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Toggleमधेपुरा में चुनावी सरगर्मी
मधेपुरा जिले में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ अपने चरम पर हैं। जिले की चार विधानसभा सीटों में राजग और महागठबंधन के बीच प्रत्यक्ष मुकाबला देखने को मिल रहा है। मधेपुरा जिले की विधानसभा सीटों में आलमनगर, बिहारीगंज, सिंहेश्वर और मधेपुरा शामिल हैं। इनमें से मधेपुरा विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना जताई जा रही है।
सात नवंबर को मतदान निर्धारित है। नामांकन प्रक्रिया 17 अक्टूबर को पूरी हो चुकी है और 20 अक्टूबर को नाम वापसी के साथ प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित किया जा चुका है। अब प्रचार-प्रसार का दौर तेज़ी से जारी है और मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार का चयन करने के लिए तैयार हैं।
मधेपुरा में त्रिकोणीय मुकाबले की रूपरेखा
मधेपुरा विधानसभा सीट को जिले की हॉट सीट माना जाता है। इस बार राजद से लगातार तीन बार विधायक रहे प्रो. चंदेशखर मैदान में हैं। जदयू ने मधेपुरा नगर परिषद की अध्यक्ष कविता साहा को टिकट देकर राजनीतिक जगत में तहलका मचा दिया है।
कविता साहा का चयन विशेष इसलिए है क्योंकि यह सीट यादव बहुल क्षेत्र में है, परंपरा को तोड़ते हुए जदयू ने गैर यादव यानी अतिपिछड़ा वर्ग की उम्मीदवार को समर्थन दिया है। वहीं, राजद से बागी होकर निर्दलीय उम्मीदवार इंजीनियर प्रणव प्रकाश भी मैदान में हैं। ऐसे में मधेपुरा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना स्पष्ट रूप से बनती दिखाई दे रही है।
सिंहेश्वर में पुरानी प्रतिद्वंद्विता का नया अध्याय
सिंहेश्वर विधानसभा सीट पर राजद के वर्तमान विधायक चंद्रहास चौपाल और जदयू के रमेश ऋषिदेव आमने-सामने हैं। रमेश ऋषिदेव 2010 और 2015 में इसी सीट से विधायक रह चुके हैं। पिछले चुनाव में चंद्रहास चौपाल ने उन्हें हराया था। इस बार दोनों पुराने प्रतिद्वंद्वी फिर आमने-सामने हैं, जिससे चुनावी लड़ाई काफी रोमांचक बनने वाली है।
बिहारीगंज में महिला प्रत्याशी का प्रभाव
बिहारीगंज सीट से पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा को राजद ने टिकट दिया है। उन्होंने हाल ही में लोजपा (रा.) छोड़कर राजद जॉइन की थी। वे इस क्षेत्र की राजनीतिक पहचान रखती हैं और उनके मुकाबले में जदयू का कोई मजबूत उम्मीदवार खड़ा नहीं है। इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिससे महिला मतदाता वर्ग की भागीदारी पर भी नजरें टिकी हुई हैं।
आलमनगर में जदयू और वीआईपी का आमना-सामना
आलमनगर विधानसभा सीट में जदयू के लगातार सात बार के विधायक नरेंद्र नारायण यादव और वीआईपी के नवीन कुमार आमने-सामने हैं। नवीन कुमार इस क्षेत्र के पुराने चेहरे हैं और पिछले चुनाव में उन्होंने राजद के टिकट से चुनाव लड़ा था। इस बार वीआईपी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है। आलमनगर में मुकाबला पुराने अनुभव और नई रणनीतियों के बीच देखने को मिलेगा।
मतदाताओं की भूमिका और राजनीतिक वातावरण
मधेपुरा जिले में मतदाता इस बार पहले से अधिक जागरूक और सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। चुनावी माहौल में उत्साह और बेचैनी दोनों हैं। राजनीतिक दलों की ओर से प्रचार-प्रसार और जनसंपर्क के उपाय तेज़ हो गए हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से भी उम्मीदवार अपने पक्ष में मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि मधेपुरा विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले से अंतिम परिणाम अनिश्चित प्रतीत हो रहा है। ऐसे में हर मतदाता की भूमिका निर्णायक साबित होगी।
मधेपुरा जिले में चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर है। मधेपुरा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, सिंहेश्वर और आलमनगर में पुराने प्रतिद्वंद्वियों की आमने-सामने जंग, और बिहारीगंज में महिला प्रत्याशी का दबदबा—ये सभी जिले को राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाते हैं। आगामी मतदान के दिन यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन सा दल या प्रत्याशी जिले की जनता के दिल में जगह बनाने में सफल होता है।