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BSP Vote Attack: बसपा को जबरन वोट देने का दबाव, विरोध करने पर युवक की निर्मम पिटाई से मचा बवाल, ग्रामीणों ने सड़क को किया जाम

BSP Vote Attack
BSP Vote Attack — बिहार के कैमूर में बसपा को वोट देने से इंकार पर युवक की पिटाई, ग्रामीणों का सड़क जाम
अक्टूबर 31, 2025

बसपा को वोट देने के दबाव में विरोध करने पर युवक की निर्मम पिटाई, सड़क जाम से घंटों ठप रहा यातायात

कैमूर जिले के रामगढ़-देवहलिया पथ पर उस समय तनाव का माहौल बन गया जब सहूका गांव के समीप ग्रामीणों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। घटना तीन दिन पहले की है, जब गांव के एक व्यक्ति को कथित रूप से बसपा को वोट देने से मना करने पर बुरी तरह पीट दिया गया था। घायल व्यक्ति की गंभीर स्थिति के बाद परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा, जिससे मार्ग पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया।


घटना का पृष्ठभूमि: बसपा के समर्थन का दबाव बना, विरोध करने पर हमला

घटना के अनुसार, पीड़ित बुधन पासी जब बाजार जा रहे थे, तभी गांव के ही शंभू यादव ने उन्हें रोका और कहा कि “बसपा को वोट देना है।” बुधन पासी ने जवाब दिया कि वे अपनी मर्जी से राजद को वोट देंगे। यह सुनते ही शंभू यादव ने उन पर लाठी, डंडा और लोहे की पाइप से हमला कर दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए।

पीड़ित की पत्नी सुरभि देवी ने बताया कि उन्होंने पति का इलाज बनारस में कराया, लेकिन डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताई। उनका कहना है, “मेरे छोटे-छोटे बच्चे भूख से बिलख रहे हैं, अब मैं किसके सहारे रहूं।” उन्होंने प्रशासन से आरोपी की तुरंत गिरफ्तारी और उचित मुआवजे की मांग की है।


ग्रामीणों का आक्रोश फूटा, सड़क जाम से घंटों ठप रहा आवागमन

घटना के विरोध में ग्रामीणों ने पीड़ित को खाट पर रखकर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सूचना मिलते ही रामगढ़ थाना अध्यक्ष पवन कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराने में जुट गए।

करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से वार्ता कर उन्हें न्याय का भरोसा दिया। तब जाकर ग्रामीणों ने सड़क जाम समाप्त किया और आवागमन बहाल हुआ।


पुलिस की कार्रवाई और जांच की स्थिति

रामगढ़ थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपी की तलाश जारी है। उन्होंने कहा, “पुलिस टीम लगातार छापेमारी कर रही है। दोषी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।”

हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होता, वे आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई में देरी हुई तो वे पुनः सड़क पर उतरेंगे।


पीड़ित परिवार की बेबसी और प्रशासन से उम्मीद

पीड़ित की पत्नी सुरभि देवी ने कहा, “मेरा पति आज मौत के दरवाजे पर है, डॉक्टरों ने जवाब दे दिया है। मैं प्रशासन से न्याय की गुहार लगाती हूं।” उनका कहना है कि अब तक किसी अधिकारी ने परिवार से मिलने की ज़रूरत नहीं समझी।

स्थानीय लोगों ने भी कहा कि राजनीतिक दबाव में पुलिस कार्रवाई में देरी कर रही है। उन्होंने मांग की है कि आरोपी की तुरंत गिरफ्तारी के साथ-साथ पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए।


राजनीतिक रंग लेता विवाद

यह घटना अब राजनीतिक रूप से संवेदनशील होती जा रही है। स्थानीय दलों ने इस पर बयान देना शुरू कर दिया है। राजद समर्थक नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह लोकतंत्र की हत्या है और चुनाव के नाम पर जनता को धमकाया जा रहा है। वहीं, बसपा पक्ष ने कहा है कि पार्टी का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है।


स्थानीय प्रशासन की चुनौती

प्रशासन के लिए यह घटना कानून व्यवस्था बनाए रखने की कसौटी बन चुकी है। गांव में अब भी तनाव का माहौल है और पुलिस की टीम लगातार गश्त कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

यह घटना केवल एक ग्रामीण विवाद नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा हमला है। किसी भी नागरिक को वोट देने के लिए मजबूर करना कानूनन अपराध है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में शीघ्र और निष्पक्ष कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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