तारापुर में चुनावी संघर्ष की नई पटकथा
मुंगेर जिले के तारापुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार सियासी संघर्ष अपने चरम पर है। यहां भाजपा के उम्मीदवार और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और राजद के अरुण साह के बीच टक्कर हो गई है। दोनों दल इस सीट को प्रतिष्ठा से जोड़ चुके हैं, वहीं वीआईपी पार्टी छोड़ भाजपा में आए सकलदेव विंद के मैदान में उतरने से राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं।
रविवार को खड़गपुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग जुटे। उसी दौरान सकलदेव विंद अपने समर्थकों के साथ गांव-गांव जाकर सम्राट चौधरी के पक्ष में प्रचार करते नजर आए।
सकलदेव विंद ने खोला राजनीतिक रहस्य
जब एक समाचार चैनल के संवाददाता ने सकलदेव विंद से यह पूछा कि उन्होंने महागठबंधन छोड़कर भाजपा का दामन क्यों थामा, तो उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी। विंद ने कहा —
“महागठबंधन ने हमारे साथ बड़ा छल किया। मुझे तारापुर से टिकट का वादा किया गया था, लेकिन जब मैंने अपने समर्थकों के साथ नामांकन किया, तो तेजस्वी यादव डर गए। उन्हें लगा कि एक दलित बेटा विधायक बन जाएगा, इसलिए उन्होंने तीन करोड़ रुपये लेकर टिकट अरुण साह को दे दिया।”
दलित समाज में बढ़ा विंद का प्रभाव
सकलदेव विंद ने आगे कहा कि अब उनके समाज के लोग राजद को वोट नहीं देंगे, बल्कि भाजपा और सम्राट चौधरी को भारी मतों से जिताएंगे।
उन्होंने कहा, “अब मेरा पूरा समाज कमल निशान के साथ है। सम्राट जी को जिताना हमारा संकल्प है।”
गौरतलब है कि विंद जाति मुंगेर और आसपास के इलाकों में निर्णायक भूमिका निभाती रही है। ऐसे में उनका भाजपा के साथ आना निश्चित रूप से राजद के लिए चुनौती बन गया है।
महागठबंधन की रणनीति पर सवाल
राजद की ओर से अरुण साह को टिकट दिए जाने के फैसले से कार्यकर्ताओं में भी असंतोष देखा जा रहा है। कई पुराने नेता टिकट बंटवारे की प्रक्रिया से नाराज बताए जा रहे हैं। वहीं, भाजपा इस मौके का पूरा फायदा उठाने में जुटी है।
सम्राट चौधरी लगातार अपने विकास कार्यों और नीतीश सरकार के योगदान को गिनाते हुए जनता से संपर्क कर रहे हैं।
नीतीश कुमार की सभा से बढ़ा माहौल
खड़गपुर की सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में विकास की गति रुकने नहीं दी जाएगी। उन्होंने महागठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि “जो लोग बिहार को पीछे ले गए, वही अब झूठे वादों के सहारे जनता को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं।”
सभा में सकलदेव विंद भी मंच पर मौजूद रहे और जनता से भाजपा को समर्थन देने की अपील की। भीड़ में कई बार “सम्राट चौधरी ज़िंदाबाद” और “विंद समाज एकजुट है” जैसे नारे गूंजते रहे।
राजनीतिक विश्लेषण: किसके पक्ष में झुकेगा पलड़ा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तारापुर सीट पर विंद की एंट्री से चुनाव त्रिकोणीय हो सकता है। यदि विंद समाज के वोट भाजपा की ओर शिफ्ट हो जाते हैं, तो सम्राट चौधरी की जीत सुनिश्चित हो सकती है।
वहीं, राजद अपने पुराने वोट बैंक को बचाने में जुटा है और ग्रामीण क्षेत्रों में अपने जनाधार को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
निष्कर्ष: सीट पर निगाह पूरे बिहार की
तारापुर का यह चुनाव अब सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र की लड़ाई नहीं रह गया है। यह सम्राट चौधरी और तेजस्वी यादव दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है।
सकलदेव विंद की सक्रियता और भाजपा में उनकी एंट्री ने चुनावी माहौल में नई ऊर्जा भर दी है। अब देखना होगा कि यह जोश भाजपा की जीत में बदलता है या महागठबंधन अपनी पकड़ बनाए रखता है।