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Bihar Election: बिहार की सियासत में छिड़ा पारिवारिक संग्राम — तेजस्वी और तेजप्रताप आमने-सामने!

Bihar Election 2025: बिहार की सियासत में छिड़ा पारिवारिक संग्राम, तेजस्वी बनाम तेजप्रताप की जंग | Tej Pratap Yadav
Bihar Election 2025: बिहार की सियासत में छिड़ा पारिवारिक संग्राम, तेजस्वी बनाम तेजप्रताप की जंग | Tej Pratap Yadav
नवम्बर 3, 2025

Bihar Election: बिहार में चुनावी रण का नया अध्याय, भाई बनाम भाई

बिहार की राजनीति में इस बार का चुनाव किसी धारावाहिक से कम नहीं दिख रहा। हर मोड़ पर नए पात्र, नई परिस्थितियाँ और नए संवाद उभर रहे हैं। लेकिन जो दृश्य अब सामने आया है, उसने पूरे राज्य का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के दोनों चेहरे— तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव — अब खुले तौर पर एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा संभाल चुके हैं।

हाजीपुर में चुनावी माहौल गरमाया, दो भाई अलग-अलग रास्तों पर

हाजीपुर में महागठबंधन की सभा के दौरान जब तेजस्वी यादव ने बिना नाम लिए “अनुशासन और संगठन सर्वोपरि” कहा, तो राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। सभी को मालूम था कि यह संदेश घर के भीतर ही किसी के लिए था।
अगले ही दिन, तेजप्रताप यादव का काफिला सीधे राघोपुर पहुंचा — वही इलाका, जो तेजस्वी यादव का गढ़ माना जाता है। उन्होंने वहां की सभा में कहा, “जनता ही सबसे बड़ी पार्टी है, किसी पद या कुर्सी से बड़ी नहीं।”

इन बयानों के बाद यह स्पष्ट हो गया कि अब यह सिर्फ विचारधारा की नहीं, बल्कि परिवार के भीतर प्रतिष्ठा की लड़ाई है।

लालू परिवार में मतभेद का पुराना इतिहास

लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की राजनीति हमेशा परिवार केंद्रित रही है, परंतु हाल के वर्षों में यह परिवार कई धड़ों में बंटता दिखाई दिया।
तेजप्रताप यादव, जो कभी तेजस्वी के सबसे बड़े समर्थक माने जाते थे, धीरे-धीरे पार्टी की नीति और नेतृत्व शैली से असहमत होते गए।
कहा जाता है कि महुआ में टिकट वितरण को लेकर भी दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी।

तेजस्वी का जवाब: “राजनीति अनुशासन से चलती है, भावना से नहीं”

तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कहा, “राजनीति में भावना जरूरी है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी अनुशासन है। पार्टी ही सब कुछ है, किसी व्यक्ति से बड़ी।”
उन्होंने बिना नाम लिए अपने भाई पर यह इशारा किया कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के कारण संगठन कमजोर नहीं होना चाहिए।
उनकी इस टिप्पणी को समर्थकों ने ‘संकेत’ माना कि पार्टी में पारिवारिक भावनाओं से ऊपर संगठन है।

तेजप्रताप का पलटवार: “जनता किसी आदेश से नहीं चलती”

राघोपुर की सभा में तेजप्रताप ने कहा, “जनता किसी आदेश या अनुशासन से नहीं चलती। जनता ही सबसे बड़ा संगठन है। अगर जनता चाहेगी तो सब कुछ बदल जाएगा।”
उनकी इस टिप्पणी ने सभा में मौजूद लोगों को दो हिस्सों में बाँट दिया — एक पक्ष तेजस्वी के अनुशासित नेतृत्व का समर्थक, दूसरा तेजप्रताप के भावनात्मक जुड़ाव का।

सियासी विश्लेषकों की राय: “भाईयों की लड़ाई, विपक्ष का फायदा”

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि तेजस्वी और तेजप्रताप की यह टकराहट महागठबंधन की एकजुटता को नुकसान पहुँचा सकती है।
पटना विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. रमेश चौबे का कहना है, “दोनों भाइयों की लड़ाई से विपक्षी खेमे को मनोवैज्ञानिक बढ़त मिल रही है। जनता के बीच यह संदेश जा रहा है कि महागठबंधन में अंदरूनी मतभेद हैं।”

जनता की प्रतिक्रिया: “घर की लड़ाई सड़क पर आ गई”

हाजीपुर और राघोपुर के मतदाताओं के बीच भी इस मुद्दे पर चर्चा तेज है। स्थानीय नागरिक रामप्रीत राय ने कहा, “हम लालूजी के समय से राजद के वोटर हैं, पर अब समझ नहीं आता कि किसे समर्थन दें।”
दूसरी ओर, युवाओं में इस ‘फैमिली वार’ को लेकर उत्सुकता है। कॉलेज के छात्र सुशांत कुमार कहते हैं, “राजनीति अब मनोरंजन बन गई है। हर दिन नया एपिसोड देखने को मिलता है।”

सियासत में रिश्ते अब सत्ता की कसौटी पर

बिहार की राजनीति में परिवारों की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रही है। लेकिन इस बार का चुनाव दिखा रहा है कि रिश्तों की डोर राजनीति के भार से टूट भी सकती है।
तेजस्वी और तेजप्रताप दोनों का लक्ष्य जनता का विश्वास जीतना है, परंतु तरीका अलग-अलग है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह “भाई बनाम भाई” की जंग सुलह में बदलेगी या इतिहास में एक और उदाहरण बन जाएगी कि कैसे सत्ता की लड़ाई ने रिश्तों को हरा दिया।


बिहार विधानसभा चुनाव में अब परिवार की दीवारें टूट चुकी हैं। लालू यादव के दोनों बेटे — तेजस्वी और तेजप्रताप — एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं। अनुशासन और जनता के बीच की यह वैचारिक जंग अब पूरे राज्य की राजनीति को नई दिशा दे रही है।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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