छठी मइया का अपमान, बिहार की आस्था पर प्रहार
मुज़फ़्फ़रपुर, 30 अक्टूबर (वार्ता)।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में आयोजित एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि “छठी मइया” का अपमान कर इन दलों ने बिहार की संस्कृति, श्रद्धा और जनभावना का अपमान किया है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिहार की जनता इस अपमान को कभी नहीं भूलेगी और न ही माफ़ करेगी।
छठ पर्व: आस्था, समानता और संस्कृति का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छठ पर्व केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह पर्व समानता, पर्यावरण संरक्षण और परिवार की एकता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार छठ पर्व को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करवाने के प्रयास कर रही है ताकि विश्व स्तर पर इस लोक-आस्था का सम्मान हो सके।
उन्होंने कहा, “मैं जब यात्रा करता हूँ तो छठ गीत सुनता हूँ। एक बार नागालैंड की एक बेटी द्वारा गाया गया छठ गीत सुनकर मेरा हृदय भावविभोर हो गया। यह दर्शाता है कि यह पर्व केवल बिहार या पूर्वांचल तक सीमित नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारत की आत्मा में बस चुका है।”
कांग्रेस-राजद के लिए ‘छठ’ केवल नौटंकी: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस और राजद के लिए यह महान पर्व केवल “नौटंकी” बन गया है। उन्होंने कहा, “ये लोग आस्था को राजनीति की सीढ़ी बनाना चाहते हैं। लेकिन बिहार की जनता जानती है कि छठ की महिमा शब्दों से नहीं, भावों से मापी जाती है।”
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हालिया बयान की आलोचना करते हुए कहा कि “जो लोग गंगा-यमुना की पवित्रता का मज़ाक उड़ाते हैं, वे बिहार की भावना को नहीं समझ सकते।” राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर “छठ स्नान की नौटंकी” करने का आरोप लगाया था। इस पर पलटवार करते हुए मोदी ने कहा, “यह कहना कि छठ पूजा नाटक है, बिहार की माताओं-बहनों की आस्था पर प्रहार है।”
‘राजद-कांग्रेस का रिश्ता तेल और पानी जैसा’
प्रधानमंत्री ने विपक्षी गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा, “राजद और कांग्रेस का रिश्ता तेल और पानी जैसा है — ऊपर-ऊपर साथ दिखते हैं, पर दिल से अलग हैं। इनका उद्देश्य केवल सत्ता पाना है, जनता की सेवा नहीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों दल बिहार को फिर से अपराध, भ्रष्टाचार और कुशासन की ओर धकेलना चाहते हैं। मोदी ने कहा कि राजद शासन के दौरान हर साल हजारों अपहरण और लूट की घटनाएँ होती थीं, और अब वही दौर लाने की कोशिश की जा रही है।
‘पाँच K’ का आरोप: कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और भ्रष्टाचार
मोदी ने कहा कि कांग्रेस-राजद गठबंधन पाँच “K” का प्रतीक है —
कट्टा (अवैध हथियार), क्रूरता, कटुता, कुशासन और भ्रष्टाचार।
उन्होंने कहा कि यह गठबंधन बिहार की शांति और विकास के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है।
प्रधानमंत्री ने यह भी दावा किया कि राज्य के विभिन्न इलाकों से खबरें आ रही हैं कि दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर झगड़े हो रहे हैं। इससे यह स्पष्ट है कि उनकी एकता केवल चुनाव तक सीमित है।
‘एनडीए विकास और संस्कृति का प्रहरी’
प्रधानमंत्री मोदी ने जनता से अपील की कि वे “सुशासन” को चुनें और बिहार की आस्था व संस्कृति की रक्षा करें। उन्होंने कहा, “एनडीए सरकार ने हमेशा छठ जैसी परंपराओं को सम्मान दिया है। हम विकास के साथ संस्कृति का संरक्षण भी कर रहे हैं।”
उन्होंने भीड़ से “फिर एक बार NDA सरकार” और “फिर एक बार सुशासन सरकार” के नारे लगवाए। मोदी ने कहा कि बिहार अब उन दिनों में लौटना नहीं चाहता जब अपराध और भय का वातावरण था।
‘बिहार की जनता देगी जवाब’
प्रधानमंत्री ने कहा, “यह चुनाव केवल विकास का नहीं, बल्कि सम्मान और आस्था का भी है। जो लोग छठ जैसी पवित्र परंपरा का अपमान करेंगे, बिहार की जनता उन्हें लोकतांत्रिक रूप से जवाब देगी।”
उन्होंने सभा के अंत में कहा कि बिहार का हर घर, हर माँ, हर बेटी छठ की मइया के आशीर्वाद से जुड़ी है, और “इस भावनात्मक बंधन को राजनीति के कीचड़ से कोई गंदा नहीं कर सकता।”
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।