रत्याशी जनता से संवाद करने निकलते हैं, तब उन पर हमले लोकतंत्र की आत्मा पर चोट के समान हैं।
जनता और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है कि वे शांति, संयम और पारदर्शिता के साथ चुनावी प्रक्रिया को मजबूत बनाएं।

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Aakash Srivastava

राष्ट्रभारत में लेखक एवं संपादक | राजनीतिक विश्लेषक | खेल और व्यवसाय की रिपोर्टिंग में विशेष रुचि | पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय से स्नातक।