Bihar Crime: हत्या के पीछे की चौंकाने वाली वजह
हाजीपुर (वैशाली)। बिहार की धरती पर एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली वारदात ने सबको झकझोर दिया। जुड़ावनपुर थाना क्षेत्र के पहाड़पुर पूर्वी गांव में हुई यह घटना न केवल आपराधिक मानसिकता की मिसाल बनी, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे एक मामूली विवाद घातक रूप ले सकता है।
दिल्ली में काम के दौरान मोबाइल टूटने को लेकर दो युवकों में हुई तकरार ने इस कदर रंजिश का रूप धारण किया कि उनमें से एक ने अपने ही साथी की निर्मम हत्या कर दी।
दिल्ली में हुआ विवाद बना बिहार में मौत का कारण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक मोहन ठाकुर और आरोपी राजा कुमार दोनों दिल्ली में मजदूरी करते थे। वहीं पर मोबाइल फोन टूटने को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। उस समय तो मामला शांत हो गया, लेकिन राजा के मन में प्रतिशोध की आग जलती रही।
छठ पर्व के अवसर पर दोनों अपने-अपने गांव लौटे। तभी राजा कुमार ने अपने ममेरे भाई विकास कुमार (लखीसराय निवासी) की मदद से मोहन ठाकुर को “पार्टी” के बहाने बुलाया। बातचीत के दौरान पुराना विवाद फिर छिड़ गया और राजा ने लोहे की रॉड से हमला कर मोहन की हत्या कर दी।
हत्या के बाद शव को जमीन में गाड़ा गया
हत्या के बाद आरोपी ने शव को छिपाने के लिए उसे खेत की मिट्टी में गाड़ दिया। इसके बाद दोनों फरार हो गए। परंतु, पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और सूचनाओं के आधार पर मामले की तह तक पहुंचकर पूरे रहस्य से पर्दा उठा दिया।
सदर एसडीपीओ सुबोध कुमार के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने निरंतर जांच जारी रखी। टीम में जुड़ावनपुर थानेदार और जिला आसूचना इकाई के अधिकारी भी शामिल थे।
पुलिस की तत्परता से खुला राज
Bihar Crime: दो नवंबर को उमेद ठाकुर के पुत्र मोहन ठाकुर के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। जांच के दौरान 7 नवंबर को पहाड़पुर पूर्वी गांव से शव बरामद हुआ। शव की पहचान मोहन ठाकुर के रूप में की गई।
आरोपियों राजा कुमार और विकास कुमार को गिरफ्तार कर उनके पास से हत्या में प्रयुक्त रॉड, कुदाल और मृतक का मोबाइल फोन बरामद किया गया। पूछताछ के दौरान दोनों ने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया।
अंतरजिला अपराधी था आरोपी विकास कुमार
पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ कि विकास कुमार पहले से ही एक हत्या के मामले में गुजरात में वांछित था। वहां अपराध करने के बाद वह छिपने के लिए अपने रिश्तेदार राजा के घर आया था।
इस तरह यह पूरा प्रकरण न केवल एक पुरानी रंजिश का परिणाम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अपराधी किस तरह कानून से बचने के लिए एक से दूसरे राज्य में शरण लेते रहते हैं।
पुलिस ने दिया संदेश – अपराध छिप नहीं सकता
इस हृदयविदारक घटना के खुलासे के बाद पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि कोई भी अपराध चाहे कितना भी गहरा क्यों न हो, कानून की पकड़ से नहीं बच सकता।
एसडीपीओ सुबोध कुमार ने बताया कि मानव एवं तकनीकी दोनों स्तर पर जांच कर अपराधियों तक पहुंच बनाई गई। पुलिस का यह प्रयास स्थानीय लोगों के बीच विश्वास का संचार कर रहा है।
समाज के लिए सबक | Bihar Crime
यह घटना समाज के लिए एक कठोर सीख है कि छोटी-छोटी बातों पर हिंसा का मार्ग अपनाना न केवल दूसरों के जीवन के लिए बल्कि स्वयं के भविष्य के लिए भी विनाशकारी है।
मोबाइल टूटने जैसी सामान्य घटना का बदला किसी की जान लेकर चुकाना इस बात का प्रमाण है कि हम कहीं न कहीं संयम और सहिष्णुता खोते जा रहे हैं।
हाजीपुर की यह वारदात बताती है कि अपराध की जड़ें अक्सर हमारे भीतर के प्रतिशोध से उपजती हैं। अगर हम संवाद, धैर्य और विवेक का मार्ग अपनाएँ तो समाज में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सकती है।