कैमूर में Vigilance Bureau की कार्रवाई
Kaimur Polytechnic College Principal Bribery Case: कैमूर जिले से गुरुवार को एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई। Vigilance Bureau (निगरानी अन्वेषण ब्यूरो) की विशेष टीम ने मोहनिया प्रखंड के मछनहट्टा स्थित Polytechnic College के Principal डॉ. अजय कुमार को ₹60,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई उच्चस्तरीय योजना और पहले से की गई शिकायत की पुष्टि के बाद अंजाम दी गई।
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रिश्वत का मामला कैसे सामने आया?
निगरानी विभाग के पुलिस उपाधीक्षक विप्लव कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि कॉलेज में कार्यरत एक प्रोफेसर का मार्च से अब तक का वेतन बकाया था। इस वेतन को जारी करने के बदले Principal डॉ. अजय कुमार ने ₹60,000 की मांग की। पीड़ित प्रोफेसर ने इस मामले की लिखित शिकायत Vigilance Bureau को दी।
शिकायत मिलने के बाद जब इसकी सत्यापन जांच की गई तो मामला सही पाया गया। इसी आधार पर निगरानी थाना कांड संख्या 82/25 दर्ज किया गया।
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Kaimur Polytechnic College Principal Bribery Case
इस Kaimur Polytechnic College Principal Bribery case ने पूरे जिले में शिक्षा जगत को हिला कर रख दिया। सत्यापन के बाद Vigilance Bureau ने पूरी रणनीति बनाई और पुलिस उपाधीक्षक विप्लव कुमार के नेतृत्व में लगभग 10 सदस्यीय टीम ने गुरुवार को Principal के कार्यालय में छापेमारी की। इस दौरान डॉ. अजय कुमार को ₹60,000 की रिश्वत की राशि स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
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Vigilance Bureau की सक्रियता और शिक्षा पर सवाल
कार्रवाई के दौरान टीम ने न सिर्फ रिश्वत की राशि को जब्त किया बल्कि मौके से अन्य जरूरी दस्तावेज और सबूत भी इकट्ठा किए। इसके बाद Principal को गिरफ्तार कर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इस घटना ने एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। Polytechnic College जैसे संस्थानों से उम्मीद की जाती है कि वे तकनीकी शिक्षा को नई दिशा देंगे। लेकिन जब Principal स्तर का अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो यह संस्थान की साख को धूमिल करता है।
वेब स्टोरी:
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आगे की जांच और कानूनी पहलू
पिछले कुछ महीनों में Bihar Vigilance Bureau ने कई उच्चाधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि Zero Tolerance Policy on Corruption लागू होगी।
गिरफ्तारी के बाद डॉ. अजय कुमार को न्यायालय में पेश किया जाएगा और आगे की जांच में कॉलेज के अन्य वित्तीय लेन-देन भी खंगाले जाएंगे। यदि आरोप साबित हुए तो Prevention of Corruption Act के तहत कठोर सजा का सामना करना पड़ सकता है।