ओवैसी ने गोपालगंज से शुरू किया चुनाव अभियान
गोपालगंज (बिहार)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को गोपालगंज से अपने दल का चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया। इस दौरान उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि,
“जब बिहार की आबादी में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत है, तो राज्य का मुख्यमंत्री मुस्लिम क्यों नहीं हो सकता?”
NDA और INDIA गठबंधन दोनों पर निशाना
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने सत्तारूढ़ एनडीए (NDA) और विपक्षी इंडिया गठबंधन (INDIA Bloc) दोनों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों ही गठबंधन मुस्लिम समुदाय के साथ अन्याय कर रहे हैं।
ओवैसी ने कहा कि जो दल मुस्लिम वोटों की राजनीति करते हैं, वे केवल “डर की राजनीति” के सहारे मुसलमानों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
“कांग्रेस, आरजेडी और समाजवादी पार्टी मुसलमानों के वोट मांगते हैं, लेकिन उन्हें न तो टिकट में और न ही नेतृत्व में बराबरी का हक देते हैं।”
“3% आबादी को डिप्टी सीएम, तो 17% को सीएम क्यों नहीं?”
ओवैसी ने विपक्षी INDIA गठबंधन की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हें 3 प्रतिशत आबादी वाले वर्ग के नेता को डिप्टी सीएम बनाने में कोई दिक्कत नहीं, लेकिन 17 प्रतिशत आबादी वाले मुस्लिम समुदाय से मुख्यमंत्री क्यों नहीं?
यह टिप्पणी तेजस्वी यादव के समर्थन में बने विपक्षी गठबंधन पर कटाक्ष थी, जिसने मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का वादा किया है।
“अब मुसलमानों को खुद का नेतृत्व बनाना होगा”
ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों को अब “दूसरों की राजनीति में मोहरा” बनने के बजाय अपना खुद का नेतृत्व खड़ा करना चाहिए।
AIMIM इस बार बिहार की 32 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
“हमारे लोगों को अपनी आवाज खुद बुलंद करनी होगी, वरना हमारे मुद्दे हमेशा हाशिए पर रहेंगे।”
केंद्र की भाजपा सरकार पर भी हमला
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा,
“मोदी सबको साथ लेकर चलने की बात करते हैं, लेकिन भाजपा एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं देती।”
साथ ही उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह “घुसपैठियों” के नाम पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने की राजनीति करते हैं।
“गिरिराज सिंह की भाषा अपमानजनक”
AIMIM प्रमुख ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के उस बयान की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने मुसलमानों को “नमक हराम” कहा था।
ओवैसी ने कहा कि यह बयान पूरे समुदाय का अपमान है और भाजपा के दोहरे चरित्र को दिखाता है।
“किसान निधि योजना की राशि जनता के पैसे से दी जाती है, यह किसी नेता की निजी संपत्ति नहीं है।”
नेताओं पर “दिल कहां बसता है” टिप्पणी
अपने भाषण के अंत में ओवैसी ने बिहार और केंद्र के शीर्ष नेताओं पर तंज कसते हुए कहा —
“मोदी का दिल अहमदाबाद में बसता है, नीतीश का राजगीर में और लालू का दिल अपने बेटे में। इस देश में अब कोई ऐसा नेता नहीं बचा जिसका दिल जनता के लिए धड़कता हो।”
असदुद्दीन ओवैसी का यह बयान बिहार चुनावी राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे सकता है — क्या 17% मुस्लिम आबादी वाला बिहार कभी मुस्लिम मुख्यमंत्री देखेगा?
AIMIM इस चुनाव में अपनी पहचान और राजनीतिक आधार को मजबूत करने की कोशिश में है, और ओवैसी का यह अभियान उसके लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।