ओवैसी का बिहार दौरा और जनसभा में तीखा हमला
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार के मुंगेर ज़िले में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सत्ताधारी दल एनडीए और विपक्षी महागठबंधन दोनों पर तीखा प्रहार किया।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “एनडीए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में घुसपैठियों की बात करते हैं, लेकिन आज तक एक भी घुसपैठिए की पहचान नहीं कर पाए हैं।”
ओवैसी ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए विवादास्पद टिप्पणी की – “अगर भारत में कोई घुसपैठिया है, तो वह मोदी की बहन बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना हैं, जो भारत में रह रही हैं।” उनके इस बयान पर समर्थकों में उत्साह और विरोधियों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
एनडीए और महागठबंधन दोनों पर सवाल
ओवैसी ने कहा कि एनडीए हो या महागठबंधन, दोनों ने बिहार की जनता को सिर्फ़ वादों से भरमाया है।
उनके अनुसार, “एक तरफ़ भाजपा और जेडीयू सरकार ने विकास के नाम पर केवल भाषण दिए, दूसरी ओर महागठबंधन के नेता सत्ता पाने की लालसा में जनता की वास्तविक समस्याओं से मुँह मोड़ चुके हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “लालू प्रसाद यादव और उनका परिवार केवल अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहता है। ऐसे में जनता को सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए कि वह जात-पात की राजनीति से ऊपर उठकर अपने अधिकार की आवाज़ सुने।”
डॉ. मोनज़ीर हसन के समर्थन में जनता से अपील
अपने भाषण के दौरान ओवैसी ने मुंगेर विधानसभा क्षेत्र से AIMIM प्रत्याशी डॉ. मोनज़ीर हसन के पक्ष में मतदान की अपील की।
उन्होंने कहा कि “डॉ. मोनज़ीर हसन एक शिक्षित, ईमानदार और संघर्षशील व्यक्ति हैं, जो समाज के हर तबके की आवाज़ को विधानसभा में पहुंचाने का दम रखते हैं। जनता को अब पुराने चेहरों से मुक्त होकर नये नेतृत्व को मौका देना चाहिए।”
ओवैसी ने यह भी कहा कि AIMIM बिहार के पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और वंचित समुदायों की सशक्त आवाज़ बनकर उभरी है और आने वाले चुनावों में यह शक्ति निर्णायक भूमिका निभाएगी।
बिहार की सियासत में नया समीकरण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओवैसी की इस यात्रा से मुंगेर और आस-पास के क्षेत्रों में AIMIM की पकड़ मजबूत हो सकती है।
बिहार की राजनीति में अल्पसंख्यक वोट बैंक हमेशा से अहम भूमिका निभाता रहा है, और ओवैसी का यह प्रखर भाषण इसी वोट बैंक को साधने की रणनीति माना जा रहा है।
ओवैसी के बयान ने एनडीए और महागठबंधन दोनों की चुनावी रणनीति में हलचल पैदा कर दी है।
जहाँ एनडीए नेता इसे “राजनीतिक नाटक” कह रहे हैं, वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि ओवैसी का मकसद विपक्षी वोटों को बाँटना है।
जनता की प्रतिक्रिया और माहौल
मुंगेर की जनता में ओवैसी के आगमन को लेकर भारी उत्साह देखा गया।
जनसभा स्थल पर हजारों की भीड़ जमा हुई, जिसने AIMIM के झंडे लहराकर उनका स्वागत किया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ओवैसी जिस स्पष्टता से अपनी बात रखते हैं, वह आज के नेताओं में दुर्लभ है।
हालाँकि, कई मतदाताओं ने उनके विवादास्पद बयान पर आपत्ति भी जताई और कहा कि इस तरह की टिप्पणी राजनीतिक माहौल को बिगाड़ सकती है।
फिर भी, AIMIM समर्थक इसे “सत्य बोलने का साहस” कह रहे हैं।
बिहार चुनाव में ओवैसी की भूमिका पर निगाहें
ओवैसी की मुंगेर रैली के बाद अब यह साफ़ हो गया है कि AIMIM बिहार विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत से उतर रही है।
पार्टी का उद्देश्य न केवल अल्पसंख्यक मतदाताओं को जोड़ना है, बल्कि सामाजिक न्याय के एजेंडे पर नई राजनीति खड़ी करना भी है।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार, अगर AIMIM कुछ सीटों पर प्रभावशाली प्रदर्शन करती है, तो यह महागठबंधन के समीकरण को प्रभावित कर सकती है।
बिहार की राजनीति में अब एक नया मोड़ आने की संभावना है, जहाँ ओवैसी की पार्टी “तीसरा विकल्प” बनकर उभर सकती है।