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Gopalganj Elections: गोपालगंज में चुनावी चौकसी तेज, यूपी सीमा पर 57 चेकपोस्ट तैनात, संवेदनशील मतदान केंद्रों पर विशेष निगरानी

Bihar Election 2025: गोपालगंज में यूपी सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी, 57 चेकपोस्ट तैनात और संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सख्त निगरानी
Bihar Election 2025: गोपालगंज में यूपी सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी, 57 चेकपोस्ट तैनात और संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सख्त निगरानी (File Photo)
नवम्बर 2, 2025

गोपालगंज में चुनावी सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम

गोपालगंज जिले में विधानसभा चुनाव की तैयारियां चरम पर हैं। जैसे-जैसे मतदान की तिथि करीब आ रही है, प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सीमावर्ती इलाकों में कड़ी चौकसी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश और अन्य पड़ोसी जिलों से लगती सीमाओं पर 57 चेकपोस्ट बनाए गए हैं, जहां से आने-जाने वाले हर व्यक्ति और वाहन की सघन जांच की जा रही है।

सीमावर्ती इलाकों में बढ़ाई गई निगरानी

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, गोपालगंज जिले में 2373 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 260 मतदान केंद्र उत्तर प्रदेश सीमा से सटे इलाकों में स्थित हैं। कुशीनगर और देवरिया जिलों की सीमाओं पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। सुरक्षा बलों और दंडाधिकारियों की टीम हर चेकपोस्ट पर 24 घंटे तैनात है, ताकि नकदी, शराब या मादक पदार्थ जैसी अवैध चीज़ों की आवाजाही पर अंकुश लगाया जा सके।

क्रिटिकल और संवेदनशील केंद्रों पर फोकस

जिले में लगभग 47 प्रतिशत मतदान केंद्रों को क्रिटिकल और संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इन केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही मतदान से 48 घंटे पहले से ही गश्त और सर्विलांस टीमों को सक्रिय कर दिया जाएगा।
बैकुंठपुर, बरौली, कुचायकोट, भोरे, हथुआ और गोपालगंज विधानसभा क्षेत्रों में अधिकांश संवेदनशील बूथों की पहचान कर ली गई है।

यूपी से सटे मतदान केंद्रों पर कड़ी निगरानी

देवरिया जिले की सीमा पर भोरे, विजयीपुर और कटेया प्रखंडों के कुल 40 मतदान केंद्र स्थित हैं। वहीं कुशीनगर जिले की सीमा से सटे पंचदेवरी और कुचायकोट प्रखंडों के 42 मतदान केंद्रों पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। इन दोनों जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ दो दौर की बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी से निपटा जा सके।

सात जिलों से सटी गोपालगंज की सीमा

गोपालगंज की भौगोलिक स्थिति इसे सुरक्षा के लिहाज से अहम बनाती है। यह जिला बिहार और उत्तर प्रदेश के सात जिलों — देवरिया, कुशीनगर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सारण और सिवान — से सटा हुआ है। इसलिए सीमाओं की निगरानी के लिए विशेष सुरक्षा योजना बनाई गई है। मतदान के दिन सीमावर्ती इलाकों को सील कर दिया जाएगा, ताकि किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश रोका जा सके।

नदी मार्ग से भी रखी जाएगी निगरानी

प्रशासन ने गंडक नदी से सटे मतदान केंद्रों पर नाव से पेट्रोलिंग के निर्देश दिए हैं। इसके लिए रूट चार्ट तैयार किया गया है, जिसके तहत पुलिस और अर्धसैनिक बलों की टीम नावों के माध्यम से लगातार निगरानी करेगी। साथ ही घुड़सवार बलों को भी तैनात किया जाएगा, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।

सतर्क प्रशासन और सक्रिय टीमें

जिले में स्टैटिक सर्विलांस टीम और फ्लाइंग स्क्वाड लगातार गश्त पर हैं। हर आने-जाने वाले व्यक्ति की जांच की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को बख्शा नहीं जाएगा। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले नागरिकों से भी सतर्क रहने और संदिग्धों की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की गई है।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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