Motihari Headmaster Suspended: चुनावी प्रचार में शामिल होना मुख्याध्यापक को पड़ा भारी
मोतिहारी जिले में एक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को राजनीतिक दल के कार्यक्रम में शामिल होना भारी पड़ गया। राजकीय मध्य विद्यालय, कोबया हरसिद्धि के प्रधानाध्यापक वीरेंद्र महतो को जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने निलंबित कर दिया है। डीईओ ने यह कार्रवाई वीडियो वायरल होने और जांच रिपोर्ट में आरोप सत्य पाए जाने के बाद की है।
डीईओ ने दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी
मोतिहारी के जिला शिक्षा पदाधिकारी राजन कुमार गिरी ने हरसिद्धि प्रखंड के बीडीओ के प्रतिवेदन के आधार पर यह कार्रवाई की। डीईओ ने कहा कि सरकारी शिक्षकों को किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति नहीं है। यह सेवा आचार संहिता का खुला उल्लंघन है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि विद्यालय छोड़कर राजनीतिक मंचों पर जाने वाले शिक्षकों के विरुद्ध इसी प्रकार की कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने से खुला राज
पूरा मामला तब सामने आया जब हरसिद्धि विधानसभा क्षेत्र में एक राजनीतिक दल के कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उस वीडियो में राजकीय मध्य विद्यालय कोबया हरसिद्धि के प्रधानाध्यापक वीरेंद्र महतो मंच पर जयकारे लगाते और प्रचार करते नजर आए।
यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और स्थानीय प्रशासन तक पहुँचा। डीईओ ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए तत्काल 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा।
प्रधानाध्यापक नहीं दे पाए संतोषजनक जवाब
Motihari Headmaster Suspended: डीईओ द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बावजूद प्रधानाध्यापक वीरेंद्र महतो ने कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया। इसके बाद डीईओ ने जांच का आदेश दिया और हरसिद्धि के सहायक निर्वाची पदाधिकारी एवं बीडीओ को जांच की जिम्मेदारी सौंपी।
जांच में पाया गया कि प्रधानाध्यापक ने वास्तव में राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लिया था। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पार्टी विशेष के समर्थन में नारे लगाए और भाषण दिया।
जांच रिपोर्ट के बाद हुआ निलंबन
बीडीओ की रिपोर्ट के आधार पर डीईओ राजन कुमार गिरी ने विभागीय कार्रवाई करते हुए वीरेंद्र महतो को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन की अवधि में उनका मुख्यालय बीआरसी, रामगढ़वा निर्धारित किया गया है।
डीईओ ने आदेश में उल्लेख किया कि सरकारी सेवक का यह आचरण अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है और यह आचार संहिता के उल्लंघन के अंतर्गत दंडनीय है।
शिक्षकों में मचा हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद जिले के शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। शिक्षकों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि विभाग अब किसी भी प्रकार की राजनीतिक संलिप्तता को बर्दाश्त नहीं करेगा।
कुछ शिक्षकों ने निजी स्तर पर इसे विभाग की सख्ती बताते हुए कहा कि “सरकारी सेवा में रहते हुए राजनीतिक कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखना ही बेहतर है, वरना ऐसे ही परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।”
विभाग ने जारी की नई सख्त हिदायतें
इस घटना के बाद जिला शिक्षा कार्यालय ने सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को एक परिपत्र जारी कर चेतावनी दी है कि वे चुनावी माहौल में किसी भी राजनीतिक दल के प्रचार-प्रसार, मंच, सभा या जुलूस से दूरी बनाए रखें।
साथ ही, यह भी निर्देश दिया गया है कि विद्यालय समय में कोई भी शिक्षक बिना अनुमति के विद्यालय से अनुपस्थित नहीं रहेगा।