Mission Mukti Foundation: गोपालगंज में रातभर चला मिशन मुक्ति फाउंडेशन का अभियान
बरौली थाना क्षेत्र से इस वक्त की बड़ी खबर आई है, जहां मिशन मुक्ति फाउंडेशन और बरौली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में आठ नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया गया है। यह अभियान देर रात से लेकर सुबह तक लगातार चला और कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई। पुलिस को पिछले कुछ सप्ताह से इलाके में अवैध आर्केस्ट्रा संचालनों की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद यह विशेष अभियान चलाया गया।
कार्रवाई के दौरान हुआ खुलासा
पुलिस और फाउंडेशन की संयुक्त टीमों ने बरौली थाना क्षेत्र के मोहनपुर बाजार, पायल टॉकीज सरफरा बाजार और सिसई गांव में छापेमारी की। हर जगह एक ही तरह की गतिविधियां देखी गईं—जहां कम उम्र की लड़कियों को आर्केस्ट्रा में नाचने के लिए मजबूर किया जा रहा था। टीमों ने इन जगहों से आठ नाबालिगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
कार्रवाई के दौरान तीन आर्केस्ट्रा संचालकों को भी गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि ये संचालक लंबे समय से नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर इन कार्यक्रमों में काम पर रखते थे।
पुलिस की गोपनीय रणनीति
बरौली पुलिस ने बताया कि यह अभियान पूरी तरह गोपनीयता के साथ चलाया गया ताकि किसी को पहले से भनक न लगे। पुलिस ने रात के समय गुप्त निगरानी के बाद सभी ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। टीमों के अनुसार, कई स्थानों पर जबरन बालिकाओं से कार्य कराया जा रहा था, जो बाल संरक्षण कानून का सीधा उल्लंघन है।
मिशन मुक्ति फाउंडेशन की भूमिका
मिशन मुक्ति फाउंडेशन के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ स्थानों पर नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर आर्केस्ट्रा में भेजा जा रहा है। कई अभिभावकों ने अपनी बेटियों के लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए फाउंडेशन ने प्रशासन से संपर्क किया और यह संयुक्त अभियान शुरू किया गया।
इलाके में मचा हड़कंप
Mission Mukti Foundation: छापेमारी के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। बरौली और आसपास के इलाकों में ऐसे आयोजनों पर सख्ती से नजर रखी जा रही है। स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है और मिशन मुक्ति फाउंडेशन की टीम को धन्यवाद दिया है कि उन्होंने समाज में व्याप्त इस कुप्रथा पर रोक लगाने की पहल की।
प्रशासन की सख्त चेतावनी
गोपालगंज प्रशासन ने साफ किया है कि जिले में अवैध आर्केस्ट्रा या बाल शोषण के मामलों में अब किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। पुलिस ने सभी थानों को ऐसे आयोजनों पर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
सदर एसडीपीओ राजेश कुमार ने बताया कि “यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है, जिससे पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में मदद मिलेगी। आगे भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे।”
आगे की जांच जारी
गिरफ्तार संचालकों से पूछताछ के बाद पुलिस अन्य संबंधित लोगों की तलाश में जुटी है। यह भी जांच की जा रही है कि इन नाबालिग लड़कियों को कैसे और किन लोगों के माध्यम से इस जाल में फंसाया गया। प्रशासन अब उन सभी स्थानों की पहचान कर रहा है जहां इस प्रकार की अवैध गतिविधियों की संभावना है।
समाज में बढ़ती सजगता की आवश्यकता
यह घटना न केवल प्रशासनिक कार्रवाई का उदाहरण है, बल्कि यह समाज के लिए चेतावनी भी है कि बाल शोषण जैसी कुप्रथाएँ आज भी मौजूद हैं। ऐसे मामलों में नागरिकों को जागरूक रहना होगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को देनी चाहिए।