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Bihar Chunav: बिहार चुनाव में सियासी संग्राम, तेज प्रताप के उम्मीदवार को मिला वीआईपी का समर्थन, महागठबंधन में मचा हड़कंप

Bihar Elections
Bihar Elections: तेज प्रताप यादव के प्रत्याशी को मिला VIP का समर्थन, सियासी समीकरण में बड़ा बदलाव (File Photo)
अक्टूबर 27, 2025

बिहार चुनाव में नया सियासी मोड़

बिहार की राजनीति में एक अप्रत्याशित मोड़ सामने आया है। तेज प्रताप यादव के जन जन दल के उम्मीदवार श्याम किशोर चौधरी को वीआईपी पार्टी का समर्थन मिलने से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इस कदम ने महागठबंधन की अंदरूनी रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सुगौली में नई राजनीतिक समीकरण की शुरुआत

सुगौली विधानसभा सीट, जो वीआईपी के खाते में दी गई थी, अब फिर से चर्चा में है। वीआईपी उम्मीदवार राजद विधायक शशिभूषण सिंह का नामांकन रद्द हो जाने के बाद वहां कोई प्रत्याशी नहीं बचा था।
वीआईपी प्रवक्ता देव ज्योति के अनुसार, पार्टी ने निषाद समाज के युवा उम्मीदवार श्याम किशोर चौधरी को समर्थन देने का निर्णय लिया। यह फैसला वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने गहन विचार के बाद लिया।

भाजपा को रोकने के लिए रणनीतिक फैसला

मुकेश सहनी ने कहा कि पार्टी का उद्देश्य भाजपा मुक्त बिहार है। यदि इस सीट पर किसी उम्मीदवार को समर्थन नहीं दिया जाता तो भाजपा को सीधा फायदा होता।
एनडीए गठबंधन के अंतर्गत सुगौली सीट लोजपा (रामविलास) के खाते में है, जहां से चिराग पासवान ने राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। इस स्थिति में वीआईपी का समर्थन विपक्षी उम्मीदवार को मजबूती देता है।

तेज प्रताप की प्रतिक्रिया पर सबकी निगाहें

अब तक तेज प्रताप यादव की ओर से इस अप्रत्याशित समर्थन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि वे इस कदम से नाराज हैं।
उनके करीबी नेताओं का कहना है कि यह निर्णय महागठबंधन स्तर पर लिया गया है, न कि व्यक्तिगत समझौते के तहत।

21 सीटों पर लड़ रहे तेज प्रताप की पार्टी

तेज प्रताप यादव की पार्टी जन जन दल इस चुनाव में 21 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उन्होंने परिवार और राजद से अलग होकर नई राह चुनी है।
तेज प्रताप ने कई बार कहा है कि वे राजद में वापस नहीं जाएंगे। उनके अनुसार, “मरना मंजूर है, लेकिन दोबारा राजद में नहीं लौटूंगा।”
उनका यह रुख उन्हें महागठबंधन की राजनीति में एक स्वतंत्र चेहरा बना रहा है।

महुआ और राघोपुर में संभावित टकराव

तेज प्रताप ने महुआ सीट पर भी बयान दिया है कि यदि तेजस्वी यादव वहां प्रचार करने जाएंगे, तो वे राघोपुर में घर-घर जाकर जनसंपर्क करेंगे।
यह बयान राजद और जेजेडी के रिश्तों में तनाव को और गहरा कर सकता है।

विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वीआईपी का यह समर्थन महागठबंधन की अंदरूनी एकजुटता पर सवाल उठाता है।
कई विशेषज्ञ इसे “सियासी खेला” मान रहे हैं, जिसमें तेज प्रताप की स्थिति कमजोर होती दिख रही है।
अगर यह रुझान अन्य सीटों पर भी दोहराया गया तो यह जेजेडी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

जनता की प्रतिक्रिया

स्थानीय मतदाताओं में इस घटनाक्रम को लेकर उत्सुकता बढ़ी है। कई लोग इसे महागठबंधन के अंदर असंतोष का संकेत मान रहे हैं।
कुछ मतदाता मानते हैं कि वीआईपी और जेजेडी के बीच यह तालमेल भाजपा को रोकने का प्रयास है, जबकि अन्य इसे चुनावी मजबूरी कह रहे हैं।

आने वाले दिनों की दिशा

अब सबकी निगाहें तेज प्रताप यादव की अगली चाल पर हैं। वे इस राजनीतिक चुनौती को कैसे संभालते हैं, इससे उनके राजनीतिक भविष्य की दिशा तय होगी।
सुगौली सीट का परिणाम यह बताएगा कि महागठबंधन की नई रणनीति सफल होती है या नहीं।

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