डिजिटल डेस्क, गोपालगंज।
गोपालगंज जिले के वीरवट गांव में 27 सितंबर को हुए चर्चित गोलीकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस जांच में यह मामला जमीन विवाद और पुरानी रंजिश का परिणाम निकला। घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल था। पुलिस ने अब तक दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है और अपराधियों द्वारा उपयोग की गई एक अपाचे बाइक भी जब्त कर ली गई है।
घटना का विवरण
यह मामला 27 सितंबर की रात का है, जब वकील मियां के पुत्र बसीर मियां पर सोते समय गोली चलाई गई। हमले में गंभीर रूप से घायल बसीर मियां का इलाज कराया जा रहा है। इस वारदात ने गांव में तनाव और भय का माहौल पैदा कर दिया था।
पुलिस की कार्रवाई
हथुआ एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता ने प्रेस वार्ता कर मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रंजन कुमार और अफजल आलम नामक दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पर हमले की सीधी संलिप्तता पाई गई है।

एसडीपीओ ने आगे बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में से एक का आपराधिक इतिहास भी है, जो पहले से कई मामलों में संलिप्त रहा है। फिलहाल, शेष फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी जारी है।
जांच के कोण और पुलिस का बयान
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्रथम दृष्टया यह मामला जमीन विवाद और पुरानी दुश्मनी से जुड़ा प्रतीत होता है। एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता ने कहा –
“पुलिस हर कोण से जांच कर रही है और बहुत जल्द शेष आरोपियों को भी पकड़ लिया जाएगा। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।”
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बसीर मियां का परिवार लंबे समय से जमीन विवाद को लेकर तनाव झेल रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि इस विवाद को लेकर कई बार दोनों पक्षों में कहासुनी और तनाव की स्थिति बनी थी। अब जब यह गोलीकांड हुआ है, तो गांव में डर और आक्रोश दोनों ही फैला हुआ है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न दोहराई जाएँ। उनका कहना है कि जब तक सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक गांव में शांति बहाल नहीं हो पाएगी।
इलाके में माहौल और पुलिस पर भरोसा
गोलीकांड के बाद पूरे वीरवट गांव और आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है। लोग अपने घरों में सहमे हुए हैं और शाम होते ही सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है। हालांकि, पुलिस की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई ने ग्रामीणों में कुछ हद तक विश्वास जगाया है।
पुलिस प्रशासन ने गांव में लगातार गश्त बढ़ा दी है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके। साथ ही, अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर एसडीपीओ ने स्पष्ट किया है कि जल्द ही सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।
जमीन विवादों पर बढ़ती हिंसा
यह घटना केवल एक आपराधिक मामला नहीं बल्कि जमीन विवादों से जुड़े बढ़ते अपराधों का भी उदाहरण है। बिहार के ग्रामीण इलाकों में जमीन-जायदाद को लेकर होने वाले झगड़े कई बार जानलेवा हिंसा में बदल जाते हैं। कानून व्यवस्था को लेकर प्रशासन के प्रयासों के बावजूद ऐसे विवाद लगातार तनाव और हिंसा को जन्म देते हैं।
फिलहाल, वीरवट गांव का यह मामला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। दो आरोपियों की गिरफ्तारी और बाइक बरामदगी पुलिस की त्वरित कार्रवाई का उदाहरण है, लेकिन जब तक शेष फरार आरोपी गिरफ्तार नहीं होते, तब तक मामले की गुत्थी पूरी तरह सुलझी हुई नहीं मानी जाएगी।
ग्रामीणों को उम्मीद है कि पुलिस की सख्ती से न केवल इस मामले में न्याय मिलेगा, बल्कि गांव में शांति और भरोसे का माहौल भी फिर से कायम होगा।