हाजीपुर में वाहन जांच के दौरान बवाल, सीआरपीएफ जवान और दरोगा परिवार के बीच झड़प
बिहार के वैशाली ज़िले के हाजीपुर क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। आचार संहिता लागू होने के बाद शनिवार शाम पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम वाहन जांच कर रही थी। इसी दौरान एक कार सवार दंपति और जवानों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि मामला मारपीट तक जा पहुंचा। घटनास्थल पर मचे हंगामे का LIVE वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
घटना कैसे हुई: वाहन जांच से शुरू हुआ विवाद
सूत्रों के अनुसार, बिदुपुर थाना क्षेत्र में सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस की टीम चुनावी जांच कर रही थी। इस दौरान एक कार को रोककर जांच की गई, जिसमें एक दरोगा का परिवार सवार था। बताया जाता है कि गाड़ी रोकने पर कहासुनी शुरू हुई। पुलिस की जांच प्रक्रिया को लेकर कार सवार पक्ष ने आपत्ति जताई, जिससे बहस तीखी हो गई।
मामला इतना बढ़ा कि सीआरपीएफ के एक जवान और दंपति के बीच हाथापाई शुरू हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जवान ने महिला और पुरुष दोनों को लाठी से मारा, जिसके बाद स्थिति पूरी तरह बेकाबू हो गई।
LIVE वीडियो ने बढ़ाई हलचल, सोशल मीडिया पर वायरल
इस पूरे घटनाक्रम का एक LIVE वीडियो किसी राहगीर ने मोबाइल से रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में साफ दिखाई देता है कि जवान दंपति को धक्का दे रहा है और आसपास पुलिसकर्मी स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं।
वीडियो के वायरल होते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग में हलचल मच गई। पुलिस अधिकारियों ने तत्काल मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
मजिस्ट्रेट को दी गई लिखित शिकायत, FIR दर्ज
सूत्रों के मुताबिक, इस घटना के बाद संबंधित दरोगा के परिवार ने मजिस्ट्रेट को एक लिखित आवेदन दिया। आवेदन के आधार पर बिदुपुर थाना में सीआरपीएफ जवान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
मामले में सीआरपीएफ जवान पर हमला करने, हथियार छीनने और सरकारी कार्य में बाधा डालने की धाराओं में केस दर्ज हुआ है। वहीं दूसरी ओर, पुलिस ने यह भी बताया कि यदि जांच में जवान निर्दोष पाया गया तो वीडियो और साक्ष्यों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
वैशाली जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने बताया कि घटना के दौरान दोनों पक्षों में गलतफ़हमी के कारण विवाद बढ़ गया। उन्होंने कहा,
“घटना की पूरी जांच की जा रही है। यदि किसी भी पक्ष द्वारा अनुचित व्यवहार किया गया है तो कानून के तहत सख्त कार्रवाई होगी। किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
जिला प्रशासन ने भी मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है। यह टीम मौके पर जाकर प्रत्यक्षदर्शियों के बयान ले रही है और वायरल वीडियो की तकनीकी जांच भी कर रही है।
स्थानीय लोगों में रोष और सुरक्षा पर सवाल
घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली संस्थाओं को स्वयं संयम का परिचय देना चाहिए। वहीं दूसरी ओर, पुलिसकर्मियों का कहना है कि जांच के दौरान आम नागरिकों से सहयोग की अपेक्षा की जाती है।
यह घटना चुनावी माहौल में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की साख पर भी सवाल खड़े कर रही है। आमजन के बीच यह चर्चा तेज है कि यदि सरकारी अधिकारी के परिवार के साथ ऐसा हो सकता है, तो आम जनता कितनी सुरक्षित है?
जांच रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई
फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों से बयान दर्ज कर लिए हैं और वीडियो फुटेज को साक्ष्य के रूप में सुरक्षित कर लिया गया है। जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि गलती किसकी थी — जवान की या दरोगा परिवार की।
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि किसी भी भ्रामक वीडियो या अफवाह पर विश्वास न करें और सत्यापन के बिना सोशल मीडिया पर सामग्री साझा न करें।