गोपालगंज में प्रशांत किशोर का नया राजनीतिक दांव
बिहार की राजनीतिक सरगर्मी में जन सुराज पार्टी ने एक नया मोड़ लिया है। गोपालगंज सदर विधानसभा सीट पर भाजपा के दबाव में कुछ उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लिया, लेकिन जन सुराज के सुप्रीमो प्रशांत किशोर ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए निर्दलीय उम्मीदवार अनूप श्रीवास्तव को समर्थन देने की घोषणा की।
उम्मीदवारों पर भाजपा का दबाव
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज ने बिहार में 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। इनमें से करीब दस प्रतिशत उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें आनन-फानन में टिकट दिया गया। गोपालगंज सीट से डॉ. शशि शेखर सिन्हा ने भाजपा के दबाव में आकर अपना नामांकन वापस ले लिया।
पीके ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य भाजपा नेताओं ने तीन उम्मीदवारों पर दबाव डालकर उनका नामांकन वापस करवा दिया। उन्होंने कहा, “लालू यादव के समय बूथ लूटे जाते थे, लेकिन अब एनडीए सरकार में उम्मीदवारों को लूटा जा रहा है।”
निर्दलीय प्रत्याशी को जन सुराज का समर्थन
गोपालगंज से भाजपा के बागी उम्मीदवार अनूप श्रीवास्तव को जन सुराज पार्टी ने समर्थन देने का निर्णय लिया। इस कदम के पीछे यह रणनीति है कि यहां तीसरा विकल्प मौजूद हो और जनता के पास भाजपा और अन्य दलों के बीच चयन करने का विकल्प बढ़े।
अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि वह भाजपा के सभी पदों से अपना त्याग पत्र दे रहे हैं और अब पूरी तरह से जन सुराज और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में शामिल होंगे।
राजनीतिक परिदृश्य और रणनीति
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि यह कदम जनता को नए विकल्प देने के उद्देश्य से उठाया गया है। उनके अनुसार, भाजपा के दबाव और हस्तक्षेप के बावजूद जन सुराज का कार्य प्रभावित नहीं हुआ। पार्टी ने यह संदेश भी दिया कि किसी भी बाहरी दबाव से उम्मीदवारों की स्वतंत्रता पर असर नहीं पड़ेगा।
निष्कर्ष
गोपालगंज में यह राजनीतिक दांव बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है। निर्दलीय उम्मीदवार अनूप श्रीवास्तव को जन सुराज का समर्थन मिलने से चुनाव में तीसरे विकल्प की संभावना बढ़ गई है। भाजपा और केंद्रीय नेताओं के दबाव के बीच यह कदम आगामी चुनाव की दिशा और जनता के मतदान व्यवहार पर असर डाल सकता है।