बिहार की राजनीति में एक बार फिर “पलटी” ने सुर्खियाँ बटोरी हैं। भाजपा छोड़कर राजद में शामिल हुए पूर्व मंत्री बृजकिशोर बिंद ने पार्टी बदलते ही नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन को “जंगलराज” कहा और मंत्री जमा खान को व्यंग्य करते हुए “जुमला खान” करार दिया।
“राज्य में अपराध और घूसखोरी चरम पर — यही है असली जंगलराज”
राजद की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मीडिया से बातचीत में चैनपुर के पूर्व विधायक और भाजपा के पूर्व खनन मंत्री बृजकिशोर बिंद ने कहा —
“बिहार में अपराध, भ्रष्टाचार और घूसखोरी अपनी चरम सीमा पर है। अधौरा में हत्या कर शव पेड़ पर लटका दिया गया, चैनपुर में महिला से दुष्कर्म के बाद हत्या हुई, भभुआ में शव नदी में मिला। यह अगर जंगलराज नहीं है तो और क्या है?”
उन्होंने आरोप लगाया कि आम जनता और गरीब वर्ग आज सबसे ज्यादा परेशान हैं। छात्रों से प्रमाण पत्र के लिए रिश्वत ली जा रही है, किसानों की जमीन बिना मुआवजे के कब्जाई जा रही है, और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
बृजकिशोर बिंद ने कहा कि नीतीश कुमार की “सुशासन” की परिभाषा अब “भ्रष्टाचार और भय” में तब्दील हो चुकी है।
“मेडिकल कॉलेज जुमला है — जमा खान खुद हैं जुमला खान”
पूर्व मंत्री ने बिहार सरकार के मेडिकल कॉलेज निर्माण के दावों को “कोरा झूठ” बताते हुए कहा,
“मैं गारंटी के साथ कहता हूं कि मेडिकल कॉलेज नहीं बनेगा। यह सिर्फ एक जुमला है और मंत्री जमा खान खुद ‘जुमला खान’ हैं।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि केंद्र और राज्य दोनों जगह एनडीए की सरकारें पिछले 20 सालों से हैं, मगर काम सिर्फ चुनाव के वक्त दिखाया जाता है।
“विकास की बातें सिर्फ मंचों और पोस्टरों तक सीमित हैं, ज़मीन पर हकीकत कुछ और है,” उन्होंने कहा।
भाजपा से राजद तक का सफर: एक लंबा राजनीतिक सफरनामा
बृजकिशोर बिंद का राजनीतिक सफर कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा है।
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2005 में उन्होंने बीएसपी से चैनपुर से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
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2008 में महाबली सिंह के सांसद बनने के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा से जीत हासिल की।
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2010 और 2015 में लगातार दो बार भाजपा के टिकट पर विधायक बने और मंत्री पद संभाला।
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2020 में वे बसपा प्रत्याशी मोहम्मद जमा खान से मामूली अंतर से हार गए।
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2025 के चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा छोड़कर राजद का दामन थाम लिया।
राजद में शामिल होते ही बदला स्वर — भाजपा को बताया “जंगलराज की जननी”
भाजपा में रहते हुए जिन बृजकिशोर बिंद ने वर्षों तक राजद को “जंगलराज की पार्टी” कहा था, अब वे उसी राजद को “साफ-सुथरी और जनहितकारी पार्टी” बताने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा अब “जनता की नहीं, सत्ता की राजनीति” कर रही है।
“भाजपा आज उस राह पर है जहाँ जनता की समस्याओं की कोई सुनवाई नहीं होती। अब वही पार्टी जंगलराज की जननी बन चुकी है,” उन्होंने तीखा प्रहार किया।
आने वाले चुनाव में क्या बदलेंगे राजनीतिक समीकरण?
बृजकिशोर बिंद के राजद में शामिल होने से कैमूर जिले की राजनीति में हलचल मच गई है।
कैमूर की चारों विधानसभा सीटें अब तक भाजपा की पारंपरिक सीटें मानी जाती रही हैं। लेकिन राजनीतिक सूत्रों की मानें तो इस बार चैनपुर सीट जदयू के खाते में जा सकती है।
ऐसे में बृजकिशोर बिंद का राजद में आना राजद को एक मजबूत पिछड़ा वर्ग का चेहरा दे सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि राजद उन्हें चैनपुर से टिकट देती है, तो मुकाबला बेहद दिलचस्प हो सकता है।
भाजपा के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाना बृजकिशोर बिंद के लिए चुनौती भी होगा और अवसर भी।
बिहार की राजनीति में पार्टी बदलना कोई नई बात नहीं, लेकिन बृजकिशोर बिंद का यह कदम चुनावी समीकरणों में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
नीतीश कुमार की सरकार को “जंगलराज” बताने और मंत्री जमा खान को “जुमला खान” कहने से उन्होंने साफ संकेत दिया है कि आने वाले चुनाव में वे मुखर विपक्षी भूमिका निभाने को तैयार हैं।
अब देखना यह होगा कि राजद में शामिल होने के बाद उनका यह राजनीतिक “बिंदु” जनता के वोटों में कितनी ऊर्जा भर पाता है।